मुगल साम्राज्य

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Mugal samrajya

⦿ मुगल वंश का संस्थापक बाबर था । बाबर एवं उत्तरवर्ती मुगल शासक तुर्क एवं सुन्नी मुसलमान थे । बाबर ने मुगल वंश की स्थापना के साथ ही पद-पादशाही की स्थापना की , जिसके तहत शासक को बादशाह कहा जाता था ।

बाबर ( 1526 - 1530 ई . )

⦿ बाबर का जन्म फरवरी , 1483 ई . में हुआ था । इसके पिता उमरशेख मिर्जा फरगाना नामक छोटे राज्य के शासक थे । बाबर फरगाना की गद्दी पर 8 जून , 1494 ई . में बैठा ।

⦿ बाबर ने 1507 ई . में बादशाह की उपाधि धारण की , जिसे अब तक किसी तैमूर शासक ने धारण नहीं की थी । बाबर के चार पुत्र थे - हुमायूँ , कामरान , असकरी तथा हिंदाल

⦿ बाबर ने भारत पर पाँच बार आक्रमण किया । बाबर का भारत के विरुद्ध किया गया प्रथम अभियान 1519 ई . में युसूफ जाई जाति के विरुद्ध था । इस अभियान में बाबर ने बाजौर और भेरा को अपने अधिकार में कर लिया ।

⦿ पानीपत के प्रथम युद्ध में बाबर ने पहली बार तुगलमा युद्ध नीति एवं तोपखाने का प्रयोग किया था । उस्ताद अली एवं मुस्तफा बाबर के दो प्रसिद्ध निशानेबाज थे , जिसने पानीपत के प्रथम युद्ध में भाग लिया था ।

बाबर द्वारा लड़े गए प्रमुख युद्ध
युद्ध वर्ष पक्ष परिणाम
पानीपत का प्रथम युद्ध 21 अप्रैल , 1526 इब्राहिम लोदी व बाबर बाबर विजयी
खानवा का युद्ध 17 मार्च , 1527 राणा साँगा एवं बाबर बाबर विजयी
चन्देरी का युद्ध 29 जनवरी , 1528 मेदनी राय एवं बाबर बाबर विजयी
घाघरा का युद्ध 6 मई , 1529 अफगानों एवं बाबर बाबर विजयी

⦿ इब्राहिम लोदी मध्यकाल का प्रथम शासक था जो युद्धस्थल में मारा गया । इसके साथ उसका मित्र ग्वालियर के राजा विक्रमजीत भी युद्धस्थल में मारा गया ।

नोट : हमायूँ ने कोहिनूर हीरा ग्वालियर के दिवंगत राजा विक्रमजीत के परिवार से प्राप्त किया था ।

⦿ बाबर को अपनी उदारता के लिए कलन्दर की उपाधि दी गयी ।

⦿ खानवा युद्ध में बाबर ने राणा साँगा के खिलाफ जिहाद का नारा दिया और युद्ध में विजय के बाद गाजी की उपाधि धारण की ।

⦿ 30 जनवरी , 1528 ई . को जहर दे देने के कारण राणा साँगा की मृत्यु हो गई ।

⦿ बाबर ने बंगाल के शासक नुसरतशाह के साथ 6 मई , 1529 को एक दूसरे की संप्रभुता का सम्मान करने का वादा करते हुए एक संधि की जिसके अनुसार नुसरतशाह ने अफगान विद्रोहियों को शरण न देने का वचन दिया ।

⦿ करीब 48 वर्ष की आयु में 26 दिसम्बर , 1530 ई . को आगरा में बाबर की मृत्यु हो गयी ।

⦿ प्रारंभ में बाबर के शव को आगरा के आरामबाग में दफनाया गया , बाद में काबुल में उसके द्वारा चुने गए स्थान पर दफनाया गया । 

⦿ बाबर की मातृभाषा तुर्की थी लेकिन वह अरबी और फारसी का भी अच्छा ज्ञाता था । बाबर ने अपनी आत्मकथा बाबरनामा ( तुर्की में ) की रचना की , जिसका अनुवाद बाद में फारसी भाषा में अब्दुल रहीम खानखाना ने किया । अपनी आत्मकथा में बाबर ने औपचारिक बागों की योजनाओं और उनके बनाने में अपनी रुचि का वर्णन किया है । अकसर ये बाग दीवार से घिरे होते थे तथा कृत्रिम नहरों द्वारा चार भागों में विभाजित आयताकार अहाते में स्थित थे । चार समान हिस्सों में बँटे होने के कारण ये चार बाग कहलाते थे ।

नोट : चार बाग बनाने की परम्परा की शुरुआत अकबर के समय से हुई ।

⦿ बाबर को मुबईयान नामक पद्यशैली का भी जन्मदाता माना जाता है ।

⦿ बाबर प्रसिद्ध नक्शबन्दी सूफी ख्वाजा उबैदुल्ला अहरार का अनुयायी था । बाबर का उत्तराधिकारी हुमांयू  हुआ ।

हुमायूँ ( 1530 - 1556 ई . )

⦿ नसीरुद्दीन हुमायूँ , 29 दिसम्बर , 1530 ई . को आगरा में 23 वर्ष की अवस्था में सिंहासन पर बैठा । गद्दी पर बैठने से पहले हुमांयू बदख्शाँ का सूबेदार था ।

