संविधान संशोधन एवं आकस्मिकता निधि
नमस्कार दोस्तों Sarkaripen.com में आप लोगो का स्वागत है क्या आप आकस्मिकता निधि एवं संविधान संशोधन की जानकारी पाना चाहते है , आज के समय किसी भी नौकरी की प्रतियोगिता की दृष्टि से यह एक महत्वपूर्ण विषय है तथा Akasmikta nidhi ewam samvidhan sanshodhan in hindi की जानकारी होना बहुत आवश्यक है , इसलिए आज हम Akasmikta nidhi ewam samvidhan sanshodhan के बारे में बात करेंगे । निचे Contingency Fund and Constitution Amendment निम्नवत है ।
⦿ संविधान का ( अनुच्छेद - 267 ) संसद और राज्य विधान मंडल को , यथास्थिति , भारत या राज्य की आकस्मिकता निधि सर्जित करने की शक्ति देता है ।
⦿ यह निधि , भारत की आकस्मिकता अधिनियम , 1950 ई . द्वारा गठित की गई है । यह निधि कार्यपालिका के व्यवनाधीन है ।
⦿ जब तक विधान मंडल अनुपूरक , अतिरिक्त या अधिक अनुदान द्वारा ऐसे व्यय को प्राधिकृत नहीं करता है , तब तक समय समय पर अनवेक्षित व्यय करने के प्रयोजन के लिए कार्यपालिका इस निधियों से अग्रिम धन दे सकती है । इस निधि में कितनी रकम हो यह समुचित विधान मंडल विनियमित करेगा ।
संविधान संशोधन
⦿ संविधान के अनुच्छेद - 368 में संशोधन की प्रक्रिया का उल्लेख किया गया है । इसमें संशोधन की तीन विधियों को अपनाया गया है-
साधारण विधि द्वारा
⦿ संसद के साधारण बहुमत द्वारा पारित विधेयक राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने पर कानून बन जाता है । इसके अन्तर्गत राष्ट्रपति की पूर्व अनुमति मिलने पर निम्न संशोधन किये जा सकते हैं -
(a) नये राज्यों का निर्माण ।
(b) राज्य क्षेत्र , सीमा और नाम में परिवर्तन ।
(c) संविधान की नागरिकता संबंधी अनुसूचित क्षेत्रों और जनजातियों की प्रशासन संबंधी तथा केन्द्र द्वारा प्रशासित क्षेत्रों की प्रशासन संबंधी व्यवस्थाएँ ।
विशेष बहुमत द्वारा संशोधन
⦿ यदि संसद के प्रत्येक सदन द्वारा कुल सदस्यों का बहुमत तथा उपस्थित और मतदान में भाग लेनेवाले सदस्यों के 2 / 3 मतों से विधेयक पारित हो जाये तो राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलते ही वह संशोधन संविधान का अंग बन जाता है । न्यायपालिका तथा राज्यों के अधिकारों तथा शक्तियों जैसी कुछ विशिष्ट बातों को छोड़कर संविधान की अन्य सभी व्यवस्थाओं में इसी प्रक्रिया के द्वारा संशोधन किया जाता है ।
संसद के विशेष बहुमत एवं राज्य विधानमंडलों की स्वीकृति से संशोधन
⦿ संविधान के कुछ अनुच्छेदों में संशोधन के लिए विधेयक को संसद के दोनों सदनों के विशेष बहुमत तथा राज्यों के कुल विधान मंडलों में से आधे द्वारा स्वीकृति आवश्यक है । इसके द्वारा किये जाने वाले संशोधन के प्रमुख विषय हैं -
(1) राष्ट्रपति का निर्वाचन ( अनुच्छेद - 54 ) ।
(2) राष्ट्रपति निर्वाचन की कार्य - पद्धति ( अनुच्छेद - 55 ) ।
(3) संघ की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार ।
(4) राज्यों की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार ।
(5) केन्द्रशासित क्षेत्रों के लिए उच्च न्यायालय ।
(6) संघीय न्यायपालिका ।
(7) राज्यों के उच्च न्यायालय ।
(8) संघ एवं राज्यों में विधायी संबंध ।
(9) सातवीं अनुसूची का कोई विषय ।
(10) संसद में राज्यों का प्रतिनिधित्व ।
(11) संविधान संशोधन की प्रक्रिया से संबंधित उपबन्ध ।
नोट : संविधान संशोधन विधेयक को किसी भी सदन में पेश किया जा सकता है । |
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