कम्पनी के अधीन गवर्नर-जेनरल

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Company ke adhin Governor-General

बंगाल के गवर्नर

राबर्ट क्लाइव ( 1757 - 60 ई . एवं पूनः 1765 - 67 ई . )

⦿ इसने बंगाल में द्वैध शासन की व्यवस्था की , जिसके तहत राजस्व वसूलने , सैनिक संरक्षण एवं विदेशी मामले कम्पनी के अधीन थे , जबकि शासन चलाने की जिम्मेवारी नवाब के हाथों में थी ।

⦿ इसने मुगल सम्राट् शाह आलम द्वितीय को इलाहाबाद की द्वितीय संधि ( 1765 ई . ) के द्वारा कम्पनी के संरक्षण में ले लिया ।

⦿ राबर्ट क्लाइव ने बंगाल के समस्त क्षेत्र के लिए दो उप - दीवान , बंगाल के लिए मुहम्मद रजा खाँ और बिहार के लिए राजा शिताब राय को नियुक्त किया ।

⦿ अन्य गवर्नर बरेलास्ट ( 1767 - 69 ई . ) , कार्टियर ( 1769 - 72 ई . ) , वारेन हेस्टिंग्स ( 1772 - 74 ई . ) 

कम्पनी के अधीन गवर्नर-जेनरल

⦿ रेग्यूलेटिंग एक्ट 1773 ई . के अनुसार बंगाल के गवर्नर को अब अंग्रेजी क्षेत्रों का गवर्नर - जेनरल कहा जाने लगा , जिसका कार्यकाल 5 वर्षों का निर्धारित किया गया । मद्रास एवं बम्बई के गवर्नर को इसके अधीन कर दिया गया । इस प्रकार भारत में कम्पनी के अधीन प्रथम गवर्नर - जेनरल वारेन हेस्टिंग्स ( 1774 - 85 ई . ) हुआ 

⦿ वारेन हेस्टिंग्स 1750 ई . में कम्पनी के एक क्लर्क के रूप में कलकत्ता आया था और अपनी कार्यकुशलता के कारण कासिम बाजार का अध्यक्ष , बंगाल का गवर्नर एवं कम्पनी का गवर्नर - जेनरल बना ।

वारेन हेस्टिंग्स ( 1774 - 85 ई . )

⦿ इसने राजकीय कोषागार को मुर्शिदाबाद से हटाकर कलकत्ता लाया ।

⦿ 1772 ई . में इसने प्रत्येक जिले में एक फौजदारी तथा दीवानी अदालतों की स्थापना की । फौजदारी अदालतें सदर निजामत अदालत द्वारा निरीक्षित होती थी । नाजिम द्वारा नियुक्त दरोगा अदालत की अध्यक्षता करता था । दीवानी अदालत में कलक्टर मुख्य न्यायाधीश होता था । जिला फौजदारी अदालत एक भारतीय अधिकारी के अधीन होती थी जिसकी सहायता के लिए एक मुफ्ती और एक काजी होता था । कलक्टर इस न्यायालय के कार्य की देखभाल करता था ।

⦿ कलकत्ता में एक सदर दीवानी अदालत और एक सदर फौजदारी अदालत की स्थापना की गयी । सदर दीवानी अदालत में कलकता कौंसिल का सभापति और उसी कौंसिल का दो सदस्य राय रायन और मुख्य कानूनगो की सलाह से न्याय करते थे । सदर फौजदारी अदालत में नाइब - निजाम , मुख्य काजी , मुफ्ती और तीन मौलवियों की सलाह से न्याय करते थे । जिले की दीवानी और फौजदारी अदालतों के मुकदमे अन्तिम निर्णय के लिए सदर अदालतों में भेजे जाते थे ।

⦿ दीवानी मुकदमों में जातीय कानून अर्थात हिन्दुओं के संबंध में हिन्दू कानून और मुसलमान के लिए मुस्लिम कानून लागू किया जाता था , जबकि फौजदारी मुकदमों में मुस्लिम कानून लागू किया जाता था ।

⦿ 1772 में कोर्ट ऑफ डाइरेक्टर्स ने द्वैध प्रणाली को समाप्त करने तथा कम्पनी को बंगाल , बिहार तथा उड़ीसा प्रान्त की शासन व्यवस्था का उत्तरदायित्व संभालने का आदेश दिया । वारेन हेस्टिंग्स के दोनों उपदीवानों , मुहम्मद रजाखाँ तथा राजा शिताबराय को पद से हटा दिया गया ।

⦿ हेस्टिंग्स ने नवाब की देखभाल के लिए मीरजाफर की विधवा मुन्नी बेगम को उसका संरक्षक नियुक्त किया । 1775 में मुन्नी बेगम को हटाकर मुहम्मद रजा खाँ को नवाब का संरक्षक नियुक्त किया गया ।

⦿ इसने 1781 ई . में कलकत्ता में मुस्लिम शिक्षा के विकास के लिए प्रथम मदरसा स्थापित किया ।

⦿ इसी के समय 1782 ई . में जोनाथन डंकन ने बनारस में संस्कृत विद्यालय की स्थापना की ।

⦿ गीता के अंग्रेजी अनुवादकार विलियम विलकिन्स ( चार्ल्स ) को हेस्टिंग्स ने आश्रय प्रदान किया ।

⦿ इसी के समय में सर विलियम जोंस ने 1784 ई . में द एशियाटिक सोसायटी ऑफ बंगाल की स्थापना की ।

⦿ इसने मुगल सम्राट को मिलने वाला 26 लाख रुपये की वार्षिक पेंशन बन्द करवा दी ।

⦿ इसी के समय में 1780 ई . में भारत का पहला समाचार - पत्र ' द बंगाल गजट ' का प्रकाशन ' जेम्स ऑगस्टस हिक्की ' ने किया था ।

⦿ इसी के समय में रेग्यूलेटिंग एक्ट के तहत 1774 ई . में कलकत्ता में एक उच्चतम न्यायालय की स्थापना की गयी , जिसका अधिकार - क्षेत्र कलकत्ता तक था , कलकत्ता के बाहर का मुकदमा तभी सुना जाता था जब दोनों पक्ष सहमत हों । इस न्यायालय में अंग्रेजी कानून लागू होता था । इसका मुख्य न्यायाधीश एलिजा इम्पे था , जिसे 1782 में इस्तीफा देना पड़ा । हेस्टिंग्स ने बंगाली ब्राह्मण नंद कुमार पर झूठा आरोप लगाकर न्यायालय से फाँसी की सजा दिलवा दी थी ।

⦿ प्रथम आंग्ल - मराठा युद्ध ( 1775 - 1782 ई . ) एवं द्वितीय आंग्ल - मैसूर युद्ध ( 1780 - 1784 ई . ) वारेन हेस्टिग्स के समय में ही लड़े गये । प्रथम आंग्ल - मराठा युद्ध सलबाई की संधि ( 1782 ई . ) एवं द्वितीय आंग्ल - मैसूर युद्ध मंगलोर की संधि ( 1784 ई . ) के द्वारा समाप्त हुए ।