⦿ अपने पिता के निर्देश के अनुसार हुमायूँ ने अपने राज्य का बँटवारा अपने भाइयों में कर दिया । इसने कामरान को काबुल और कंधार , मिर्जा असकरी को संभल , मिर्जा हिंदाल को अलवर एवं मेवाड़ की जागीरें दीं । अपने चचेरे भाई सुलेमान मिर्जा को हुमायूँ ने बदख्शाँ प्रदेश दिया ।

⦿ 1533 ई . में हुमायूँ ने दीनपनाह नामक नए नगर की स्थापना की थी ।

⦿ चौसा का युद्ध 25 जून , 1539 ई . में शेर खाँ एवं हमायूँ के बीच हुआ । इस युद्ध में शेर खाँ विजयी रहा । इसी युद्ध के बाद शेर खाँ ने शेरशाह की पदवी ग्रहण कर ली ।

⦿ बिलग्राम या कन्नौज युद्ध 17 मई , 1540 ई . में शेर खाँ एवं हुमायूँ के बीच हुआ इस युद्ध में भी हुमायूँ पराजित हुआ । शेर खाँ ने आसानी से आगरा एवं दिल्ली पर कब्जा कर लिया ।

⦿ बिलग्राम युद्ध के बाद हुमायूँ सिन्ध चला गया , जहाँ उसने 15 वर्षों तक घुमक्कड़ों जैसा निर्वासित जीवन व्यतीत किया ।

⦿ निर्वासन के समय हुमायूँ ने हिन्दाल के आध्यात्मिक गुरु फारसवासी शिया मीर बाबा दोस्त उर्फ मीर अली अकबर जामी की पुत्री हमीदा बानू बेगम से 29 अगस्त , 1541 ई . को निकाह कर लिया । कालान्तर में हमीदा से ही अकबर जैसे महान सम्राट् का जन्म हुआ ।

⦿ 1555 ई . में हुमायूँ ने पंजाब के शूरी शासक सिकन्दर को पराजित कर पुनः दिल्ली की गद्दी पर बैठा ।

⦿ हुमायूँ द्वारा लड़े गए चार प्रमुख युद्धों का क्रम है - देवरा ( 1531 ई . ) , चौसा ( 1539 ) , बिलग्राम ( 1540 ) एवं सरहिन्द का युद्ध ( 1555 ई . ) ।

⦿ 1 जनवरी , 1556 ई . को दीन पनाह भवन में स्थित पुस्तकालय ( शेर मंडल ) की सीढ़ियों से गिरने के कारण हुमायूँ की मृत्यु हो गयी ।

⦿ हमायूँ के बारे में इतिहासकार लेनपूल ने कहा है कि “ हुमांयू गिरते - पड़ते इस जीवन से मुक्त हो गया ठीक उसी तरह जिस तरह तमाम जिन्दगी वह गिरते - पड़ते चलता रहा था । "

⦿ हुमायूँनामा की रचना गुल - बदन बेगम ने की थी ।

⦿ हुमायूँ ज्योतिष में विश्वास करता था , इसलिए इसने सप्ताह के सातों दिन सात रंग के कपड़े पहनने के नियम बनाए ।

शेरशाह ( 1540 - 1545 ई . )

⦿ सूर साम्राज्य का संस्थापक अफगान वंशीय शेरशाह सूरी था ।

⦿ डॉ . के . आर . कानूनगो के अनुसार हरियाणा प्रान्त के नारनौल ( महेन्द्रगढ़ ) स्थान पर इब्राहीम के पुत्र हसन के घर वर्ष 1486 में शेरशाह का जन्म हुआ था । परमात्मा शरण का विचार है कि  शेरशाह का जन्म वर्ष 1472 ई . में हुआ था ।

⦿ इनके बचपन का नाम फरीद खाँ था । यह सूर वंश से संबंधित था ।

⦿ इनके पिता हसन खाँ जौनपुर राज्य के अन्तर्गत सासाराम के जमींदार थे 

⦿ फरीद ने एक शेर को तलवार के एक ही वार से मार दिया था । उसकी इस बहादुरी से प्रसन्न होकर बिहार के अफगान शासक सुल्तान मुहम्मद बहार खाँ लोहानी ने उसे शेर खाँ की उपाधि प्रदान की ।

⦿ शेरशाह बिलग्राम युद्ध ( 1540 ई . ) के बाद दिल्ली की गद्दी पर बैठा ।

⦿ शेरशाह की मृत्यु कालिंजर के किले को जीतने के क्रम में 22 मई , 1545 ई . को हो गयी । मृत्यु के समय वह उक्का नाम का आग्नेयास्त्र चला रहा था । कालिंजर का शासक कीरत सिंह था ।

⦿ हिन्द तथा ईरानी वास्तुकला के समन्वय का प्रथम उदाहरण है शेरशाह का मकबरा जिसे सासाराम में झील के बीच ऊँचे टीले पर निर्मित किया गया है ।

⦿ रोहतासगढ़ किला , किला - ए - कुहना ( दिल्ली ) नामक मस्जिद का निर्माण शेरशाह के द्वारा किया गया था ।

⦿ शेरशाह का उत्तराधिकारी उसका पुत्र इस्लाम शाह था ।

⦿ शेरशाह ने भूमि की माप के लिए 32 अंकवाला सिकन्दरी गज एवं सन की डंडी का प्रयोग किया । इसने 178 ग्रेन चाँदी का रुपया व 380 ग्रेन ताँबे के दाम चलवाया ।

