भारत के उद्योग

नमस्कार दोस्तों Sarkaripen.com में आप लोगो का स्वागत है क्या आप भारत के उद्योग की जानकारी पाना चाहते है , आज के समय किसी भी नौकरी की प्रतियोगिता की दृष्टि से यह एक महत्वपूर्ण विषय है तथा Bharat ke udhyog in hindi की जानकारी होना बहुत आवश्यक है इसलिए आज हम Bharat ke udhyog विषय के बारे में बात करेंगे । निचे Industries of india की जानकारी निम्नवत है ।

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Industries of india

लौह-इस्पात उद्योग ( Iron-Steel Industry )

⦿ देश में पहला लौह-इस्पात कारखाना 1874 ई. में बराकर नदी के किनारे कुल्टी ( आसनसोल, पश्चिम बंगाल ) नामक स्थान पर बंगाल आयरन वर्क्स ( BIW ) के रूप में स्थापित किया गया था । बाद में यह कंपनी फण्ड के अभाव में बंद हो गयी तो इसे बंगाल सरकार ने अधिग्रहण कर लिया और इसका नाम बराकर आयरन वर्क्स रखा ।
⦿ देश में सबसे पहला बड़े पैमाने का कारखाना 1907 ई. में तत्कालीन बिहार राज्य में स्वर्णरेखा नदी की घाटी में साकची नामक स्थान पर जमशेदजी टाटा द्वारा स्थापित किया गया था ।

स्वतंत्रता के पूर्व स्थापित लौह-इस्पात कारखाना

1. भारतीय लौह-इस्पात कम्पनी : इसकी स्थापना 1918 ई. में पश्चिम बंगाल की दामोदर नदी घाटी में हीरापुर ( बाद में इसे बर्नपुर कहा गया ) नामक स्थान पर की गयी थी । यहाँ 1922 ई. से उत्पादन शुरू हुआ । आगे चलकर कुल्टी, बर्नपुर तथा हीरापुर स्थित संयंत्रों को इसमें मिला दिया गया ।

2. मैसूर आयरन एण्ड स्टील वर्क्स : 1923 ई. में मैसूर राज्य ( वर्तमान कर्नाटक ) के भद्रावती नामक स्थान पर स्थापित की गयी थी । इसका वर्तमान नाम विश्वेश्वरैया आयरन एण्ड स्टील कम्पनी लिमिटेड ( VISCL ) है ।

3. स्टील कार्पोरेशन ऑफ बंगाल : इसकी स्थापना 1937 ई. बर्नपुर ( पश्चिम बंगाल ) में की गयी । बाद में 1953 ई. में इसे भारतीय लौह-इस्पात कम्पनी में मिला दिया गया ।

स्वतंत्रता के पश्चात स्थापित लौह-इस्पात कारखाना


दूसरी पंचवर्षीय योजनाकाल ( 1956-61 ई. ) में स्थापित कारखाना

1. भिलाई इस्पात संयंत्र : इसकी स्थापना 1955 ई. में तत्कालीन मध्य प्रदेश के भिलाई ( दुर्ग जिला, छतीसगढ़ ) में पूर्व सोवियत संघ की सहायता से की गयी थी । 1959 में इसमें उत्पादन प्रारंभ हो गया ।

2. हिन्दुस्तान स्टील लिमिटेड, राउरकेला : इसकी स्थापना 1959 में ओडिशा के राउरकेला नामक स्थान पर पश्चिमी जर्मनी की सहायता से की गयी थी ।

3. हिन्दुस्तान स्टील लिमिटेड, दुर्गापुर : इसकी स्थापना 1956 ई. में पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर नामक स्थान पर ब्रिटेन की सहायता से की गयी थी । 1962 में इसमें उत्पादन प्रारंभ हो गया ।

तृतीय पंचवर्षीय योजनाकाल में स्थापित कारखाना

बोकारो स्टील प्लान्ट : इसकी स्थापना 1964 ई. में तत्कालीन बिहार राज्य ( अब झारखंड ) के बोकारो नामक स्थान पर पूर्व सोवियत संघ की सहायता से की गई थी ।

चौथी पंचवर्षीय योजनाकाल में स्थापित कारखाना

1. सलेम इस्पात सयंत्र : सलेम ( तमिलनाडु ) ।
2. विशाखापत्तनम इस्पात संयंत्र : विशाखापत्तनम ( आन्ध्रप्रदेश ) ।
3. विजयनगर इस्पात संयंत्र : हास्पेट वेलारी जिला ( कर्नाटक ) ।

