सिक्ख एवं अंग्रेज

नमस्कार दोस्तों Sarkaripen.com में आप लोगो का स्वागत है क्या आप सिक्ख एवं अंग्रेजों का इतिहास की जानकारी पाना चाहते है , आज के समय किसी भी नौकरी की प्रतियोगिता की दृष्टि से यह एक महत्वपूर्ण विषय है तथा Sikh ewam angreji Sena in hindi की जानकारी होना बहुत आवश्यक है , इसलिए आज हम Sikh ewam angrej विषय के बारे में बात करेंगे । निचे Sikh and British in india की जानकारी निम्नवत है ।

Sikh ewam angreji Sena,Sikh and British,सिक्ख एवं अंग्रेजों का इतिहास
Sikh ewam angreji Sena

⦿ सिक्ख सम्प्रदाय की स्थापना का श्रेय गुरु नानक ( प्रथम गुरु ) को है । गुरु नानक के अनुयायी ही सिक्ख कहलाए । ये बादशाह बाबर एवं हुमायूँ के समकालीन थे ।

⦿ सन् 1469 ई . की कार्तिक पूर्णिमा को नानक को आध्यात्मिक पुनर्जीवन का आभास हुआ ।

⦿ गुरुनानक ने गुरु का लंगर नामक निःशुल्क सहभागी भोजनालय स्थापित किए ।

⦿ गुरुनानक ने अनेक स्थानों पर संगत ( धर्मशाला ) और पंगत ( लंगर ) स्थापित किए ।

⦿ संगत और पंगत ने गुरुनानक के अनुयायियों के लिए एक संस्था का कार्य किया , जहाँ वे प्रतिदिन मिलते थे ।

⦿ गुरु नानक की 1538 ई . में करतारपुर में मृत्यु हो गयी ।

⦿ गुरु अंगद ( 1539 - 52 ई . ) सिक्खों के दूसरे गुरु थे । इनका प्रारम्भिक नाम लहना था ।

⦿ इन्होंने नानक द्वारा शुरू की गई लंगर - व्यवस्था को स्थायी बना दिया ।

⦿ गुरुमुखी लिपि का आरंभ गुरु अंगद ने किया ।

⦿ सिक्खों के तीसरे गुरु अमरदास ( 1552 - 1574 ई . ) थे ।

⦿ गुरु अमरदास ने हिन्दुओं से पृथक् होनेवाले कई कार्य किए । हिन्दुओं से अलग विवाह पद्धति लवन को प्रचलित किया ।

⦿ अकबर ने गुरु अमरदास से गोविन्दवाल जाकर भेंट की और गुरु - पुत्री बीबी भानी को कई गाँव दान में दिए ।

⦿ अमरदास ने 22 गद्दियों की स्थापना की और प्रत्येक पर एक महन्त की नियुक्ति की ।

⦿ बीबी के पति रामदास ( 1574 - 1581 ई . ) सिक्खों के चौथे गुरु हुए । अकबर ने बीबी भानी को 500 बीघा भूमि दी । गुरु रामदास ने इसी भूमि पर अमृतसर नामक जलाशय खुदवाया और अमृतसर नगर की स्थापना की । गुरु रामदास ने अपने तीसरे पुत्र अर्जुन को गुरु का पद सौंपा । इस प्रकार इन्होंने गुरु - पद को पैतृक बनाया ।

⦿ गुरु अर्जुन ( 1581 - 1606 ई . ) सिक्खों के पाँचवें गुरु हुए । इन्होंने सिक्खों के धार्मिक ग्रंथ आदिग्रंथ की रचना की । इसमें गुरु नानक की प्रेरणाप्रद प्रार्थनाएँ और गीत संकलित हैं ।

नोट : गुरु ग्रंथ साहिब यानी आदिग्रंथ में सिक्ख गुरुओं के साथ - साथ कबीर , नामदेव एवं रैदास की रचनाओं को भी सम्मिलित किया गया है ।

⦿ गुरु अर्जुन ने अमृतसर जलाशय के मध्य में हरमन्दर साहब का निर्माण कराया ।

⦿ राजकुमार खुसरो की सहायता करने के कारण जहाँगीर ने 1606 ई . में गुरु अर्जुन को मरवा दिया ।