⦿ शेरशाह ने रोहतासगढ़ के दुर्ग एवं कन्नौज के स्थान पर शेरसूर नामक नगर बसाया ।

⦿ शेरशाह के समय पैदावार का लगभग 1 / 3 भाग सरकार लगान के रूप में वसूल करती थी ।

⦿ कबूलियत एवं पट्टा प्रथा की शुरुआत शेरशाह ने की ।

⦿ शेरशाह ने 1541 ई . में पाटलिपुत्र को पटना के नाम से पुनः स्थापित किया । इसने ग्रैंड ट्रंक रोड की मरम्मत करवायी । डाक प्रथा का प्रचलन शेरशाह के द्वारा ही किया गया ।

⦿ मलिक मुहम्मद जायसी शेरशाह के समकालीन थे ।

अकबर के समकालीन शासक
रानी एलिजाबेथ 1558 - 1603 ई .इंग्लैंड
शाह अब्बास 1588 - 1629 ई . ईरान
जार ईवान IV बेसिलयेविच 1530 - 1584 ई . रूस

नोट - जार ईवान IV बेसिलयेविच ईवान दि टेरिबल नाम से कुख्यात था ।

अकबर ( 1556 - 1605 )

⦿ सम्राट् अकबर का जन्म 15 अक्टबर , 1542 ई . को हमीदा बानु बेगम के गर्भ से अमरकोट के राणा वीर साल के महल में हुआ ।

⦿ अकबर के बचपन का नाम जलाल था । उसका राज्याभिषेक 14 फरवरी , 1556 ई . को पंजाब के कलानौर नामक स्थान पर हुआ ।

⦿ अकबर का शिक्षक अब्दुल लतीफ ईरानी विद्वान था ।

⦿ वह जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर बादशाही गाजी की उपाधि से राजसिंहासन पर बैठा ।

⦿ बैरम खाँ ( शिया मतावलम्बी ) 1556 से 1560 ई . तक अकबर का संरक्षक रहा । वह बदख्शाँ का निवासी था । उसे प्यार से ‘ खानी बाबा ' कहा जाता था ।

⦿ पानीपत की दूसरी लड़ाई 5 नवम्बर , 1556 ई . को अकबर और हेमू के बीच हुई थी । इस युद्ध में अकबर की विजय हुई थी ।

⦿ 31 जनवरी , 1561 को मक्का की तीर्थ यात्रा के दौरान पाटन नामक स्थान पर मुबारक खाँ नामक युवक ने बैरम खाँ की हत्या कर दी ।

⦿ मई , 1562 में अकबर ने हरम - दल से अपने को पूर्णतः मुक्त कर लिया ।

⦿ हल्दीघाटी का युद्ध 18 जून , 1576 ई . को मेवाड़ के शासक महाराणा प्रताप एवं अकबर के बीच हुआ । इस युद्ध में अकबर विजयी हुआ । इस युद्ध में मुगल सेना का नेतृत्व मान सिंह एवं आसफ खाँ ने किया था । अकबर का सेनापति मान सिंह था ।

⦿ हल्दीघाटी युद्ध के समय कुम्भलगढ़ राणा प्रताप की राजधानी थी । राणा की ओर से इस युद्ध में हाकिम खाँ सूर के नेतृत्व में एक अफ़गान फौजी टुकड़ी एवं भीलों की एक छोटी - सी सेना ने भाग लिया था ।

⦿ हल्दीघाटी के युद्ध के बाद राणा प्रताप ने डुंगरपुर के निकट चॉवड़ में नई राजधानी बनाई ।

⦿ महाराणा प्रताप की मृत्यु 19 जनवरी , 1597 ई . में एक सख्त धनुष की प्रत्यंचा चढ़ाते समय अन्दरुनी चोट लग जाने के कारण हो गयी । 

⦿ दीन - ए - इलाही धर्म का प्रधान पुरोहित अकबर था ।

⦿ दीन - ए - इलाही धर्म स्वीकार करने वाला प्रथम एवं अन्तिम हिन्दू शासक राजा बीरबल था । महेशदास नामक ब्राह्मण को राजा बीरबल की पदवी दी गयी थी जो हमेशा अकबर के साथ रहता था ।

⦿ अकबर ने जैनधर्म के जैनाचार्य हरिविजय सूरी को जगतगुरु की उपाधि प्रदान की थी ।

⦿ अकबर ने शाही दरबार में एक अनुष्ठान के रूप में सूर्योपासना शुरू करवाई ।

⦿ राजस्व प्राप्ति की जब्ती प्रणाली अकबर के शासनकाल में प्रचलित थी ।

⦿ अकबर के दीवान राजा टोडरमल ( खत्री जाति ) ने 1580 ई . में दहसाल बन्दोबस्त व्यवस्था लागू की ।