⦿ स्टील ऑथोरिटी ऑफ इंडिया ( SAIL ) : 24 जनवरी, 1973 ई. को 2,000 करोड़ की पूँजी के साथ भारत इस्पात प्राधिकरण ( Steel Authority of India ) को भिलाई, दुर्गापुर, बोकारो, राउरकेला, बर्नपुर, सलेम एवं विश्वेश्वरैया लौह इस्पात कारखाना को एक साथ मिलाकर संचालन करने की जिम्मेदारी दी गई ।

⦿ वर्ष 2014 ई. में भारत चीन, जापान तथा USA के बाद विश्व का चौथा सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक देश है । स्पंज आयरन के उत्पादन में भारत का विश्व में प्रथम स्थान है ।

⦿ भारत का पहला तटवर्ती इस्पात कारखाना विशाखापत्तनम ( आन्ध्र प्रदेश ) में लगाया गया ।

एल्युमिनियम उद्योग ( Aluminum Industry )

⦿ भारत में एल्युमिनियम का पहला कारखाना 1937 ई. में प. बंगाल में आसनसोल के निकट जे. के. नगर में स्थापित किया गया था ।

⦿ 1938 ई. में चार कारखाने, तत्कालीन बिहार राज्य के मुरी, केरल के अंल्वाय, पश्चिम बंगाल के वेलूर व ओडिशा के हीराकुड में स्थापित किये गये ।

⦿ हिन्दुस्तान एल्युमिनियम कार्पोरेशन ( हिण्डाल्को ) की स्थापना तत्कालीन मध्य प्रदेश के कोरबा नामक स्थान पर की गयी ।

⦿ मद्रास एल्युमिनियम कम्पनी तमिलनाडु के मैटूर में स्थापित की गयी ।

भारत की प्रमुख एल्युमिनियम कंपनी
कंपनी सहायक देश प्रमुख केंद्र
बाल्को सोवियत संघ कोरबा एवं कोयना
नाल्को फ्रांस दामनजोड़ी ( ओडिसा )
हिंडाल्को यू. एस. ए. रेणुकूट ( उत्तर प्रदेश )
इंडाल्को कनाडा J. K. नगर , मुरी , अल्वाय
माल्को इटली चेन्नई , मेट्टूर , सलेम
वेदांत जर्मनी झारसुगुड़ा

⦿ एल्युमिनियम उत्पादन करने में भारत का विश्व में आठवाँ स्थान है ।

⦿ नेशनल एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड ( नाल्को ), देश के सबसे बड़े समन्वित, एल्युमिनियम संयंत्र परिसर का गठन 7 जनवरी, 1981 ई. को किया गया था । इसका पंजीकृत कार्यालय भुवनेश्वर में है ।

सूती वस्त्र उद्योग ( Cotton Textile Industry )

⦿ आधुनिक ढंग से सूती वस्त्र की पहली मिल की स्थापना 1818 ई. में कोलकाता के समीप फोर्ट ग्लास्टर में की गयी थी, किन्तु यह असफल रही थी ।

⦿ सबसे पहला सफल आधुनिक सूती कपड़ा कारखाना 1854 ई. में बम्बई में कवासजी डावर द्वारा खोला गया, जिसमें 1856 ई. से उत्पादन प्रारंभ हुआ ।

⦿ सूती वस्त्र उद्योग का सर्वाधिक केन्द्रीकरण महाराष्ट्र एवं गुजरात राज्य में है । अन्य प्रमुख राज्य हैं- पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, आन्ध्र प्रदेश, केरल, उत्तर प्रदेश ।

⦿ मुम्बई को भारत के सूती वस्त्रों की राजधानी के उपनाम से जाना जाता है ।

⦿ कानपुर को उत्तर भारत का मैनचेस्टर कहा जाता है ।

⦿ कोयम्बटूर को दक्षिण भारत का मैनचेस्टर कहा जाता है ।

⦿ अहमदाबाद को भारत का बोस्टन कहा जाता है ।

⦿ भारतीय अर्थव्यवस्था में कपड़ा उद्योग का स्थान कृषि के बाद दूसरा है । यह भारत का सबसे प्राचीन उद्योग है । यह देश का सबसे बड़ा संगठित एवं व्यापक उद्योग है । यह उद्योग देश में कृषि के बाद रोजगार प्रदान करने वाला दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है ।