⦿ पिट्स इंडिया एक्ट ( 1784 ई . ) वारेन हेस्टिंग्स के समय ही पारित हुआ ।

⦿ इसी के काल में ‘ बोर्ड ऑफ रेवेन्यू ' की स्थापना हुई ।

⦿ हेस्टिंग्स ने सम्पूर्ण लगान के हिसाब की देखभाल के लिए एक भारतीय अधिकारी राय रायन की नियुक्ति की । इस पद को प्राप्त करने वाला पहला भारतीय दुर्लभराय का पुत्र राजा राजबल्लभ था ।

⦿ पिट्स इंडिया एक्ट ( 1784 ई . ) के विरोध में इस्तीफा देकर जब वारेन हेस्टिंग्स फरवरी , 1785 ई . में इंग्लैंड पहुँचा तो बर्क द्वारा उसके ऊपर महाभियोग लगाया गया । परन्तु 1795 ई . में इसे आरोपों से मुक्त कर दिया गया ।

नोट : 1786 में हेस्टिंग्स के जाने के पश्चात लगान परिषद का पुनर्गठन किया गया और एक नवीन अधिकारी मुख्य सारिस्तादार की नियुक्ति की गयी जिसका कार्य सभी कानूनगोओं के कागजों की देखभाल करना था । इस पद पर प्रथम नियुक्ति जेम्स ग्रांट की हुई ।

⦿ सुरक्षा प्रकोष्ठ की नीति ( Ring fence policy ) वारेन हेस्टिंग्स से संबंधित है ।

सर जॉन मैकफरसन ( 1785 - 1786 ई . )

⦿ इसे अस्थायी गवर्नर - जेनरल नियुक्त किया गया था ।

लॉर्ड कॉर्नवालिस ( 1786 - 1793 और 1805 ई . )

⦿ इसके समय में जिले के समस्त अधिकार कलेक्टर के हाथों में दे दिए गए ।

⦿ इसने भारतीय न्यायाधीशों से युक्त जिला फौजदारी अदालतों को समाप्त कर उसके स्थान पर चार भ्रमण करने वाली अदालतें , जिनमें तीन बंगाल के लिए और एक बिहार के लिए  नियुक्त की ।

⦿ कॉर्नवालिस ने 1793 ई . में प्रसिद्ध कॉर्नवालिस कोड का निर्माण करवाया , जो शक्तियों के पृथक्कीकरण सिद्धान्त पर आधारित था ।

⦿ पुलिस कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस अधिकार प्राप्त जमींदारों को इस अधिकार से वंचित कर दिया ।

⦿ कम्पनी के कर्मचारियों के व्यक्तिगत व्यापार पर प्रतिबंध लगा दिया ।

⦿ जिला में पुलिस थाना की स्थापना कर एक दारोगा को इसका इंचार्ज बनाया ।

⦿ भारतीयों के लिए सेना में सूबेदार , जमादार , प्रशासनिक सेवा में मुंसिफ , सदर , अमीन या डिप्टी कलेक्टर से ऊँचा पद नहीं दिया जाता था ।

⦿ इसने 1793 ई . में स्थायी बन्दोबस्त की पद्धति लागू की , जिसके तहत जमींदारों को अब भू-राजस्व का लगभग 90 % ( 10/11 ) भाग कम्पनी को तथा लगभग 10 % (1/11  भाग ) अपने पास रखना था ।

⦿ स्थायी बंदोबस्त की योजना जॉन शोर ने बनाई थी । इसे बंगाल , बिहार , उड़ीसा , बनारस एवं मद्रास के उत्तरी जिलों में लागू की गई थी । इसमें जमींदार भू-राजस्व की दर तय करने के लिए स्वतंत्र थे ।

⦿ कॉर्नवालिस को भारत में नागरिक सेवा का जनक माना जाता है ।

सर जॉन शोर ( 1793 - 98 ई . )

⦿ इसने अहस्तक्षेप नीति अपनाई ।

लार्ड वेलेजली ( 1798 - 1805 ई . )

⦿ इसने सहायक संधि की पद्धति शुरू की । भारत में सहायक संधि का प्रयोग वेलेजली से पूर्व फ्रांसीसी गवर्नर डूप्ले ने किया था ।

⦿ सहायक संधि करनेवाले राज्य थे - हैदराबाद ( 1798 ई . ) , मैसूर ( 1799 ई . ) , तंजौर ( अक्टूबर , 1799 ई . ) , अवध ( 1801 ई . ) , पेशवा ( दिसम्बर , 1802 ई . ) , बरार एवं भोंसले ( दिसम्बर , 1803 ई . ) , सिंधिया ( 1804 ई . ) एवं अन्य सहायक संधि करनेवाले राज्य जोधपुर , जयपुर , मच्छेड़ी , बूंदी तथा भरतपुर ।

नोट : इंदौर के होल्करों ने सहायक संधि स्वीकार नहीं की थी ।

⦿ टीपू सुल्तान चौथे आंग्ल - मैसूर युद्ध ( 1799 ई . ) में मारा गया ।

⦿ इसी ने ( 1800 ई . ) कलकत्ता में नागरिक सेवा में भर्ती किए गए । युवकों को प्रशिक्षित करने के लिए फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थापना की , जो 1854 तक अंग्रेजों को भारतीय भाषाओं की शिक्षा देने के लिए चलता रहा ।

नोट : 1806 में भारत भेजे जाने वाले प्रशासकीय अधिकारियों की शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए इंग्लैंड में हेलेबरी में एक ईस्ट इंडिया कॉलेज खोला गया जहाँ नवयुवक प्रशासकीय अधिकारियों को दो वर्ष का प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की गयी ।

⦿ यह स्वयं को बंगाल का शेर कहा करता था ।

⦿ लॉर्ड कार्नवालिस का ( 1805 ई . ) दूसरा कार्यकाल शुरू हुआ , परन्तु शीघ्र ही इसकी मृत्यु हो गयी ।

सर जार्ज वार्लो  ( 1805 - 1807 ई . )

⦿ 1806 ई . में वेल्लोर में हुई सिपाही विद्रोह इसके काल की महत्वपूर्ण घटना है ।

लार्ड मिन्टो प्रथम ( 1807 - 1813 ई . )

⦿ इसके काल में रणजीत सिंह एवं अंग्रेजों के बीच 25 अप्रैल , 1809 को अमृतसर की संधि ( मध्यस्थता चार्ल्स मेटकॉफ ) हुई । इसी के समय चार्टर एक्ट 1813 ई . पास हुआ ।

लॉर्ड हेस्टिंग्स ( 1813 - 1823 ई . )

⦿ इसी के समय आंग्ल - नेपाल युद्ध 1814 - 16 ई . में हुई । इसमें नेपाल के अमर सिंह थापा को आत्मसमर्पण करना पड़ा । मार्च , 1816 ई . में अंग्रेजों एवं गोरखों के बीच संगोली की संधि के द्वारा आंग्ल नेपाल युद्ध का अंत हुआ ।