अकबर द्वारा जीते गए प्रदेश
प्रदेश शासक वर्ष मुग़ल सेनापति
मालवा बाज बहादुर 1561 आधम खाँ , पीर मुहम्मद
चुनार अफगानों का शासन 1562 अब्दुल्ला खाँ
गोंडवाना वीरनारायण एवं दुर्गावती 1564 आसफ खाँ
आमेर भारमल 1562 स्वेच्छा से अधीनता स्वीकारी
मेड़ता जयमल 1562 सरफुद्दीन
मेवाड़ उदय सिंह एवं राणा प्रताप 1568 स्वयं अकबर
रणथम्भौर सुरजनहाड़ा 1569 भगवान दास एवं अकबर
कालिंजर रामचन्द्र 1569 मजनू खाँ काकशाह
मारबाड राव चन्द्रसेन 1570 स्वेच्छा से अधीनता स्वीकारा
जैसलमेर रावल हरिराय 1570 स्वेच्छा से अधीनता स्वीकारी
बीकानेर कल्याणमल 1570 स्वेच्छा से अधीनता स्वीकारी
गुजरात मुजफ्फर खाँ - III 1571 सम्राट अकबर
बिहार व बंगाल दाउद खाँ 1574 - 76 मुनीम खाँ खानखाना
काबूल हकीम मिर्जा 1581 मानसिंह एवं अकबर
कश्मीर युसुफ याकूब खाँ 1586 भगवान दास व कासिम खाँ
उड़ीसा निसार खाँ 1592 मान सिंह
सिन्ध जानी बेग 1593 अब्दुर्रहीम खानखाना
बलूचिस्तान पन्नी अफगान 1595 मीर मासूम
कन्धार मुजफ्फर हुसैन 1595 शाह बेग

दक्षिण भारत
प्रदेश शासक वर्ष  मगल सेनापति
खानदेश अली खाँ 1591 स्वेच्छा से
अधीनता स्वीकारी
दौलताबाद चाँद बीबी 1599 मुराद,
अब्दुर्रहीम खानखाना
अबुल फजल ,अकबर
अहमदनगर बहादुर शाह चाँद बीबी 1600
असीरगढ़ मीरन बहादुर 1601 अकबर ( यह अकबर का अंतिम अभियान था )

⦿ अकबर के दरबार का प्रसिद्ध संगीतकार तानसेन था ।

⦿ गुजरात - विजय के दौरान अकबर सर्वप्रथम पुर्तगालियों से मिला और यहीं उसने सर्वप्रथम समुद्र को देखा ।

नोट : गुजरात अभियान को इतिहासकार स्मिथ ने संसार के इतिहास का सर्वाधिक द्रुतगामी आक्रमण कहा है ।

अकबर के कुछ महत्वपूर्ण कार्य
कार्य वर्ष
दास प्रथा का अन्त 1562
अकबर को हरमदल से मुक्ति 1562
तीर्थयात्रा कर समाप्त 1563
जजिया कर समाप्त 1564
फतेहपुरसीकरी की स्थापना एवं राजधानी का आगरा से फतेहपुर सीकरी स्थानान्तरण 1571
इबादतखाने की स्थापना 1575
इबादतखाने में सभी धर्मों के लोगों के प्रवेश की अनुमति 1578
मजहर की घोषणा 1579
दीन - ए - इलाही की स्थापना 1582
इलाही संवत् की शुरुआत 1583
राजधानी लाहौर स्थानांतरित 1585

⦿ अकबर के दरबार के प्रसिद्ध चित्रकार अब्दुर समद था ।

⦿ दसवंत एवं बसावन अकबर के दरबार के चित्रकार थे ।

⦿ अकबर के शासनकाल के प्रमुख गायक तानसेन , बाज बहादुर , बाबा रामदास एवं बैजू बाबरा थे ।

⦿ अकबर की शासन प्रणाली की प्रमुख विशेषता मनसबदारी प्रथा थी ।

⦿ अकबर के समकालीन प्रसिद्ध सुफी सन्त शेख सलीम चिश्ती थे ।

⦿ अकबर की मृत्यु 16 अक्टूबर , 1605 ई . को हुई । इसे आगरा के निकट सिकन्दरा में दफनाया गया ।

⦿ स्थापत्यकला के क्षेत्र में अकबर की महत्वपूर्ण कृतियाँ हैं - दिल्ली हुमायँ का मकबरा , आगरा का लालकिला , फतेहपुर सीकरी में शाहीमहल , दीवाने खास , पंचमहल , बुलंद दरवाजा , जोधाबाई का महल , इबादतखाना , इलाहाबाद का किला और लाहौर का किला ।

⦿ अकबर के दरबार को सुशोभित करने वाले नौ रल थे - 1 . अबुल फजल ( 1551 - 1602 ) , 2 . फैजी ( 1547 - 1595 ) , 3 . तानसेन , 4 . बीरबल ( 1528 - 1583 ) , 5 . टोडरमल , 6 . राजा मान सिंह , 7 . अब्दुल रहीम खान - ए - खाना , 8 . फकीर अज़ीउद्दीन , 9 . मुल्ला दो प्याजा ।

⦿ अबुल फजल का बड़ा भाई फैजी अकबर के दरबार में राजकवि के पद पर आसीन था ।

⦿ अबुल फजल ने अकबरनामा ग्रंथ की रचना की । वह दीन - ए - इलाही धर्म का मुख्य पुरोहित था ।

⦿ संगीत सम्राट तानसेन का जन्म 1506 ई . में ग्वालियर में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था । इनका असली नाम रामतनु पांडेय था । इनकी प्रमुख कृतियाँ थीं — मियाँ की टोड़ी , मियाँ का मल्हार , मियाँ का सारंग , दरबारी कान्हरा आदि ।

⦿ कण्ठाभरण वाणीविलास की उपाधि अकबर ने तानसेन को दी थी ।

⦿ तानसेन , अकबर के दरबार में आने से पूर्व रीवाँ के राजा रामचन्द्र के राजाश्रय में थे ।