⦿ सिक्खों के छठे गुरु हरगोविन्द ( 1606 - 1645 ई . ) हुए । इन्होंने सिक्खों को सैन्य संगठन का रूप दिया तथा अकाल तख्त या ईश्वर के सिंहासन का निर्माण करवाया ।

⦿ ये दो तलवार बाँधकर गद्दी पर बैठते थे एवं दरबार में नगाड़ा बजाने की व्यवस्था की । इन्होंने अमृतसर की किलेबंदी की ।

⦿ सिक्खों के सातवें गुरु हरराय ( 1645 - 61 ई . ) हुए । इन्होंने दारा शिकोह को मिलने आने पर आशीर्वाद दिया ।

⦿ सिक्खों के आठवें गुरु हरकिशन ( 1661 - 64 ई . ) हुए । इनकी मृत्यु चेचक से हो गयी । इन्हें दिल्ली जाकर गुरुपद के बारे में औरंगजेब को समझाना पड़ा था ।

⦿ सिक्खों के नौवें गुरु तेगबहादुर ( 1664 - 75 ई . ) हुए । इस्लाम स्वीकार नहीं करने के कारण औरंगजेब ने इन्हें वर्तमान शीशगंज में गुरुद्वारा के निकट मरवा दिया ।

⦿ सिक्खों के दसवें एवं अंतिम गुरु , गुरु गोविन्द सिंह ( 1675 - 1708 ई . ) हुए । इनका जन्म 1666 ई . में पटना में हुआ था ।

⦿ गुरुगोविन्द सिंह अपने को सच्चा पादशाह कहा । इन्होंने सिक्खों के लिए पाँच ‘ ककार ' अनिवार्य किया अर्थात् प्रत्येक सिक्ख को केश , कंघा , कृपाण , कच्छा और कड़ा रखने की अनुमति दी और सभी लोगों को अपने नाम के अन्त में ' सिंह ' शब्द जोड़ने के लिए कहा ।

⦿ गुरुगोविन्द सिंह का निवास स्थान आनंदपुर साहिब था एवं कार्यस्थली पाओता थी ।

⦿ इनके दो पुत्र फतह सिंह एवं जोरावर सिंह को सरहिंद के मुगल फौजदार वजीर खाँ ने दीवार में चिनवा दिया ।

⦿ 1699 ई . में वैशाखी के दिन गुरुगोविन्द सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की । पाहुल प्रणाली की शुरुआत भी गुरुगोविन्द सिंह ने की ।

⦿ गरुगोविन्द सिंह ने सिक्खों के धार्मिक ग्रंथ आदिग्रंथ को वर्तमान रूप दिया और कहा कि अब ' गुरुवाणी ' सिक्ख सम्प्रदाय के गरु का कार्य करेगी ।

⦿ गुरुगोविन्द सिंह की हत्या 1708 ई . में नांदेड़ नामक स्थान पर गुल खाँ नामक पठान ने कर दी ।

⦿ बन्दा बहादुर : इनका जन्म 1670 ई . में पुँछ जिले के रजौली गाँव में हुआ था । इसके बचपन का नाम लक्ष्मणदास था । इनके पिता रामदेव भारद्वाज राजपूत थे ।

⦿ बन्दा का उद्देश्य पंजाब में एक सिक्ख राज्य स्थापित करने का था । इसके लिए इन्होंने लौहगढ़ को राजधानी बनाया । इन्होंने गुरुनानक एवं गुरुगोविन्द सिंह नाम के सिक्के चलवाए ।

⦿ बन्दा ने सरहिन्द के मुगल फौजदार वजीर खाँ की हत्या कर दी ।

⦿ मुगल बादशाह फर्रुखशियर के आदेश पर 1716 ई . में बन्दा सिंह को गुरुदासपुर नांगल नामक स्थान पर पकड़कर मौत के घाट उतार दिया गया ।

⦿ शहादरा क़त्लगढ़ी के नाम से विख्यात है जहाँ बन्दा ने हजारों मुगल सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया था ।

⦿ बन्दा की मृत्यु के बाद सिक्ख कई छोटे - छोटे टुकड़ों में बँट गए थे , 1748 ई . में नवाब कर्पूर सिंह की पहल पर , सभी सिक्ख टुकड़ियों का दल खालसा में विलय हुआ ।