⦿ इसके समय में पिंडारियों का दमन कर दिया गया । पिंडारियों के प्रमुख नेताओं में वासिल मुहम्मद , चीतू एवं करीम खाँ थे ।

⦿ इसने मराठों की शक्ति को अंतिम रूप से नष्ट कर दिया ।

⦿ इसने प्रेस पर लगे प्रतिबंध को समाप्त कर प्रेस के मार्गदर्शन के लिए नियम बनाए ।

⦿ इसी के समय 1822 ई . में टैनेन्सी एक्ट या काश्तकारी अधिनियम लागू किया गया ।

लॉर्ड एमहर्ट ( 1823 - 1828 ई . )

⦿ इसके समय में प्रथम आंग्ल - बर्मा युद्ध ( 1824 - 1826 ई . ) लड़ा गया ।

⦿ 1826 ई . में बर्मा एवं अंग्रेजों के बीच यान्डबू की संधि हुई ।

⦿ 1824 ई . में बैरकपुर का सैन्य विद्रोह भी इसी के समय में हुआ ।

लॉर्ड विलियम बेंटिक ( 1828 - 1835 ई . )

⦿ 1803 ई . में यह मद्रास का गवर्नर था , इसी के समय 1806 ई . में माथे पर जातीय चिह्न न लगाने तथा कानों में बालियाँ न पहनने देने पर वेल्लोर के सैनिकों ने विद्रोह कर दिया ।

⦿ 1833 ई . के ' चार्टर एक्ट ' द्वारा बंगाल के गवर्नर - जेनरल को भारत का गवर्नर - जेनरल बना दिया गया । इस प्रकार भारत का पहला गवर्नर - जेनरल लॉर्ड विलियम बेंटिक हुआ ।

नोट : बंगाल का प्रथम गवर्नर जेनरल वारेन हेस्टिग्स था ।

⦿ राजा राममोहन राय के सहयोग से बेंटिक ने 1829 ई . में सती - प्रथा को समाप्त कर दिया । बेंटिक ने इस प्रथा के खिलाफ कानून बनाकर 1829 ई . में धारा 17 के द्वारा विधवाओं के सती होने को अवैध घोषित कर दिया ।

नोट : अकबर और मराठा पेशवाओं ने भी सती - प्रथा पर रोक लगाने का प्रयास किया था ।

⦿ बेंटिक ने कर्नल स्लीमैन की सहायता से 1830 ई . तक ठगी प्रथा को समाप्त कर दिया । ठग देवी काली की पूजा करते थे ।

⦿ सन् 1835 ई . में बेंटिक ने कलकत्ता में कलकत्ता मेडिकल कॉलेज की स्थापना की ।

⦿ इसी के समय मैकाले की अनुशंसा पर अंग्रेजी को शिक्षा का माध्यम बनाया गया । मैकाले द्वारा कानून का वर्गीकरण भी किया गया ।

⦿ बेंटिक ने 1831 ई . में मैसूर तथा 1834 ई . में कुर्ग एवं मध्यकचेर को हड़प लिया ।

⦿ इसने भारतीयों को उत्तरदायी पदों पर नियुक्त किया । इसके समय में भारतीयों को प्रदान किया गया उच्चतम पद सदर अमीन का था जिसे 700 रु . प्रति माह तनख्वाह मिलती थी ।

⦿ इसके समय कम्पनी के 1833 के चार्टर एक्ट द्वारा यह निश्चित किया गया कि धर्म , जाति , रंग अथवा जन्म के आधार पर किसी व्यक्ति को कंपनी की सेवा में प्रवेश करने से नहीं रोका जाएगा ।

⦿ इसने शिशु बालिका की हत्या पर भी प्रतिबंध लगा दिया ।

चार्ल्स मेटकॉफ ( 1835 - 1836 ई . )

⦿ इसने अपने एक वर्ष के कार्यकाल में प्रेस पर से नियंत्रण हटाया । इसीलिए इसे भारतीय प्रेस का मुक्तिदाता कहा जाता है ।

लॉर्ड ऑकलैण्ड ( 1836 - 1842 ई . )

⦿ इसके समय की सबसे महत्वपूर्ण घटना है प्रथम आंग्ल - अफगान युद्ध ( 1839 - 42 ई . ) ।

⦿ 1839 ई . में इसने कलकत्ता से दिल्ली तक ग्रैंड ट्रंक रोड का मरम्मत करवाया ।

⦿ इसी के समय में भारतीय विद्यार्थियों को डॉक्टरी की शिक्षा हेतु विदेश जाने की अनुमति ब्रिटिश संसद ने प्रदान की ।

लॉर्ड एलिनबरो ( 1842 - 1844 ई . )

⦿ प्रथम आंग्ल - अफगान युद्ध समाप्त हुआ ।

⦿ सिन्ध को अगस्त , 1843 ई . में पूर्ण रूप से ब्रिटिश साम्राज्य में मिला लिया गया । सिन्ध विजय के विषय में नेपियर का कथन है कि — ' वह अफगानी तूफान की पूँछ थी ' ।

⦿ दास - प्रथा का उन्मूलन इसी के समय में हुआ । ( 1843 के एक्ट - V के द्वारा )

नोट : रविवार की छुट्टी की शुरुआत 1843 ई . से हुई ।

    लॉर्ड हार्डिंग ( 1844 - 1848 ई . )

    ⦿ इसके काल की सबसे महत्वपूर्ण घटना थी — प्रथम आंग्ल - सिक्ख युद्ध ( 1845 - 1846 ई . ) । इसमें अंग्रेज विजयी हुए ।

    ⦿ इसने नरबलि - प्रथा पर प्रतिबंध लगाया ।

    लॉर्ड डलहौजी ( 1848 - 1856 ई . )

    ⦿ इसके समय में द्वितीय आंग्ल - सिक्ख युद्ध ( 1848 - 1849 ई . ) तथा पंजाब का ब्रिटिश शासन में विलय ( 29 मार्च , 1849 ई . ) हुआ । जगतप्रसिद्ध सिक्ख राज्य का प्रसिद्ध हीरा कोहिनूर महारानी विक्टोरिया को भेज दिया गया 

    ⦿ द्वितीय आंग्ल - सिक्ख युद्ध के दौरान तीन युद्ध लड़े गये - प्रथम रामनगर का युद्ध - 16 नवम्बर , 1848 अनिर्णित , दुसरा- चिलियावाला का युद्ध - 13 जनवरी , 1849 अनिर्णित , तीसरा युद्ध - गुजरात ( चिनाव नदी के किनारे ) नामक स्थान पर 12 मार्च , 1849 का हुआ , जिसमें सिक्ख बुरी तरह पराजित हुए ।

    ⦿ द्वितीय आंग्ल - बर्मा युद्ध , और 1852 ई . में लोअर बर्मा एवं पीगू को अंग्रेजी राज्य में मिला लिया गया 

    ⦿ डलहौजी ने सिक्किम पर दो अंग्रेज डॉक्टरों के साथ दुर्व्यवहार का आरोप लगाकर सन् 1850 ई . में उस पर अधिकार कर लिया ।