⦿ अकबर के काल में स्वामी हरिदास भी एक महान संगीतज्ञ थे । वृंदावन में रहकर भगवान की उपासना करते थे । एक मत के अनुसार हरिदास तानसेन के गुरु थे जबकि कुछ विद्वान हरिदास एवं तानसेन दोनों को मानसिंह तोमर का शिष्य बतलाते हैं । यह भी प्रचलित है कि हरिदास का गाना सुनने के लिए अकबर को इनकी कुटिया पर जाना पड़ा , क्योंकि इन्होंने अकबर के दरबार में जाने से मना कर दिया था । इनका कहना था कि वे केवल अपने भगवान के लिए ही गाते हैं , दरबार से उनका कोई सरोकार नहीं ।

⦿ अकबर ने भगवान दास ( आमेर के राजा भारमल के पुत्र ) को अमीर - ऊल - ऊमरा की उपाधि दी ।

⦿ युसुफजाइयों के विद्रोह को दबाने के दौरान बीरबल की हत्या हो गयी ।

⦿ 1602 ई . में सलीम ( जहाँगीर ) के निर्देश पर दक्षिण से आगरा की ओर आ रहे अबुल फजल को रास्ते में वीर सिंह बुन्देला नामक सरदार ने हत्या कर दी ।

⦿ मुगल सम्राट अकबर ने ' अनुवाद विभाग ' की स्थापना की ।  नकीब खाँ , अब्दुल कादिर बदायूंनी तथा शेख सुल्तान ने रामायण एवं महाभारत का फारसी अनुवाद किया व महाभारत का नाम  ' रज्मनामा ' ( युद्धों की पुस्तक ) रखा ।

⦿ पंचतंत्र का फारसी भाषा में अनुवाद अबुल फजल ने अनवर - ए - सादात नाम से तथा मौलाना हुसैन फैज ने यार - ए - दानिश नाम से  किया । हाजी इब्राहिम सरहदी ने अथर्ववेद का , मुल्लाशाह मोहम्मद ने राजतरंगिणी का , अब्दुर्रहीम खानखाना ने ' तुजुक - ए - बाबरी ' का तथा फैजी ने लीलावती का फारसी में अनुवाद किया । फैजी ने नल दमयन्ती ( सूरदास द्वारा रचित ) कथा का फारसी में अनुवाद कर उसका नाम ' सहेली ' रखा ।

⦿ अकबर के काल को हिन्दी साहित्य का स्वर्णकाल कहा जाता है ।

⦿ अकबर ने बीरबल को कविप्रिय एवं नरहरि को महापात्र की उपाधि प्रदान की ।

⦿ बुलन्द दरवाजा का निर्माण अकबर ने गुजरात - विजय के उपलक्ष्य में करवाया था ।

⦿ चार बाग बनाने की परंपरा अकबर के समय शुरू हुई ।

⦿ अकबर ने शीरी कलम की उपाधि अब्दुस्समद को एवं जड़ी कलम की उपाधि मुहम्मद हुसैन कश्मीरी को दिया ।

नोट : मुगलों की राजकीय भाषा फारसी थी ।

⦿ अकबर नक्कारा ( नगाड़ा ) नामक वाद्ययंत्र बजाता था ।

जहाँगीर ( 1605 - 1627 ई . )

⦿ अकबर का उत्तराधिकारी सलीम हुआ , जो 24 अक्टूबर , 1605 ई को नूरुद्दीन मुहम्मद जहाँगीर बादशाही गाजी की उपाधि धारण कर गद्दी पर बैठा ।

⦿ जहाँगीर का जन्म 30 अगस्त , 1569 ई . में हुआ था ।

⦿ अकबर ने अपने पुत्र का नाम सलीम सूफी संत शेख सलीम चिश्ती के नाम पर रखा ।

⦿ जहाँगीर को न्याय की जंजीर के लिए याद किया जाता है । यह जंजीर सोने की बनी थी , जो आगरा के किले के शाहबूर्ज एवं यमुना तट पर स्थित पत्थर के खम्भे में लगवाई हुई थी ।

⦿ जहाँगीर द्वारा शुरू की गई ' तुजुक - ए - जहाँगीरी ' नामक आत्मकथा को पूरा करने का श्रेय मौतबिंद खाँ को है ।

⦿ जहाँगीर के सबसे बड़े पुत्र खुसरो ने 1606 ई . में अपने पिता के विरुद्ध विद्रोह कर दिया । खुसरो और जहाँगीर की सेना के बीच युद्ध जालंधर के निकट भैरावल नामक मैदान में हआ । खसरो को पकड़कर कैद में डाल दिया गया ।

⦿ खुसरो की सहायता देने के कारण जहाँगीर ने सिक्खों के 5वें गुरु अर्जुनदेव को फाँसी दिलवा दी । खुसरो गुरु से गोइंदवाल में मिला था ।

⦿ अहमदनगर के वजीर मलिक अम्बर के विरुद्ध सफलता से खुश होकर जहाँगीर ने खुर्रम को शाहजहाँ की उपाधि प्रदान की ।

⦿ 1622 ई . में कंधार मुगलों के हाथ से निकल गया । शाह अब्बास ने इस पर अधिकार कर लिया 