⦿ औद्योगिक उत्पादन में वस्त्र उद्योग का योगदान 14% है । देश के सकल घरेलू उत्पाद ( जी.डी.पी. ) में यह उद्योग 4% एवं देश की निर्यात आय में 11% योगदान है ।

⦿ रोजगार प्रदान करने की दृष्टि से कृषि के बाद वस्त्र उद्योग दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है ।

जूट उद्योग ( Jute Industry )

⦿ सोने का रेशा ( Golden fibre ) के नाम से मशहूर जूट के रेशों से सामानों का निर्माण करने में भारत को विश्व में प्रथम स्थान प्राप्त है ।

⦿ इसका पहला कारखाना कोलकाता के समीप रिशरा नामक स्थान पर 1855 ई. में लगाया गया था ।

⦿ भारतीय जूट निगम की स्थापना 1971 ई. में जूट के आयात, निर्यात एवं आन्तरिक बाजार की देखभाल के लिए की गयी है ।

⦿ भारत विश्व के 35% जूट के सामानों का निर्माण करता है और दूसरा बड़ा निर्यातक राष्ट्र है ।

जुट उद्योग से सम्बंधित प्रमुख स्थान
राज्य प्रमुख स्थान
पश्चिम बंगाल टीटागढ़, रिशरा, बाली, अगर पाड़ा, बांसबेरियाँ, कान किनारा, उलबेरिया, सीरामपुर, बजबज, हावड़ा, श्यामनगर, शिवपुर, सियालदह, बिरलापुर, होलीनगर, बैरकपुर
आन्ध्र प्रदेश विशाखापत्तनम, गुण्टूर
उत्तर प्रदेश  कानपुर, सहजनवाँ ( गोरखपुर )
बिहार पूर्णिया, कटिहार, सहरसा, दरभंगा

नोट: अन्तर्राष्ट्रीय जूट संगठन की स्थापना 1984 में हुई थी । इसका मुख्यालय ढाका में है ।

चीनी उद्योग ( Sugar Industry )

⦿ भारत में आधुनिक चीनी उद्योग की शुरुआत 1903 ई. में बिहार में पहली चीनी मिल की स्थापना के साथ हुई ।

⦿ भारत के निम्न राज्य चीनी उद्योग से संबंधित हैं-

राज्य सम्बंधित स्थान
उत्तर प्रदेश देवरिया, भटनी, पड़रौना, गोरखपुर, गौरी बाजार, सिसवाँ बाजार, बस्ती, बलरामपुर, गोंडा, बाराबंकी, सीतापुर, हरदोई, विजनौर, मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, बुलन्दशहर, कानपुर, फैजाबाद एवं मुजफ्फरनगर आदि
बिहार मोतिहारी, सुगौली, मझौलिया, चनपटिया, नरकटियागंज, मढ़ौरा, सासामूसा, मोतीपुर, गोपालगंज, डालमियानगर, सारण, समस्तीपुर, दरभंगा, चम्पारण, हसनपुर आदि
महाराष्ट्र मनसद, नासिक, अहमदनगर, पूना, शोलापुर एवं कोल्हापुर
पश्चिम बंगाल तेलडांगा, पलासी, हावड़ा एवं मुर्शिदाबाद
पंजाब हमीरा, फगवाड़ा, अमृतसर
हरियाणा जगधारी एवं रोहतक
तमिलनाडु अरकाट, मदुरै, कोयम्बटूर, तिरुचिरापल्ली
आन्ध्र प्रदेश सीतापुरम्, पीठापुरम्, बेजवाड़ा, हास्पेट एवं साभल कोट
राजस्थान गंगानगर, भूपाल सागर

सीमेन्ट उद्योग ( Cement Industry )

⦿ विश्व में सबसे पहले आधुनिक रूप से सीमेन्ट का निर्माण 1824 ई. में ब्रिटेन के पोर्टलैंड नामक स्थान पर किया गया था ।

⦿ भारत में आधुनिक ढंग से सीमेन्ट बनाने का पहला कारखाना 1904 ई. में मद्रास में लगाया गया था, जो असफल रहा ।