    ⦿ 1852 ई . में एक इनाम कमीशन की स्थापना की गई । इसका उद्देश्य भूमिकर रहित जागीरों का पता करके उन्हें छीनना था ।

    ⦿ डलहौजी का शासनकाल उसके व्यपगत सिद्धान्त ( Doctrine of Lapse ) के कारण अधिक याद किया जाता है । इस नीति के तहत अंग्रेजी साम्राज्य में विलय किए गए राज्य थे - सर्वप्रथम सतारा 1848 ई . में , जैतपुर ( बुंदेलखंड ) और संभलपुर ( उड़ीसा ) 1849 ई . में , बघाट ( हिमाचल प्रदेश ) 1850 ई . में , उदेपुर ( मध्य प्रदेश ) 1852 ई . में , झाँसी 1853 ई . में , नागपुर 1854 ई . में ।

    ⦿ 1856 ई . में अवध को कुशासन का आरोप लगाकर अंग्रेजी राज्य में मिला लिया गया । उस समय अवध का नवाब वाजिद अली शाह था ।

    नोट : 18वीं शताब्दी में अवध राज्य का संस्थापक सआदत खाँ था ।

    ⦿ 1856 ई . में इसने तोपखाने के मुख्यालय को कलकत्ता से मेरठ स्थानान्तरित किया और सेना का मुख्यालय शिमला में स्थापित किया ।

    ⦿ शिक्षा संबंधी सुधारों में डलहौजी ने 1854 ई . के वुड डिस्पैच को लागू किया । इसके अनुसार जिलों में ऐंग्लो - वर्नाक्यूलर स्कूल , प्रमुख नगरों में सरकारी कॉलेजों तथा 1857 ई . में तीनों प्रेसीडेंसियों कलकत्ता , मद्रास एवं बम्बई में एक - एक विश्वविद्यालय स्थापित किए गए और साथ ही प्रत्येक प्रदेश में एक शिक्षा निदेशक नियुक्त किया गया ।

    ⦿ डलहौजी को भारत में रेलवे का जनक माना जाता है । इसी के समय भारत में पहली बार 16 अप्रैल , 1853 ई . में बम्बई से थाणे के बीच ( 34 किमी . ) प्रथम रेल चलायी गयी ।

    ⦿ सन् 1854 ई . में नया पोस्ट ऑफिस एक्ट पारित हुआ और भारत में पहली बार डाक टिकट का प्रचलन प्रारंभ हुआ ।

    ⦿ इसने पृथक् रूप से भारत में पहली बार सार्वजनिक निर्माण विभाग की स्थापना की ।

    ⦿ इसने सन् 1854 ई . में एक स्वतंत्र विभाग के रूप में लोक सेवा विभाग की स्थापना की ।

    ⦿ इसी के समय में 1853 ई . में कलकत्ता एवं आगरा के बीच पहली बार बिजली से संचालित तार सेवा शुरू हुई ।

    ⦿ इसने शिमला को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया ।

    ⦿ 1853 ई . के चार्टर ऐक्ट के द्वारा कंपनी के संचालक मंडल से कंपनी के प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति का अधिकार वापस ले लिया गया और 1853 ई . से ही अधिकारियों की नियुक्ति के लिए प्रतियोगिता परीक्षा की व्यवस्था की गयी जिसके लिए उम्र सीमा 18 से 23 वर्ष रखी गयी ।

    नोट : 1 . सत्येन्द्रनाथ टैगोर पहले भारतीय थे जिन्होंने 1863 ई . में लंदन में हई सिविल सेवा परीक्षा में सफलता प्राप्त की थी ।
    2 . 1922 ई . मे इलाहाबाद ( भारत ) एवं लंदन दोनों स्थानों पर साथ - साथ सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन किया जाने लगा ।

    ⦿ डलहौजी ने नर - बलि प्रथा को रोकने का भी प्रयास किया ।

    लॉर्ड कैनिंग ( 1856 - 1862 ई . )

    ⦿ यह भारत में कम्पनी द्वारा नियुक्त अन्तिम गवर्नर - जेनरल तथा ब्रिटिश सम्राट् के अधीन नियुक्त भारत का प्रथम वायसराय था ।

    ⦿ इसके समय की सबसे महत्वपूर्ण घटना थी सन् 1857 ई . का ऐतिहासिक विद्रोह । इसी विद्रोह के बाद प्रशासनिक सुधार के अन्तर्गत भारत का शासन कम्पनी के हाथों से सीधे ब्रिटिश सरकार के नियंत्रण में ले लिया गया ।

    ⦿ कैनिंग के समय 1861 में उच्च न्यायालय अधिनियम बनाया गया जिसके अनुसार पुरानी सुप्रीम कोर्ट और सदर अदालतों को समाप्त कर दिया गया तथा कलकत्ता , मद्रास तथा मुम्बई में एक - एक उच्च न्यायालय की स्थापना की गई ।

    नोट : 1866 में आगरा में एक उच्च न्यायालय की स्थापना की गई जिसे 1875 में इलाहाबाद स्थानान्तरित कर दिया गया ।

    ⦿ कैनिंग के समय में ही 1856 ई . में विधवा पुनर्विवाह अधिनियम स्वतंत्र रूप से लागू हुआ । भारत में पहला कानूनी विधवा विवाह कलकत्ता में 7 दिसम्बर 1856 ई . को ईश्वरचन्द्र विद्यासागर की प्रेरणा और देख - रेख में सम्पन्न हुआ ।

    ⦿ 1856 में पैतृक सम्पत्ति से संबंधित जो कानून बनाया गया उसके अनुसार यह निश्चित किया गया कि धर्म परिवर्तन करने पर किसी व्यक्ति को उसकी पैतृक सम्पत्ति से वंचित नहीं किया जाएगा ।

    ⦿ 1857 ई . में कैनिंग के समय ही महालेखा परीक्षक पद का सृजन किया गया जो स्वतंत्रता के बाद नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक कहलाया ।

    ⦿ भारत शासन अधिनियम - 1858 ई . के तहत मुगल सम्राट के पद को समाप्त कर दिया गया ।

    ⦿ मैकाले द्वारा प्रारूपित दंड संहिता को 1858 ई . में कानून बना दिया गया तथा 1859 ई . में अपराध विधान संहिता लागू की गयी ।

    ⦿ व्यपगत सिद्धांत ( Doctrine of Lapase ) यानी राज्य - विलय की नीति को समाप्त कर दिया गया ।

    ⦿ 1861 ई . में इंडियन कौंसिल एक्ट पारित हुआ तथा पोर्टफोलियो प्रणाली लागू की गयी ।

    लॉर्ड एल्गिन ( 1862 - 1863 ई . )

    ⦿ इसने वहाबी आन्दोलन का दमन किया । 1863 ई . में धर्मशाला ( हिमाचल प्रदेश ) में इसकी मृत्यु हो गयी ।

    लॉर्ड लारेंस ( 1864 - 1869 ई . )