⦿ नूरजहाँ : ईरान निवासी मिर्जा गयास बेग की पुत्री नूरजहाँ का वास्तविक नाम मेहरुन्निसा था । 1594 ई . में नूरजहाँ का विवाह अलीकुली बेग से सम्पन्न हुआ । जहाँगीर ने एक शेर मारने के कारण अली कुली वेग को शेर अफगान की उपाधि प्रदान की । 1607 ई . में शेर अफगान की मृत्यु के बाद मेहरुन्निसा अकबर की विधवा सलीमा बेगम की सेवा में नियुक्त हुई । सर्वप्रथम जहाँगीर ने नवरोज त्योहार के अवसर पर मेहरुन्निसा को देखा और उसके सौंदर्य पर मुग्ध होकर जहाँगीर ने मई , 1611 ई . में उससे विवाह कर लिया । विवाह के पश्चात् जहाँगीर ने उसे नूरमहल एवं नूरजहाँ की उपाधि प्रदान की । नूरजहाँ के सम्मान में जहाँगीर ने चाँदी के सिक्के जारी किए ।

⦿ जहाँगीर ने गियास बेग को शाही दीवान बनाया एवं इतमाद - उद - दौला की उपाधि दी । जहाँगीर के शासनकाल में ईरानियों को उच्च पद प्राप्त हुए ।

⦿ लाडली बेगम शेर अफगान एवं मेहरुन्निसा की पुत्री थी , जिसकी शादी जहाँगीर के पुत्र शहरयार के साथ हुई थी ।

⦿ नूरजहाँ की माँ अस्मत बेगम ने गुलाब से इत्र निकालने की विधि खोजी थी ।

⦿ महावत खाँ ने झेलम नदी के तट पर 1626 ई . में जहाँगीर , नूरजहाँ एवं उसके भाई आसफ खाँ को बन्दी बना लिया था ।

⦿ जहाँगीर के पाँच पुत्र थे — 1 . खुसरो , 2 . परवेज , 3 . खुर्रम , 4 . शहरयार , 5 . जहाँदार ।

⦿ 28 अक्टूबर , 1627 को भीमवार नामक स्थान पर जहाँगीर की मृत्यु हो गयी । उसे शहादरा ( लाहौर ) में रावी नदी के किनारे दफनाया गया ।

⦿ मुगल चित्रकला अपने चरमोत्कर्ष पर जहाँगीर के शासनकाल में पहुंची ।

⦿ जहाँगीर के दरबार के प्रमुख चित्रकार थे — आगा रजा , अबुल हसन , मुहम्मद नासिर , मुहम्मद मुराद , उस्ताद मंसूर , विशनदास , मनोहर एवं गोवर्धन , फारुख बेग , दौलत ।

⦿ जहाँगीर ने आगा रजा के नेतृत्व में आगरा में एक चित्रणशाला की स्थापना की ।

नोट : हमजा नामा का विषय चित्रकला है ।

⦿ उस्ताद मंसूर एवं अबुल हसन को जहाँगीर ने क्रमशः नादिर - अल - उस एवं नादिरुज्जमा की उपाधि प्रदान की । इसने संस्कृत के कवि जगन्नाथ को ' पंडितराज ' की उपाधि दी ।

⦿ जहाँगीर ने अपनी आत्मकथा में लिखा कि कोई भी चित्र चाहे वह किसी मृतक व्यक्ति या जीवित व्यक्ति द्वारा बनाया गया हो , मैं देखते ही तुरन्त बता सकता हूँ कि यह किस चित्रकार की कृति है । यदि किसी चेहरे पर आँख किसी एक चित्रकार ने, भौंह  किसी और ने बनाई हो , तो भी यह जान लेता हूँ कि आँख किसने और भौंह किसने बनायी है ।

⦿ जहाँगीर के समय को चित्रकला का स्वर्णकाल कहा जाता है ।

⦿ इतमाद - उद - दौला का मकबरा 1626 ई . में नूरजहाँ बेगम ने बनवाया । मुगलकालीन वास्तुकला के अन्तर्गत निर्मित यह प्रथम ऐसी इमारत है , जो पूर्णरूप से बेदाग सफेद संगमरमर से निर्मित है । सर्वप्रथम इसी इमारत में पितरा दुरा नामक जड़ाऊ काम किया गया ।

⦿ अशोक के कौशाम्बी स्तम्भ ( वर्तमान में प्रयाग ) पर समुद्रगुप्त की प्रयाग प्रशस्ति तथा जहाँगीर का लेख उत्कीर्ण है ।

⦿ जहाँगीर के मकबरा का निर्माण नूरजहाँ ने करवाया था ।

⦿ जहाँगीर के शासनकाल में कैप्टन हॉकिन्स ( प्रथम अंग्रेज ) , सर टॉमस रो , विलियम फिंच एवं एडवर्ड टैरी जैसे यूरोपीय यात्री आए थे ।

शाहजहाँ ( 1627 - 1657 ई . )

⦿ जहाँगीर के बाद सिंहासन पर शाहजहाँ बैठा ।

⦿ जोधपुर के शासक मोटा राजा उदय सिंह की पुत्री जगत गोसाई के गर्भ से 5 जनवरी , 1592 ई . को खुर्रम ( शाहजहाँ ) का जन्म लाहौर में हुआ था । 1612 ई . में खुर्रम का विवाह आसफ खाँ की पुत्री अरजुमन्द बानो बेगम से हुआ , जिसे शाहजहाँ ने मलिका- ए - जमानी की उपाधि प्रदान की , 7 जून , 1631 ई . में प्रसव पीड़ा के कारण उसकी मृत्यु हो गयी ।

⦿ 4 फरवरी , 1628 ई . को शाहजहाँ आगरा में अबुल मुजफ्फर शहाबुद्दीन मुहम्मद साहिब किरन - ए - सानी की उपाधि प्राप्त कर सिंहासन पर बैठा ।