⦿ मद्रास के कारखाने के बाद 1912-13 की अवधि में इंडियन सीमेन्ट कम्पनी लि. द्वारा गुजरात के पोरबन्दर नामक स्थान पर कारखाने की स्थापना की गयी, जिसमें 1914 ई. से उत्पादन प्रारंभ हुआ ।

⦿ एसोसिएट सीमेन्ट कम्पनी लि. ( A.C.C. ) की स्थापना 1936 ई. में की गयी थी ।

भारत के  सीमेंट उत्पादक राज्य
राज्य  स्थान
मध्य प्रदेश सतना, कटनी, जबलपुर, रतलाम
छत्तीसगढ़ दुर्ग, जामुल, तिलदा, मंधार, अलकतरा
झारखंड जपला, खेलारी, कल्याणपुर, सिन्दरी और झींकपानी
आंध्र प्रदेश कृष्णा, विजयवाड़ा, मनचेरियल, मछेरिया, पनयम
कर्नाटक भोजपुर, भद्रावती, बागलकोट, बंगलुरु
तमिलनाडु डालमियापुरम्, मधुकराय, तुलकापट्टी
गुजरात पोरबन्दर/द्वारका, सीका (जामनगर), भावनगर, सेवालियम और रानायाय
हरियाणा चरखी दादरी
ओडिशा राजगंगपुर
उत्तर प्रदेश मिर्जापुर, चुर्क
केरल कोट्टायम
पंजाब सूरजपुर
राजस्थान जयपुर, लखेरी

कागज उद्योग ( Paper Industry )

⦿ कागज का पहला सफल कारखाना 1879 में लखनऊ में लगाया गया ।

⦿ मध्यप्रदेश के नेपानगर में अखबारी कागज तथा होशंगाबाद में नोट छापने के कागज बनाने का सरकारी कारखाना है ।

कागज के प्रमुख उत्पादक राज्य
राज्य प्रमुख स्थान
पश्चिम बंगाल टीटागढ़, रानीगंज, नैहाटी, त्रिवेणी, कोलकाता, हुगली, बड़ानगर, शिवराफूली
आंध्र प्रदेश राजमहेन्द्री, तिरुपति आदि
तेलंगाना सिरपुर, कागजनगर
उत्तर प्रदेश सिकन्दराबाद, मेरठ, सहारनपुर, पिपराइच, मुजफ्फरनगर, पिलखुआ, लखनऊ, नैनी
झारखण्ड संथाल, परगना
बिहार पटना, बरौनी, समस्तीपुर आदि
मध्य प्रदेश नेपानगर ( अखबारी कागज बनाने का सरकारी करखाना )
तमिलनाडु पट्टीपलायम ( सलेम ), चरणमहादेवी ( तिरुनलवैली ) व पालनी
महाराष्ट्र मुम्बई, पुणे, बल्लारपुर, चन्द्रपुर, कल्याण, कराड, पिम्परी, भिवण्डी, रोहा
गुजरात वापी, सूरत, बड़ोदरा, राजकोट, बरजोद, उदावाड़ा आदि

रासायनिक उर्वरक उद्योग ( Chemical Fertilizer Industry )

⦿ ऐतिहासिक रूप से देश में सुपर फॉस्फेट उर्वरक का पहला कारखाना 1906 ई. में तमिलनाडु के रानीपेट नामक स्थान पर स्थापित किया गया था ।

⦿ 1944 में कर्नाटक के बैलेगुला नामक स्थान पर मैसूर केमिकल्स एण्ड फर्टिलाइजर्स के नाम से अमोनिया उर्वरक का कारखाना लगाया गया ।

⦿ 1947 ई. में अमोनियम सल्फेट का पहला कारखाना केरल के अल्वाय नामक स्थान पर खोला गया ।

⦿ भारतीय उर्वरक निगम की स्थापना 1951 ई. में की गयी, जिसके तहत एशिया का सबसे बड़ा उर्वरक संयंत्र सिन्दरी में स्थापित किया गया ।

⦿ भारत पोटाश उर्वरक के लिए पूरी तरह आयात पर निर्भर है ।

⦿ भारत में नाइट्रोजनी उर्वरक की खपत सबसे अधिक है । भारत सरकार कृषि में नीम आलोपित यूरिया के उपयोग को बढ़ावा दे रही है, क्योंकि नीम लेप मृदा में यूरिया के घुलने की दर को धीमा कर देता है ।