    ⦿ 1865 ई . में भूटान ने ब्रिटिश साम्राज्य पर आक्रमण किया ।

    ⦿ अफगानिस्तान के संबंध में इसने अहस्तक्षेप की नीति अपनाई ,जिसे ' शानदार निष्क्रियता ' के नाम से जाना जाता है ।

    ⦿ इसी के समय में उड़ीसा में सन् 1866 ई . में तथा बून्देलखण्ड एवं राजपुताना में 1868 - 1869 ई . में भीषण अकाल पड़ा ।

    ⦿ इसने हेनरी कैम्पवेल के नेतृत्व में एक अकाल आयोग का गठन किया ।

    ⦿ सन 1865 ई . में इसके द्वारा भारत एवं यूरोप के बीच प्रथम समुद्री टेलीग्राफ सेवा शुरू की गयी ।

    लॉर्ड मेयो ( 1869 - 1872 ई . )

    ⦿ लॉर्ड मेयो ने अजमेर में 1872 ई . में मेयो कॉलेज की स्थापना की ।

    ⦿ इसने सन् 1872 ई . में एक कृषि विभाग की स्थापना की ।

    ⦿ एक अफगान शेर अली अफरीदी ने 8 फरवरी , 1872 ई . में चाकू मार कर इसकी हत्या कर दी ।

    ⦿ भारत में अंग्रेजों के समय में प्रथम जनगणना 1872 ई . में लार्ड मेयो के कार्यकाल में ही हुआ ।

    लॉर्ड नार्थब्रुक ( 1872 - 1876 ई . )

    ⦿ इसके समय में बंगाल में भयानक अकाल पड़ा ।

    ⦿ इसने बड़ौदा के मल्हारराव गायकवाड़ को भ्रष्टाचार के आरोप में पदच्युत कर मद्रास भेज दिया ।

    ⦿ लॉर्ड नार्थब्रुक ने यह घोषणा की " मेरा उद्देश्य करों को हटाना तथा अनावश्यक वैधानिक कार्रवाइयों को बन्द करना है । "

    ⦿ पंजाब का प्रसिद्ध कूका आन्दोलन इसी के समय में हआ ।

    ⦿ इसी के समय में स्वेज नहर खुल जाने से भारत एवं ब्रिटेन के बीच व्यापार में वृद्धि हुई ।

    लॉर्ड लिटन ( 1876 - 1880 ई . )

    ⦿ यह एक प्रसिद्ध उपन्यासकार , निबंध - लेखक एवं साहित्यकार था । साहित्याकाश में इसे ओवन मैरिडिथ के नाम से जाना जाता था ।

    ⦿ इसके समय में बम्बई , मद्रास , हैदराबाद , पंजाब , मध्य भारत आदि में भयानक अकाल पड़ा ।

    ⦿ लिटन ने रिचर्ड स्ट्रैची की अध्यक्षता में 1878 में एक अकाल आयोग की नियुक्ति की ।

    ⦿ 1 जनवरी , 1877 ई . को ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया को कैसर ए - हिन्द की उपाधि से सम्मानित करने के लिए दिल्ली दरबार आयोजन किया गया ।

    ⦿ मार्च , 1878 ई . में लिटन ने भारतीय समाचारपत्र अधिनियम  ( वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट ) पारित कर भारतीय समाचारपत्रों पर कठोर प्रतिबंध लगा दिए । ( विशेषकर राष्ट्रवादी समाचार - पत्र ' सोम  प्रकाश ' को प्रतिबन्धित करने के लिए ) इस कानून में प्रावधान था कि अगर किसी अखबार में कोई आपत्तिजनक चीज छपती है तो  सरकार उसकी प्रिंटिंग प्रेस सहित सारी सम्पत्ति जब्त कर सकती है 

    नोट : पायनियर अखबार ने वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट - 1878 का समर्थन किया ।

    ⦿ इसी के समय में सन् 1878 ई . को भारतीय शस्त्र अधिनियम पारित हुआ , जिसके तहत शस्त्र रखने एवं व्यापार करने के लिए लाइसेंस को अनिवार्य बना दिया गया ।

    ⦿ इसने सिविल सेवा परीक्षाओं में प्रवेश की अधिकता 21 से घटाकर 19 वर्ष कर दी ।

    नोट : 1857 में सिविल सेवा परीक्षा में सम्मलित होने की आयु 23 वर्ष निर्धारित की गयी थी । 1859 में आयु सीमा को घटाकर 22 वर्ष और 1866 में इसको घटाकर 21 वर्ष किया गया था ।

    ⦿ लिटन ने अलीगढ़ में एक मुस्लिम - ऐंग्लो प्राच्य महाविद्यालय की स्थापना की ।

    लॉर्ड रिपन ( 1880 - 1884 ई . )

    ⦿ प्रधानमंत्री ग्लैडस्टोन के परामर्श पर रिपन ने सर्वप्रथम समाचारपत्रो की स्वतंत्रता को बहाल करते हुए सन् 1882 ई . में वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट को समाप्त कर दिया और भारतीय भाषाओं में प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों को भी वही सुविधाएँ दी गई जो अन्य समाचार - पत्रों को प्राप्त थी ।

    ⦿ इसने सिविल सेवा में प्रवेश की अधिकतम आयु सीमा को 19 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष कर दिया ।

    ⦿ इसने स्थानीय स्वशासन की शुरुआत की । 18 मई , 1882 को स्थानीय स्वशासन संबंधी एक कानून बनाया जिसके आधार पर विभिन्न प्रांतों में 1883 से 1885 के मध्य स्थानीय स्वशासन सम्बन्धी कानून बनाए गये ।

    ⦿ इसके समय में ही भारत में सन् 1881 ई . में सर्वप्रथम नियमित जनगणना करवायी गयी । तब से लेकर अब तक प्रत्येक 10 वर्ष के अन्तराल पर जनगणना की जाती है । 1881 की जनगणना में हैदराबाद और राजपूताने को नहीं जोड़ा गया था ।

    नोट : भारत में पहली बार जनगणना सन् 1872 ई . में हुई , परन्तु इसमें भारत के सम्पूर्ण भागों का प्रतिनिधित्व नहीं हुआ । लगभग 20 % भारत का भाग इसमें छूट गया ।

    ⦿ रिपन के द्वारा ही सन् 1881 ई . में प्रथम कारखाना अधिनियम लाया गया । इसमें 7 वर्ष से कम आयु के बच्चों को काम करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया और 7 से 12 वर्ष के श्रमिकों के लिए 9 घंटे से अधिक कार्य कराया जाना प्रतिबंधित कर दिया गया । यह एक्ट चाय , कॉफी एवं नील की खेती पर लागू नहीं थी ।

    ⦿ रिपन के समय में शैक्षिक सुधारों के अन्तर्गत विलियम हण्टर की अध्यक्षता में एक आयोग गठित किया गया ।

    ⦿ 2 फरवरी , 1883 को यूरोपियों के विरुद्ध भारतीय न्यायाधीशों द्वारा मुकदमे की सुनवाई के लिए इल्बर्ट विधेयक प्रस्तुत किया गया , लेकिन यूरोपवासियों के प्रबल विरोध के कारण इसे वापस लेना पड़ा । अंग्रेजों द्वारा इस विधेयक के विरोध में किए विद्रोह को श्वेत विद्रोह के नाम से जाना जाता है 