⦿ शाहजहाँ ने आसफ खाँ को वजीर पद एवं महावत खाँ को खानखाना की उपाधि प्रदान की ।

⦿ इसने नूरजहाँ को दो लाख रुपये प्रतिवर्ष की पेंशन देकर लाहौर जाने दिया , जहाँ 1645 ई . में उसकी मृत्यु हो गयी ।

⦿ अपनी बेगम मुमताज महल की याद में शाहजहाँ ने ताजमहल का निर्माण आगरा में उसकी कब्र के ऊपर करवाया । उस्ताद ईशा ने ताजमहल की रूप - रेखा तैयार की थी ।

⦿ ताजमहल का निर्माण करनेवाला मुख्य स्थापत्य कलाकार उस्ताद अहमद लाहौरी था ।

⦿ मयूर सिंहासन का निर्माण शाहजहाँ ने करवाया था । इसका मुख्य कलाकार बे-बादल खाँ था । बादशाह के सिंहासन के पीछे पितरा- दुरा के जड़ाऊ काम की एक श्रृंखला बनाई गयी थी , जिससे पौराणिक यूनानी देवता आर्फियस को वीणा बजाते हुए चित्रित किया गया है ।

⦿ शाहजहाँ के शासनकाल को स्थापत्यकला का स्वर्णयुग कहा जाता है । शाहजहाँ द्वारा बनवायी गयी प्रमुख इमारतें हैं - दिल्ली का लाल किला , दीवाने आम , दीवाने खास , दिल्ली का जामा मस्जिद , आगरा का मोती मस्जिद , ताजमहल एवं लाहौर किला स्थित शीश महल आदि ।

नोट : हुमायूँ के मकबरा को ताजमहल का पूर्ववर्ती माना जाता है ।

⦿ शाहजहाँ ने 1632 ई . में अहमदनगर को मुगल साम्राज्य में मिला लिया ।

⦿ शाहजहाँ ने 1638 ई . में अपनी राजधानी को आगरा से दिल्ली लाने के लिए यमुना नदी के दाहिने तट पर शाहजहाँनाबाद की नींव डाली ।

⦿ आगरे के जामा मस्जिद का निर्माण शाहजहाँ की पुत्री जहाँआरा ने करवाई ।

⦿ शाहजहाँ के दरबार के प्रमुख चित्रकार मुहम्मद फकीर एवं मीर हासिम थे ।

⦿ शाहजहाँ के दरबार में वंशीधर मिश्र एवं हरिनारायण मिश्र नाम के दो संस्कृत के कवि थे ।

⦿ शाहजहाँ ने संगीतज्ञ लाल खाँ को ' गुण समन्दर ' की उपाधि एवं संगीतज्ञ जगन्नाथ जो हिन्दी का कवि भी था , को महाकविराय की उपाधि से सम्मानित किया ।

⦿ शाहजहाँ के पुत्रों में दारा शिकोह सर्वाधिक विद्वान था । इसने भगवद्गीता , योगवशिष्ठ , उपनिषद् एवं रामायण का अनुवाद फारसी में करवाया । इसने सर्र - ए - अकबर ( महान रहस्य ) नाम से उपनिषदों का अनुवाद करवाया था । दारा शिकोह कादिरी सिलसिले के मुल्ला शाह बदख्सी का शिष्य था ।

⦿ शाहजहाँ ने दिल्ली में एक कॉलेज का निर्माण एवं दार्रूल बका नामक कॉलेज की मरम्मत करायी ।

⦿ सितम्बर , 1657 ई . में शाहजहाँ के गंभीर रूप से बीमार पड़ने और मृत्यु का अफवाह फैलने के कारण उसके पुत्रों के बीच उत्तराधिकार का युद्ध प्रारंभ हुआ । उस समय शूजा बंगाल , मुराद गुजरात एवं औरंगजेब दक्कन में था ।

⦿ 15 अप्रैल , 1658 ई . में दारा एवं औरंगजेब के बीच धरमट का युद्ध हुआ । इस युद्ध में दारा की पराजय हुई 

⦿ सामूगढ़ का युद्ध 29 मई , 1658 ई . को दारा एवं औरंगजेब के बीच हुआ । इस युद्ध में भी दारा की हार हुई । उत्तराधिकार का अन्तिम युद्ध देवराई की घाटी में मार्च , 1659 ई . को हुआ । इस युद्ध में दारा के पराजित होने पर उसे इस्लाम धर्म की अवहेलना करने के अपराध में 30 अगस्त , 1659 ई . को हत्या कर दी गई । दारा शिकोह ने अपना निर्वासित जीवन अलवर ( राजस्थान ) के कंकबाड़ी किला में बिताया । इस किला का निर्माण जय सिंह - II ने किया था ।

⦿ शाह बुलंद इकबाल ( king of Lofty fortune ) के रूप में दारा शिकोह जाना जाता है ।

⦿ 8 जून , 1658 को औरंगजेब ने शाहजहाँ को बंदी बना लिया । आगरा के किले में अपने कैदी जीवन के आठवें वर्ष अर्थात् 22 जनवरी , 1666 को 74 वर्ष की अवस्था में शाहजहाँ की मृत्यु हो गयी 

औरंगजेब ( 1658 - 1707 ई . )

⦿ औरंगजेब का जन्म 24 अक्टूबर , 1618 ई . को दोहाद ( गुजरात ) नामक स्थान पर हुआ था ।