⦿ भारत में प्रति हेक्टेयर उर्वरक खपत में प्रथम स्थान पंजाब का है, और दूसरा एवं तीसरा स्थान क्रमशः आन्ध्र प्रदेश तथा हरियाणा का है ।

⦿ कोक आधारित उर्वरक इकाइयाँ तालचर ( ओडिशा ), रामागुण्डम ( आन्ध्रप्रदेश ) तथा कोरबा ( छत्तीसगढ़ ) में अवस्थित है ।

⦿ कृभको का गैस आधारित यूरिया - अमोनिया संयंत्र हाजिरा ( गुजरात ) में हैं ।

⦿ उत्तरप्रदेश के शाहजहाँपुर एवं जगदीशपुर के कारखाना भी गैस आधारित है ।

भारत के प्रमुख रासायनिक उर्वरक उत्पादक राज्य
राज्य प्रमुख स्थान
उत्तर प्रदेश कानपुर, गोरखपुर, इलाहाबाद ( फूलपुर )
महाराष्ट्र मुम्बई, ट्राम्बे, अम्बरनाथ एवं लोनी
पश्चिम बंगाल बर्नपुर, हल्दिया, रिशरा तथा खारदाह
कर्नाटक मंगलुरु, बेलागुला तथा मुनीराबाद
गुजरात कांडला, बड़ोदरा, हजीरा, भावनगर
आंध्र प्रदेश विशाखापत्तनम, तादेपल्ली, तनूकू
तमिलनाडु  न्येबेली, रानीपेट, इन्नौर, कोयम्बटूर, तूतीकोरीन आवाडी एवं मनाली
झारखंड सिन्दरी
राजस्थान खेतड़ी, सलादीपुर एवं कोटा
बिहार बरौनी
ओडिशा राउरकेला, तलचर

जलयान निर्माण उद्योग

⦿ भारत में जलयान निर्माण का प्रथम कारखाना 1941 ई. में सिन्धिया स्टीम नेवीगेशन कंपनी द्वारा विशाखापत्तनम में स्थापित किया गया था । 1952 ई. में भारत सरकार द्वारा इसका अधिग्रहण करके हिन्दुस्तान शिपयार्ड विशाखापत्तनम नाम दिया गया है ।

⦿ सार्वजनिक क्षेत्र की अन्य इकाइयाँ जो जलयानों का निर्माण करती हैं— 1. गार्डेनरीच वर्कशॉप लि.-कोलकाता ( पश्चिम बंगाल ) 2. गोवा शिपयार्ड लि.- ( गोवा ) 3. मँझगाँव डाक लि.- मुम्बई ( महाराष्ट्र ) ।

वायुयान निर्माण उद्योग

⦿ भारत में वायुयान निर्माण का प्रथम कारखाना 1940 ई. में बंगलुरु में हिन्दुस्तान एअरक्राफ्ट कम्पनी के नाम से स्थापित किया गया है । अब इसे हिन्दुस्तान एअरोनॉटिक्स लि. के नाम से जाना जाता है । आज बंगलुरु में ही इसकी पाँच इकाइयाँ तथा कोरापुट, कोरवा, नासिक, बैरकपुर, लखनऊ, हैदराबाद तथा कानपुर में एक-एक इकाइयाँ वायुयानों के निर्माण कार्य में संलग्न हैं ।

मोटरगाड़ी उद्योग

⦿ मोटरगाड़ी उद्योग को विकास उद्योग के नाम से जाना जाता है ।

⦿ इस उद्योग से संबंधित प्रमुख इकाइयाँ हैं— हिन्दुस्तान मोटर ( कोलकाता ), प्रीमियर ऑटोमोबाइल्स लि. ( मुम्बई ), अशोक लिलैण्ड ( चेन्नई ), टाटा इंजीनियरिंग एण्ड लोकोमोटिव कम्पनी लि. ( जमशेदपुर ), महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा लि. ( पुणे ), मारुति उद्योग लि. गुड़गाँव ( हरियाणा ), सनराइज इण्डस्ट्रीज ( बंगलुरु ) ।

दवा निर्माण उद्योग

⦿ प्रमुख स्थान : मुम्बई, दिल्ली, कानपुर, हरिद्वार, ऋषिकेश, अहमदाबाद, पुणे, पिम्परी ( पेन्सिलीन ), मथुरा, हैदराबाद आदि ।

