भारतीय स्वतंत्रता - आंदोलन के प्रमुख वचन एवं नारे

नमस्कार दोस्तों Sarkaripen.com में आप लोगो का स्वागत है क्या आप भारतीय क्रांतिकारियों के प्रमुख वचन एवं नारे की जानकारी पाना चाहते है , आज के समय किसी भी नौकरी की प्रतियोगिता की दृष्टि से यह एक महत्वपूर्ण विषय है तथा Andolan ke pramukh nare in hindi की जानकारी होना बहुत आवश्यक है , इसलिए आज हम Krantikariyo ke pramukh nare ewam vachan विषय के बारे में बात करेंगे । निचे Key words and slogans of Indian revolutionaries की जानकारी निम्नवत है ।

Krantikariyo ke pramukh nare,Key words and slogans of Indian revolutionaries,भारतीय क्रांतिकारियों के प्रमुख वचन एवं नारे
Krantikariyo ke pramukh nare

वचन एवं नारे नाम
इन्कलाब जिन्दाबाद भगत सिंह
दिल्ली चलो सुभाष चन्द्र बोस
करो या मरो , हे राम , भारत छोड़ो * महात्मा गाँधी
जय हिन्द सुभाष चन्द्र बोस 
पूर्ण स्वराज्य , आराम हराम है जवाहरलाल नेहरू 
वेदों की ओर लौटो दयानन्द सरस्वती
जय जवान , जय किसान ( 1965 के पाकिस्तान युद्ध के समय ) लाल बहादुर शास्त्री
मारो फिरंगी को मंगल पांडे
जय जगत विनोबा भावे
कर मत दो सरदार बल्लभ भाई पटेल 
सम्पूर्ण क्रांति जयप्रकाश नारायण
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा श्याम लाल गुप्ता पार्षद
वन्दे मातरम्  बंकिमचन्द्र चटर्जी
जन - गण - मन अधिनायक जय हे रवीन्द्र नाथ ठाकुर
साम्राज्यवाद का नाश हो भगत सिंह
स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है बाल गंगाधर तिलक
सरफरोशी की तमन्ना , अब हमारे दिल में है राम प्रसाद बिस्मिल
“ सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा " इकबाल
तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा सुभाषचन्द्र बोस
साइमन कमीशन वापस जाओ लाला लाजपत राय
हू लिव्स इफ इंडिया डाइज जवाहरलाल नेहरू
मेरे सिर पर लाठी का एक एक प्रहार , अंग्रेजी शासन के ताबूत की कील साबित होगा लाला लाजपत राय
मुसलमान मूर्ख थे , जो उन्होंने सुरक्षा की माँग की और हिन्दू उनसे भी मूर्ख थे , जो उन्होंने उस माँग को ठुकरा दिया अबुल कलाम आजाद
क्रांति की तलवार में धार वैचारिक पत्थर पर रगड़ने से ही आती है भगत सिंह

⦿ भारत छोडो स्लोगन महात्मा गाँधी का ही था , पर इतिहासकार एक सम्मत नहीं हैं । मीडिमा रिपोटर्स के अनुसार भारत छोडो स्लोगन लिखने का श्रेय मेहर यूसूफ अली को जाता है । इन्होंने ने ही भारत छोडो आन्दोलन आरंभ करने के कुछ समय पूर्व गाँधी जी से मुलाकत कर उन्हें Quit India स्लोगन का सुझाव दिया था । के. गोपालास्वामी ने अपनी पुस्तक गाँधी एंड बाँबे में लिखा है कि Quit India को यूसूफ ने ही गाँधी जी के सामने पेश किया था और गाँधी जी ने उसे स्वीकार किया था ।*

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