    ⦿ फ्लोरेंस नाइटिंगेल ने रिपन को ' भारत के उद्धारक ' की संज्ञा दी ।

    लॉर्ड डफरिन ( 1884 - 1888 ई . )

    ⦿ इसके समय तृतीय आंग्ल - बर्मा युद्ध ( 1885 - 88 ई . ) हुआ और बर्मा को अन्तिम रूप से अंग्रेजी राज्य में मिला लिया गया ।

    ⦿ इसी समय बंगाल टेनेन्सी एक्ट , अवध टेनेन्सी एक्ट तथा पंजाब टेनेन्सी एक्ट पारित हुआ ।

    ⦿ इसके समय की सबसे महत्वपूर्ण घटना थी - 28 दिसम्बर , 1885 को बम्बई में ए . ओ . ह्यूम  के नेतत्व में भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस की स्थापना ।

    लॉर्ड लैन्सडाऊन ( 1888 - 1894 ई . )

    ⦿ भारत और अफगानिस्तान के मध्य सीमा रेखा ( डूरण्ड रेखा ) का निर्धारण इसी समय हुआ ।

    ⦿ 1891 ई . में दूसरा कारखाना अधिनियम लाया गया , जिसमें स्त्रियों  को 11 घंटे प्रतिदिन से अधिक काम करने पर प्रतिबंध लगाया गया साथ ही सप्ताह में एक दिन छुट्टी की व्यवस्था की गयी ।

    लॉर्ड एल्गिन द्वितीय ( 1894 - 1899 ई . )

    ⦿ “ भारत को तलवार के बल पर विजित किया गया है और तलवार के बल पर ही इसकी रक्षा की जाएगी " यह कथन - लॉर्ड एल्गिन द्वितीय का है ।

    ⦿ 1895 - 1898 ई . के मध्य उत्तर प्रदेश , बिहार , पंजाब एवं मध्य प्रदेश में भयंकर अकाल पड़ा ।

    लॉर्ड कर्जन ( 1899 - 1905 ई . )

    ⦿ 1899 में कर्जन ने भारतीय टंकण और पत्र - मुद्रा अधिनियम पारित कराकर अंग्रेजी स्वर्ण मुद्रा को भारत की कानूनी मुद्रा घोषित कर दिया ।

    ⦿ शासन की कार्यक्षमता के आधार पर लॉर्ड कर्जन ने रिपन द्वारा स्थापित स्थानीय स्वशासन की प्रणाली पर आघात किया और 1899 में कलकत्ता कॉरपोरेशन अधिनियम बनाया ।

    ⦿ कर्जन ने सन् 1901 ई . में सर कॉलिन स्कॉट मॉनक्रीफ की अध्यक्षता में एक सिंचाई आयोग , टॉमस रॉबर्टसन की अध्यक्षता में एक रेलवे आयोग तथा 1902 ई . में सर एण्ड्रयू फ्रेजर की अध्यक्षता में एक पुलिस आयोग एवं सर टामस रैले की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय आयोग की स्थापना की ।

    ⦿ 1904 ई . में भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम पास किया गया ।

    ⦿ इसने सर एण्टनी मैकडॉनल की अध्यक्षता में एक अकाल आयोग का गठन किया एवं सैन्य अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए क्वेटा में एक कॉलेज की स्थापना की ।

    ⦿ प्राचीन स्मारक परीक्षण अधिनियम 1904 ई . के द्वारा कर्जन ने भारत में पहली बार ऐतिहासिक इमारतों की सुरक्षा एवं मरम्मत की ओर ध्यान दिया । इस कार्य के लिए कर्जन ने भारतीय पुरातत्व विभाग की स्थापना की ।

    ⦿ कर्जन के समय 1904 में सहकारी उधार समिति अधिनियम बनाया गया जिसके द्वारा सहकारी - समितियों की स्थापना करके किसानों को उचित ब्याज पर रुपया कर्ज देने की व्यवस्था की गयी ।

    ⦿ इसने कृषि बैंक भी खुलवाए ।

    ⦿ इसने 1901 में कृषि इंस्पेक्टर - जनरल की नियुक्ति की ।

    ⦿ इसके समय 1905 में पूसा में एक कृषि - अनुसंधान संस्था खोली गयी ।

    ⦿ कर्जन के समय ही पहली बार प्रत्येक प्रांत और केन्द्र स्तर पर एक निदेशक के अधीन एक पृथक गुप्तचर विभाग की स्थापना की गयी ।

    ⦿ लॉर्ड कर्जन के समय में किचनर - परीक्षा को सैनिक - प्रशिक्षण में शामिल करके सेना की युद्ध - क्षमता को बढ़ाया गया ।

    ⦿ इसी के कार्यकाल के दौरान कलकत्ता में विक्टोरिया मेमोरियल हॉल का निर्माण हुआ ।

    ⦿ कर्जन के भारत विरोधी कार्यों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण कार्य था 1905 ई . में बंगाल का विभाजन । 19 जुलाई , 1905 ई . को बंगाल विभाजन के निर्णय की घोषणा शिमला में की गयी और इसका प्रारूप प्रकाशित किया गया । सितम्बर , 1905 में उसे सम्राट ने भी स्वीकृति दे दी । 16 अक्टूबर , 1905 को इस बंगाल विभाजन की योजना को लागु किया गया । बंगाल को दो प्रान्तों में बाँट दिया गया - एक - पूर्वी बंगाल और असम प्रांत , दूसरा - पश्चिमी बंगाल । पूर्वी बंगाल का मुख्यालय ढाका में बनाया गया और लेफ्टिनेंट गवर्नर सर एण्ड्रयु फ्रेजर को बनाया गया ।

    ⦿ गर्वनर - जनरल की कार्य कारिणी के सैनिक - सदस्य के अधिकारों के प्रश्न पर कर्जन का प्रधान सेनापति किचनर से मतभेद हो गया । जिसमें भारत सचिव ने किचनर का पक्ष लिया । इससे असंतुष्ट होकर अगस्त 1905 में लॉर्ड कर्जन ने त्यागपत्र दे दिया ।

    लॉर्ड मिन्टो द्वितीय ( 1905 - 1910 ई . )

    ⦿ इसके समय में आगा खाँ एवं सलीम उल्ला खाँ के द्वारा ढाका में 1906 ई . में मुस्लिम लीग की स्थापना की गयी ।

    ⦿ 1907 के काँग्रेस के सूरत अधिवेशन में काँग्रेस का विभाजन हो गया ।

    ⦿ इसके शासनकाल में 1907 ई . में आंग्ल एवं रूसी प्रतिनिधिमंडलों - के बीच बैठक हुई ।

    ⦿ मुसलमानों के लिए अलग निर्वाचन व्यवस्था मार्ले - मिन्टो सुधार अधिनियम -1909 ई . के द्वारा किया गया ।

    लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय ( 1910 - 1916 ई . )