शीशा उद्योग ( Lead Industry )

⦿ भारत में शीशा उद्योग का केन्द्रीयकरण रेल की सुविधा वाले स्थानों में देखने को मिलता है । इस उद्योग का विकास मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र एवं तमिलनाडु राज्य में हुआ है ।

⦿ फिरोजाबाद एवं शिकोहाबाद भारत में शीशा उद्योग के महत्वपूर्ण केन्द्र हैं ।

शीशा उद्योग के महत्वपूर्ण केंद्र
राज्य स्थान
पश्चिम बंगाल बेलगछिया, सीतारामपुर, रिसड़ा, बर्द्धवान, रानीगंज, आसनसोल
झारखण्ड जमशेदपुर, हजारीबाग, धनबाद
महाराष्ट्र मुम्बई, पुणे, दादर, सतारा, शोलापुर एवं नागपुर
गुजरात बड़ौदा, मौरवी
बिहार पटना एवं कहलगाँव
राजस्थान जयपुर
उत्तर प्रदेश नैनी, रामनगर, बहजोई, बालाबाली एवं फिरोजाबाद
अन्य स्थान अम्बाला, अमृतसर, हैदराबाद, जबलपुर, बंगलुरु व गुवाहाटी

अभियान्त्रिकी उद्योग

⦿ प्रमुख स्थान : हटिया, दुर्गापुर, विशाखापत्तनम, नैनी, बंगलुरु, अजमेर, जादवपुर आदि ।

⦿ भारी इंजीनियरिंग निगम लि. ( H.E.C. ) राँची की स्थापना 1958 ई. में की गयी थी ।

रेल उपकरण उद्योग

⦿ चित्तरंजन ( पश्चिम बंगाल ) रेल के इंजन बनाने का सबसे पुराना कारखाना है । इस कारखाने की स्थापना 26 जनवरी, 1950 के दिन चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स के नाम से हुई । वर्तमान में वहाँ विद्युत् इंजन का निर्माण हो रहा है ।

⦿ डीजल से चलने वाले इंजनों का निर्माण वाराणसी में होता है ।

⦿ रेलवे इंजन निर्माण का कार्य जमशेदपुर ( झारखंड ) में भी होता है ।

⦿ रेल के डिब्बे बनाने का प्रमुख केन्द्र चेन्नई के समीप पेराम्बूर नामक स्थान पर सन् 1952 में स्थापित किया गया और इसमें उत्पादन की शुरुआत 2 अक्टूबर, 1955 से हुई । इसके अन्य प्रमुख केन्द्र बंगलुरु तथा कोलकाता है ।

⦿ पंजाब के कपूरथला में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री की स्थापना की गई है ।

⦿ रायबरेली ( उत्तर प्रदेश ) व कचरापारा ( प. बंगाल ) में रेलवे कोच फैक्ट्री की नई उत्पादन इकाई लगायी गयी है ।

⦿ केरल के पालाकाड में भी रेल कोच फैक्ट्री लगाया जा रहा है । बिहार के मढ़ौरा में डीजल इंजन व मधेपुरा में विद्युत इंजन कारखाना लगाया जा रहा है ।

⦿ छपरा ( बिहार ) में रेल ह्वील फैक्ट्री स्थापित की गई है । पश्चिम बंगाल के दनकुनी में विद्युत व डीजल इंजन के अवयव बनाने की दो फैक्ट्री लगाई जा रही है ।

उद्योग से सम्बंधित प्रमुख बोर्ड एवं स्थापना वर्ष
बोर्ड स्थापना वर्ष
कुटीर उद्योग बोर्ड 1948
केन्द्रीय सिल्क बोर्ड 1949
अखिल भारतीय हथकरघा बोर्ड 1950
अखिल भारतीय खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड 1954
अखिल भारतीय हस्तकला बोर्ड 1953
लघु उद्योग बोर्ड 1954
केन्द्रीय विक्रय संगठन ( चेन्नई ) 1958