⦿ दल खालसा को जस्सासिंह आहलूवालिया के नेतृत्व में रखा गया , जिसे बाद में बारह दलों में विभाजित किया गया । इसे मिसल कहा गया ।

⦿ मिसल अरबी भाषा का शब्द है , जिसका अर्थ ' समान ' होता है ।

⦿ रणजीत सिंह : रणजीत सिंह का जन्म गुजराँवाला में 2 नवम्बर , 1780 ई . को सुकरचकिया मिसल के मुखिया महासिंह के यहाँ हुआ था । इनके दादा चरतसिंह ने 12 मिसलों में सुकरचकिया मिसल को प्रमुख स्थान दिला दिया ।

⦿ 1798 - 99 ई . में रणजीत सिंह लाहौर का शासक बना । 25 अप्रैल , 1809 ई . को चार्ल्स मेटकाफ और महाराजा रणजीत सिंह के बीच अमृतसर की संधि हुई ।

⦿ रणजीत सिंह का राज्य चार सूबों में बँटा था - पेशावर , कश्मीर , मुल्तान एवं लाहौर

⦿ महाराजा रणजीत सिंह का विदेश मंत्री फकीर अज़ीजुद्दीन एवं वित्त मंत्री दीनानाथ था ।

⦿ 7 जून , 1839 ई . में रणजीत सिंह की मृत्यु हो गयी ।

⦿ प्रथम ऑग्ल - सिक्ख युद्ध 1845 - 46 ई . में एवं द्वितीय आंग्ल - सिक्ख युद्ध 1849 ई . में हुआ ।

अंग्रेजों एवं सिक्खों के मध्य हुई संधि
1 . लाहौर की संधि : 9 मार्च , 1846 ई . ।
2 . भैरोंवाल की संधि : 22 दिसम्बर , 1846 ई . । इस संधि के तहत राजा दलीप सिंह के संरक्षण हेतु अंग्रेजी सेना का प्रवास पंजाब में मान लिया गया ।

⦿ 20 अगस्त , 1847 ई . को महारानी जिंदा को राजा दलीप सिंह से अलग कर 48 , 000 रु. वार्षिक पेंशन देकर शेखपुरा भेज दिया गया ।

⦿ द्वितीय आंग्ल - सिक्ख युद्ध के दौरान पहली लड़ाई चिलियानवाला की लड़ाई सिक्ख नेता शेर सिंह एवं अंग्रेज कमांडर गफ के मध्य लड़ी गयी । दूसरी लड़ाई गुजरात के चिनाब नदी के किनारे चार्ल्स नेपियर के नेतृत्व में अंग्रेजों ने 21 फरवरी , 1849 को लड़ी । इस युद्ध में सिक्ख बुरी तरह पराजित हुए ।

⦿ लार्ड डलहौजी की 29 मार्च , 1849 की घोषणा द्वारा संपूर्ण पंजाब का विलय अंग्रेजी राज्य में कर लिया । महाराजा दलीप सिंह को 50 , 000 पौंड की वार्षिक पेंशन दे दी गयी और उसे शिक्षा प्राप्त करने के लिए इंग्लैंड भेज दिया गया । सिक्ख राज्य का प्रसिद्ध हीरा कोहिनूर को महारानी विक्टोरिया को भेज दिया गया ।

यह भी देखें
LATEST JOB श्रोत- अमर उजाला अखबार
New Vacancy श्रोत- अमर उजाला अखबार ( आज की नौकरी ) CLICK HERE

पुस्तके ( BOOKS )
भारत का प्राचीन इतिहास CLICK HERE
भारत का मध्यकालीन इतिहास CLICK HERE
भारत का आधुनिक इतिहास CLICK HERE
विश्व इतिहास CLICK HERE
सामान्य ज्ञान CLICK HERE
भारतीय संविधान CLICK HERE
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी CLICK HERE
भारतीय अर्थव्यवस्था CLICK HERE
कंप्यूटर CLICK HERE
खेल कूद CLICK HERE
भूगोल CLICK HERE
भारत का भूगोल CLICK HERE
भौतिक विज्ञान CLICK HERE

⦿ दोस्तों अगर आप लोगो को यह जानकारी अच्छी ,महत्वपूर्ण लगी तो कृपया अपने दोस्तों के साथ जरूर share करे ।