    ⦿ इसके समय में ब्रिटेन के राजा जॉर्ज पंचम भारत आए । 12 दिसम्बर , 1911 ई . में दिल्ली में एक भव्य दरबार का आयोजन हुआ । यहाँ पर बंगाल - विभाजन को रद्द करने की घोषणा की गयी एवं भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानान्तरित करने की घोषणा की गयी । 1912 ई . में दिल्ली भारत की राजधानी बनी ।

    ⦿ 23 दिसम्बर , 1912 ई . को लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय पर दिल्ली में बम फेंका गया । इस कांड में भाई बालमुकुन्द को फाँसी की सज़ा दी गई ।

    ⦿ इसी के समय 28 जुलाई , 1914 को प्रथम विश्वयुद्ध प्रारंभ हुआ ।

    ⦿ इसी के शासनकाल में फिरोजशाह मेहता ने ' बाम्बे क्रोनिकल ' एवं गणेश शंकर विद्यार्थी ने ' प्रताप ' का प्रकाशन किया ।

    ⦿ 1916 ई . में लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय को बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय का कुलाधिपति नियुक्त किया गया ।

    लॉर्ड चेम्सफोर्ड ( 1916 - 1921 ई . )

    ⦿ काँग्रेस के लखनऊ अधिवेशन ( 1916 ई . ) में काँग्रेस का एकीकरण हुआ एवं मुस्लिम लीग के साथ समझौता हुआ ।

    ⦿ 1916 ई . में पूना में महिला विश्वविद्यालय की स्थापना हुई ।

    ⦿ इसके काल में 1917 ई . में शिक्षा पर सैडलर आयोग का गठन हुआ ।

    ⦿ इसी के काल में 1919 ई . में रौलेट एक्ट पारित हुआ ।

    ⦿ इसी के काल में 13 अप्रैल , 1919 ई . को जालियाँवाला बाग ( अमृतसर ) हत्याकांड हुआ ।

    ⦿ खिलाफत आन्दोलन एवं गाँधीजी का असहयोग आन्दोलन इसी के समय प्रारंभ हुआ ।

    ⦿ तृतीय अफगान युद्ध इसी के समय हुआ ।

    लॉर्ड रीडिंग ( 1921 - 1926 ई . )

    ⦿ 1921 ई . में मोपला विद्रोह हुआ ।

    ⦿ 1921 में एम . एन . राय द्वारा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का गठन किया गया ।

    ⦿ इसके काल में ही प्रिंस ऑफ वेल्स ने नवम्बर , 1921 ई . में भारत की यात्रा की । इस दिन पूरे भारत में हड़ताल का आयोजन किया गया ।

    ⦿ 5 फरवरी , 1922 को घटी चौरी - चौरा काण्ड ( उ . प्र . के गोरखपुर जिले में ) के बाद गाँधी जी ने अपना असहयोग आन्दोलन वापस ले लिया ।

    ⦿ भारत में 1922 से इलाहाबाद में सिविल सेवा परीक्षा की शुरुआत हुई ।

    ⦿ 1922 ई . में विश्वभारती विश्वविद्यालय ने कार्य करना प्रारंभ किया ।

    ⦿ 1923 ई . में चित्तरंजन दास एवं मोतीलाल नेहरू ने इलाहाबाद में काँग्रेस के अंतर्गत स्वराज्य पार्टी की स्थापना की । 1923 ई . के चुनाव में इस दल को मध्य प्रांत एवं बंगाल में पूर्ण बहुमत मिला 

    ⦿ 1925 ई . में प्रसिद्ध आर्यसमाजी राष्ट्रवादी नेता स्वामी श्रद्धानन्द की हत्या कर दी गयी ।

    लॉर्ड इरविन ( 1926 - 1931 ई . )

    ⦿ 3 फरवरी , 1928 ई . साइमन कमीशन बम्बई पहुँचा ।

    ⦿ लाला लाजपत राय की मृत्यु के बदले में भारतीय चरमपंथियों द्वारा दिल्ली के असेम्बली हॉल में 1929 ई . में बम फेंका गया ।

    ⦿ लाहौर जेल में जतिनदास ने 13 जुलाई , 1929 को भूख हड़ताल शुरू की व भूख हड़ताल के 64वें दिन 13 सितम्बर , 1929 को उसकी मृत्यु हो गई । भूख हड़ताल का कारण भारतीय एवं अग्रेज कैदियों के बीच व्यवहार में किया जाने वाला भेद - भाव था 

    ⦿ 1029 ई . में काँग्रेस के लाहौर अधिवेशन में ' पूर्ण स्वराज ' का लक्ष्य निर्धारित किया गया और 26 जनवरी , 1930 को स्वतंत्रता दिवस मनाने की घोषणा की गयी ।

    ⦿ सविनय अवज्ञा आन्दोलन के दौरान महात्मा गाँधी को 5 मई , 1930 ई . को गिरफ्तार कर लिया गया । 25 जनवरी , 1931 ई . को वायसराय इरविन बिना कोई शर्त के उन्हें रिहा कर दिया ।

    ⦿ 12 नवम्बर , 1930 ई . में लंदन में प्रथम गोलमेज सम्मेलन हुआ । इस सम्मेलन में काँग्रेस ने भाग नहीं लिया ।

    ⦿ 4 मार्च , 1931 ई . को गाँधी - इरविन समझौते पर हस्ताक्षर किया गया और साथ ही ‘ सविनय अवज्ञा आन्दोलन ' को स्थगित किया गया ।

    लॉर्ड वेलिंगटन ( 1931 - 1936 ई . )

    ⦿ इसके समय में लंदन में 7 सितम्बर से 1 दिसम्बर , 1931 तक द्वितीय गोलमेज सम्मेलन का आयोजन हुआ । इस सम्मेलन में काँग्रेस ने भी भाग लिया । काँग्रेस का प्रतिनिधित्व गाँधी जी ने किया । दूसरे गोलमेज सम्मेलन की असफलता के बाद गाँधी जी ने 3 जनवरी , 1932 ई . को दुबारा सविनय अवज्ञा आन्दोलन प्रारंभ किया ।

    ⦿ 16 अगस्त , 1932 में रैम्जे मैकडोनाल्ड ने विवादास्पद ‘ साम्प्रदायिक पंचाट ' की घोषणा की । इसके अनुसार दलितों को हिन्दुओं से अलग मानकर उन्हें अलग प्रतिनिधित्व देने को कहा गया और दलित वर्गों के लिए अलग निर्वाचन मंडल का प्रावधान किया  गया । इससे गाँधीजी बहुत दुखी हुए और उन्होंने इसे हटाने के लिए आमरण उपवास आरंभ कर दिया अंत में एक समझौता , जिसे प्रायः ' पूना समझौता ' कहते हैं , किया गया जिसमें दलित वर्गों के लिए साधारण वर्गों में ही सीटों का आरक्षण किया गया । पूना समझौता 24 सितम्बर , 1932 ई . को हुआ ।

    ⦿ 17 नवम्बर से 24 दिसम्बर , 1932 ई . तक लंदन में तृतीय गोलमेज सम्मेलन का आयोजन हुआ । काँग्रेस ने इसमें भाग नहीं लिया ।