नोट: आई.आई.टी. रूड़की में देश के पहले रेलवे इंजन थामसन को संरक्षित किया गया है ।

ऊनी वस्त्र उद्योग

⦿ भारत में ऊनी वस्त्र की पहली मिल 1876 ई. में कानपुर में स्थापित की गई, परन्तु इस उद्योग का वास्तविक विकास 1950 ई. के बाद ही हुआ है । पंजाब में लुधियाना, जालंधर, धारीवाल, अमृतसर इस उद्योग के महत्वपूर्ण केन्द्र हैं ।

⦿ ब्रिटेन, यू. एस. ए., कनाडा, जर्मनी आदि भारतीय कालीनों के महत्वपूर्ण आयातक हैं ।

ऊनी वस्त्र के महत्वपूर्ण केन्द्र
राज्य स्थान
कर्नाटक बंगलुरु, मैसूर
पंजाब अमृतसर, धारीवाल
जम्मू-कश्मीर श्रीनगर
उत्तर प्रदेश मिर्जापुर, आगरा, मुजफ्फरनगर, शाहजहांपुर
राजस्थान जयपुर, भीलवाड़ा, बीकानेर, जोधपुर

नोट: चीरु या तिब्बती एंटीलोप एक विलुप्तप्राय जीव है, जिसका शिकार ' शाहतूश ' नामक इसके ऊन के लिए होता है जो वजन में हल्का एवं अत्यधिक गर्म होता है ।

बिजली के सामान

⦿ भोपाल, हरिद्वार, रामचन्द्रपुरम ( हैदराबाद ), तिरुचिरापल्ली एवं कोलकाता बिजली के समान बनाने के महत्वपूर्ण केन्द्र हैं ।

टेलीफोन उद्योग

⦿ बंगलुरु एवं रूपनारायणपुर टेलीफोन उद्योग के महत्वपूर्ण केन्द्र हैं ।

रेशम उद्योग

⦿ भारत एक ऐसा देश है जहाँ शहतूती, एरी, तसर एवं मूंगा सभी चार किस्मों की रेशम का उत्पादन होता है । मूंगा रेशम उत्पादन में भारत को एकाधिकार प्राप्त है ।

रेशम से सम्बंधित संस्थान एवं स्थान
संस्थान स्थान
केन्द्रीय रेशम अनुसंधान प्रशिक्षण मैसूर एवं ब्रह्मपुर
केन्द्रीय ईरी रेशम अनुसंधान मेन्दी पाथर ( मेघालय )
केन्द्रीय टसर अनुसंधान प्रशिक्षण राँची ( झारखंड )

⦿ कर्नाटक देश का 41% से अधिक कच्चा रेशम उत्पादन करता है । यहाँ शहतूती ( मलबरी ) रेशम बनाया जाता है । यहाँ देश का 56% रेशमी धागा बनाया जाता है ।

⦿ रेशम उत्पादन आन्ध्रप्रदेश ( 35% ) दूसरे स्थान पर है ।

⦿ भारत के कुल कपड़ा निर्यात में रेशमी वस्त्रों का योगदान लगभग 3% है ।

⦿ गैर-शहतूती रेशम मुख्यतः असम, बिहार और मध्यप्रदेश से प्राप्त होता है ।

रेशम उद्योग  प्रमुख केंद्र
राज्य प्रमुख केंद्र
जम्मू-कश्मीर श्रीनगर, जम्मू, उधमपुर, अनन्तनाग, बारामूला
पंजाब अमृतसर, गुरुदासपुर, होशियारपुर, लुधियाना
तमिलनाडु सलेम, तंजौर, कांजीवरम्, तिरुचिरापल्ली, कोयम्बटूर
पश्चिम बंगाल मुर्शिदाबाद, बांकुड़ा, हावड़ा, चौबीस परगना
गुजरात अहमदाबाद, सूरत, भावनगर, पोरबंदर
बिहार पटना, भागलपुर, गया
कर्नाटक बंगलुरु, मैसूर
उत्तर प्रदेश मिर्जापुर, वाराणसी, शाहजहाँपुर

नोट: भारत चीन के बाद विश्व का द्वितीय रेशम उत्पादक देश ( 18% ) है ।

चर्म उद्योग

⦿ भारत में चर्म उद्योग के मुख्य केन्द्र कानपुर, आगरा, मुम्बई, कोलकाता, पटना तथा बंगलुरु है ।

⦿ कानपुर चर्म उद्योग का सबसे बड़ा केन्द्र है। यह जूते बनाने के लिए प्रसिद्ध है ।

यह भी देखें
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