⦿ औरंगजेब के बचपन का अधिकांश समय नूरजहाँ के पास बीता । 18 मई , 1637 को फारस के राजघराने की ' दिलरास बानो बेगम ' के साथ औरंगजेब का निकाह हुआ ।

⦿ आगरा पर कब्जा कर जल्दबाजी में औरंगजेब ने अपना राज्याभिषेक ' अबुल मुजफ्फर मुहउद्दीन मुजफ्फर औरंगजेब बहादुर आलमगीर ' की उपाधि से 31 जुलाई , 1658 ई . को करवाया । देवराई के युद्ध में सफल होने के बाद 15 मई , 1659 को औरंगजेब ने दिल्ली में प्रवेश किया और शाहजहाँ के शानदार महल में 5 जून , 1659ई . को दूसरी बार राज्याभिषेक करवाया ।

⦿ औरंगजेब के गुरु थे — मीर मुहम्मद हकीम

⦿ औरंगजेब सुन्नी धर्म को मानता था , उसे जिन्दा पीर कहा जाता था ।

⦿ जय सिंह एवं शिवाजी के बीच पुरन्दर की संधि 22जन , 1665ई  को सम्पन्न हुई ।

⦿ मई , 1666 ई . को आगरा के किले के दीवान - ए - आम में औरंगजेब के समक्ष शिवाजी उपस्थित हुए । यहाँ शिवाजी को कैद कर जयपुर भवन में रखा गया । इस्लाम नहीं स्वीकार करने के कारण सिक्खों के 9वें गुरु तेगबहादुर की हत्या औरंगजेब ने 1675 ई . में दिल्ली में करवा दी थी ।

⦿ औरंगजेब ने 1679 ई . में जजिया - कर को पुनः लागू किया ।

⦿ औरंगजेब ने बीबी का मकबरा का निर्माण 1679 ई . में औरंगाबाद ( महाराष्ट्र ) में करवाया ।

⦿ 1685 ई . में बीजापुर एवं 1687 ई . में गोलकुण्डा को औरंगजेब ने मुगल साम्राज्य में मिला लिया ।

⦿ मदन्ना एवं अकन्ना नामक ब्राह्मणों का संबंध गोलकुण्डा के शासक अबुल हसन से था ।

⦿ औरंगजेब के समय हुए जाट विद्रोह का नेतृत्व गोकुला एवं राजाराम ने किया था । 1670 ई . में तिलपत की लड़ाई में जाट परास्त हए गोकुल को मौत के घाट उतार दिया गया । इसके बावजूद जाटों ने 1685 ई . में राजाराम के नेतृत्व में पुनः विद्रोह किया । इन जाटों ने सिकन्दरा में स्थित अकबर के मकबरे को भी लूटा । भरतपुर राजवंश की नींव औरंगजेब के शासनकाल में जाट नेता एवं राजाराम के भतीजा चूरामन ने डाली ।

⦿ औरंगजेब के समय में हिन्दू मनसबदारों की संख्या लगभग 337 थी , जो अन्य मुगल सम्राटों की तुलना में अधिक थी । औरंगजेब सर्वाधिक हिन्दू अधिकारियों की नियुक्ति करने वाला मुगल सम्राट  था ।

⦿ औरंगजेब का पुत्र मुहम्मद अकबर ने दुर्गादास के बहकावे में आकर अपने पिता के खिलाफ विद्रोह किया ।

⦿ औरंगजेब ने कुरान को अपने शासन का आधार बनाया । इसने सिक्के पर कलमा खुदवाना , नवरोज का त्योहार मनाना , भाँग की खेती करना , गाना - बजाना , झरोखा दर्शन , तुलादान प्रथा ( इस प्रथा में सम्राट को उसके जन्म - दिन पर सोने , चाँदी तथा अन्य वस्तुओं से तौलने की प्रथा थी , यह अकबर के जमाने में प्रारंभ हुई थी । ) आदि पर प्रतिबंध लगा दिया ।

⦿ औरंगजेब ने दरबार में संगीत पर पाबन्दी लगा दी तथा सरकारी संगीतज्ञों को अवकाश दे दिया गया । भारतीय शास्त्रीय संगीत पर फारसी में सबसे अधिक पुस्तकें औरंगजेब के ही शासनकाल में लिखी गयीं । औरंगजेब स्वयं वीणा बजाने में दक्ष था ।

⦿ औरंगजेब ने 1665 ई . में हिन्दू मंदिरों को तोड़ने का आदेश दिया । इसके शासनकाल में तोड़े गए मंदिरों में सोमनाथ का मंदिर , बनारस का विश्वनाथ मंदिर एवं वीर सिंह देव द्वारा जहाँगीर काल में मथुरा में निर्मित केशव राय मंदिर थे ।

⦿ औरंगजेब की मृत्यु 20 फरवरी , 1707 ई . को हुई । इसे खुलदाबाद ( Khuldabad ) जो अब रोजा ( Roza ) कहलाता है , में दफनाया गया । औरंगजेब के समय सूबों की संख्या 20 थी ।

⦿ औरंगजेब दारुल हर्ब ( काफिरों का देश ) को दारुल इस्लाम ( इस्लाम का देश ) में परिवर्तित करने को अपना महत्वपूर्ण लक्ष्य मानता था ।

नोट : औरंगजेब के शासनकाल में मुगल सेना में सर्वाधिक हिन्दू सेनापति थे ।

⦿ फ्रांसीसी यात्री फ्रांकोइस बरनीयर औरंगजेब के चिकित्सक थे ।

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