    ⦿ बिहार में 1934 ई . में भयंकर भूकम्प आया ।

    ⦿ भारत सरकार अधिनियम - 1935 पास किया गया ।

    ⦿ लॉर्ड वेलिंगटन ने काँग्रेस के बम्बई अधिवेशन - 1915 ई . में हिस्सा लिया था । इस अधिवेशन की अध्यक्षता सर सत्येन्द्र प्रसन्न सिन्हा ने की थी ।

    लॉर्ड लिनलिथगो ( 1936 - 1943 ई . )

    ⦿ इसके समय में पहली बार चुनाव कराए गए । काँग्रेस ने ग्यारह में से आठ प्रान्तों ( 1 . बॉम्बे 2 . मद्रास 3 . बिहार 4 . संयुक्त प्रांत 5 . मध्य प्रांत 6 . उड़ीसा 7 . उ . - प . सीमान्त प्रांत 8 . असम ) में अपनी सरकारें बनाईं । प्रथम छह प्रान्तों में काँग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिली  थी । बंगाल , असम , उत्तर - पश्चिम सीमा प्रान्त , पंजाब और सिन्ध में काँग्रेस को पूर्ण बहुमत नहीं मिली थी ।

    ⦿ 1 सितम्बर , 1939 ई . को द्वितीय विश्वयुद्ध प्रारंभ हुआ । ब्रिटिश सरकार ने बिना भारतीयों से पूछे भारत को भी युद्ध में झोंक दिया । काँग्रेस ने इसका विरोध करते हुए नारा दिया , ' न कोई भाई , न कोई पाईं ' और इसने अपने द्वारा शासित प्रांतों के सभी मंत्रीमंडलों से त्यागपत्र दे दिया ।

    ⦿ 1 मई , 1939 ई . में सुभाष चन्द्र बोस ने फारवर्ड ब्लॉक नाम की एक नयी पार्टी बनाई ।

    ⦿ मार्च , 1940 ई . में लीग के लाहौर अधिवेशन में पहली बार पाकिस्तान की माँग की गयी । इस प्रस्ताव का प्रारूप सिकंदर हयात खान ने बनाया था और फजलुल हक ने प्रस्तुत किया था । खलीकुज्जमाँ ने उसका समर्थन किया था ।

    ⦿ 8 अगस्त , 1940 ई . को अगस्त प्रस्ताव अंग्रेजों के द्वारा लाया गया ।

    ⦿ मार्च , 1942 ई . में क्रिप्स मिशन भारत आया । कांग्रेस और मुस्लिम लीग दोनों ने क्रिप्स प्रस्तावों को अस्वीकार कर दिया । पंडित जवाहर लाल नेहरू एवं मौलाना आजाद क्रिप्स मिशन के साथ कांग्रेस के आधिकारिक वार्ताकार थे ।

    ⦿ 9 अगस्त , 1942 को काँग्रेस ने ' भारत छोड़ो ' आन्दोलन प्रारंभ किया । भारत छोड़ो आन्दोलन को अगस्त क्रांति के नाम से भी जानते हैं ।

    ⦿ 1943 ई . में बंगाल में भयानक अकाल पड़ा ।

    लॉर्ड वेवेल ( 1944 - 1947 ई . )

    ⦿ वायसराय वेवेल ने 25 जून , 1945 ई . को शिमला में एक सम्मेलन बुलाया । इस सम्मेलन में कांग्रेस प्रतिनिधिमण्डल का नेतृत्व अबुल कलाम आजाद ने किया था । गाँधी जी ने सम्मेलन में भाग नहीं लिया , यद्यपि वे शिमला में उपस्थित रहे । सम्मेलन के दौरान मुस्लिम लीग द्वारा यह शर्त रखी गई कि वायसराय का कार्यकारिणी परिषद् में नियुक्त होने वाले सभी मुस्लिम सदस्यों का चयन वह स्वयं करेगी । मुस्लिम लीग का यह अड़ियल रूख 14 जुलाई तक बना रहा अतः वेवेल 14 जुलाई , 1945 को सम्मेलन के विफलता की घोषणा की 

    ⦿ 1945 में बनी क्लीमेन्ट एटली की अध्यक्षता वाली लेबर पार्टी की सरकार द्वारा की गई प्रथम कार्यवाही के अन्तर्गत भारत में आम चुनाव करवाना था । दिसम्बर , 1945 ई . में घोषित चुनाव परिणामों  में केन्द्रीय विधान सभा तथा प्रांतीय विधान मंडलों में काँग्रेस को पर्याप्त बहुमत मिला । केन्द्रीय विधान सभा में काँग्रेस को निर्वाचन क्षेत्रों में 91 . 3 प्रतिशत मत मिले । मुस्लिम लीग ने सभी मुस्लिम सीटें जीत ली । प्रांतीय विधान मंडल में कांग्रेस को बम्बई , मद्रास , संयुक्त प्रांत बिहार , उड़ीसा और मध्य प्रांत में पूर्ण बहुमत मिला । मुस्लिम लीग को बंगाल तथा सिंध में बहुमत मिला । पंजाब मे कांग्रेस , अकालियों और यूनियनिस्ट पार्टी की साझा सरकार बनी ।

    ⦿ कैबिनेट मिशन 1946 ई . में भारत आया । इस मिशन के सदस्य थे - स्टेफोर्ड क्रिप्स , पैथिक लारेंस , ए . बी . अलेक्जेंडर

    ⦿ 20 फरवरी , 1947 ई . में प्रधानमंत्री लार्ड क्लीमेंट एटली ( लेबर पार्टी ) ने हाउस ऑफ कॉमंस में यह घोषणा की कि जून , 1948 ई . तक प्रभुसत्ता भारतीयों के हाथ में दे देंगे ।

    लॉर्ड माउण्टबेटन ( मार्च , 1947 से जून , 1948 ई . )

    ⦿ सत्ता हस्तांतरण के लिए 24 मार्च , 1947 ई . को भारत का गवर्नर जेनरल लार्ड माउण्ट बेटन को बनाया गया । 3 जनवरी 1947 ई . को माउण्ट बेटन योजना घोषित , इसमें भारत विभाजन शामिल था 

    ⦿ 4 जुलाई , 1947 ई . को ब्रिटिश संसद में एटली द्वारा भारतीय स्वतंत्रता विधेयक प्रस्तुत किया गया , जिसे 18 जुलाई , 1947 ई . को स्वीकृति मिली । विधेयक के अनुसार भारत और पाकिस्तान दो स्वतंत्र राष्ट्रों की घोषणा की गयी ।

    ⦿ 15 अगस्त , 1947 ई . को भारत स्वतंत्र हुआ ।

    ⦿ स्वतंत्र भारत का प्रथम गवर्नर - जेनरल लॉर्ड माउण्टबेटन हुए ।

    नोट : स्वतंत्र भारत के प्रथम एवं अंतिम भारतीय गवर्नर - जेनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी हुए ।

    यह भी देखें
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