निर्वाचन आयोग

नमस्कार दोस्तों Sarkaripen.com में आप लोगो का स्वागत है क्या आप निर्वाचन आयोग की जानकारी पाना चाहते है , आज के समय किसी भी नौकरी की प्रतियोगिता की दृष्टि से यह एक महत्वपूर्ण विषय है तथा Nirvachan ayog in hindi की जानकारी होना बहुत आवश्यक है , इसलिए आज हम Nirvachan ayog के बारे में बात करेंगे । निचे Election Commission की जानकारी निम्नवत है ।

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Nirvachan ayog

⦿ संविधान के भाग - 15 के अनु . - 324 से 329 में निर्वाचन से संबंधित उपबन्ध दिया गया है । भारत निर्वाचन आयोग की स्थापना 25 जनवरी , 1950 को हुई थी । यह एक स्थायी संवैधानिक निकाय है ।

⦿ निर्वाचन आयोग का गठन मुख्य निर्वाचन आयुक्त एवं अन्य निर्वाचन आयुक्तों से किया जाता है , जिनकी नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है ।

⦿ मुख्य चुनाव आयुक्त का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु , जो भी पहले हो तब तक होगा । अन्य चुनाव आयुक्तों का कार्यकाल 6 वर्ष या 62 वर्ष की आयु जो पहले हो तब तक रहता है ।

⦿ मुख्य चुनाव आयुक्त व अन्य चुनाव आयुक्तों को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के बराबर वेतन ( 90000 मासिक ) एवं भत्ते प्राप्त होंगे ।

⦿ पहले चुनाव आयोग एक सदस्यीय आयोग था , परन्तु अक्टूबर , 1993 ई . में तीन सदस्यीय आयोग बना दिया गया ।

निर्वाचन आयोग के मुख्य कार्य

⦿ चुनाव क्षेत्रों का परिसीमन 

⦿ मतदाता सूचियों को तैयार करवाना 

⦿ विभिन्न राजनीतिक दलों को मान्यता प्रदान करना 

⦿ राजनीतिक दलों को आरक्षित चुनाव चिह्न प्रदान करना 

⦿ चुनाव करवाना 

⦿ राजनीतिक दलों के लिए आचार संहिता तैयार करवाना 

निर्वाचन आयोग की स्वतंत्रता के लिए संवैधानिक प्रावधान

⦿ निर्वाचन आयोग एक संवैधानिक संस्था है अर्थात् इसका निर्माण संविधान ने किया है ।

⦿ मुख्य चुनाव आयुक्त एवं अन्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं ।

⦿ मुख्य चुनाव आयुक्त को महाभियोग जैसी प्रक्रिया से ही हटाया जा सकता है ।

⦿ मुख्य चुनाव आयुक्त का दर्जा सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के समान ही है ।

⦿ नियुक्ति के पश्चात् मुख्य चुनाव आयुक्त एवं अन्य चुनाव आयुक्तों की सेवा शर्तों में कोई अलाभकारी परिवर्तन नहीं किया जा सकता है ।

⦿ मुख्य चुनाव आयुक्त एवं अन्य चुनाव आयुक्तों का वेतन भारत की संचित निधि में से दिया जाता है ।

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन ( EVM )
केरल के पारूर ( Parur ) विधान सभा के 50 बूथ पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन ( EVM ) का प्रयोग पहली बार मई , 1982 में किया गया । नवम्बर , 1998 में मध्य प्रदेश के पाँच , राजस्थान के पाँच एवं दिल्ली के छः विधान सभाओं के चुनाव में बड़े पैमाने पर EVM का प्रयोग किया गया । EVM का प्रयोग करके 1999 में पूरा चुनाव कराने वाला प्रथम राज्य गोवा है । EVM का प्रयोग करके पहली बार 2004 में सम्पूर्ण आम चुनाव कराया गया । 2009 से आम चुनाव एवं सभी विधान सभाओं के चुनाव में EVM का प्रयोग होने लगा । EVM की विश्वसनीयता कायम रखने के लिए VVPAT यानी वोटर वेरीफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल ( Voter Verifiable Paper Audit Trail ) मशीन की मदद ली जा रही है । VVPAT व्यवस्था के तहत वोट डालने के तुरंत बाद कागज की पर्ची बनती है । इस पर जिस उम्मीदवार को वोट दिया है उसका नाम एवं चुनाव चिह्न छपा होता है । सबसे पहले इसका इस्तेमाल नगालैंड के चुनाव में 2013 में हुआ ।

नोट : भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन इंडिया लि . ने VVPAT मशीन को 2013 में बनाई ।

प्रमुख क्षेत्रीय दल एवं उनका चुनाव चिन्ह

दल चुनाव - चिह्न राज्य
तेलुगू देशम् साइकिल आन्ध्रप्रदेश
समाजवादी पार्टी साइकिल उत्तर प्रदेश
असम गण परिषद् हाथी असम
झारखंड मुक्ति मोर्चा तीर - कमान झारखंड
लोक जन . पार्टी बंगला बिहार
तेलंगाना राष्ट्र स . कार तेलंगाना
पैंथर्स पार्टी साइकिल जम्मू - कश्मीर
नेशनल काँफ्रेंस हल जम्मू - कश्मीर
राष्ट्रीय जनता दल लालटेन बिहार , झारखंड
शिवसेना तीर - कमान महाराष्ट्र
ऑल इण्डिया फॉरवर्ड ब्लॉक शेर पश्चिम बंगाल
अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम दो पत्ती तमिलनाडु
महाराष्ट्रवादी गोमान्तक पार्टी शेर गोवा
सिक्किम संग्राम परिषद् हाथी सिक्किम
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम उगता सूरज तमिलनाडु , पुदुचेरी
नगालैंड पीपुल्स कौंसिल मुर्गा नगालैंड
अकाली दल ( बादल ) तराजू पंजाब
जनता दल ( यू ) तीर बिहार , झारखंड
मुस्लिम लीग सीढ़ी केरल

राष्ट्रीय दल का दर्जा हासिल करने के लिए आवश्यक शर्ते

⦿ लोकसभा आम चुनाव अथवा राज्य विधानसभा चुनाव में किन्हीं चार अथवा अधिक राज्यों में कुल डाले गये वैध मतों का छह प्रतिशत प्राप्त करना जरूरी होगा 

⦿ इसके अलावा इसे किसी एक राज्य अथवा राज्यों से विधानसभा की कम - से - कम चार सीटें जीतनी होंगी अथवा  लोकसभा में दो प्रतिशत सीटें हों और ये कम - से - कम तीन विभिन्न राज्यों में हासिल की गई हों ।

वर्तमान में मान्यता प्राप्त राष्ट्रिय राजनितिक दल

दल चुनाव चिह्न
भारतीय जनता पार्टी कमल
भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस पंजा
भारतीय कम्युनिस्ट दल हँसिया और बाली
राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टी घड़ी
बहुजन समाज पार्टी हाथी ( असम को छोड़कर )
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ( मार्क्सवादी ) हँसिया , हथौड़ा एवं तारा
तृणमूल काँग्रेस पार्टी जोड़ा फूल

मतदाता का फोटो युक्त पहचान - पत्र

⦿ निर्वाचन आयोग द्वारा 1993 के चुनावों में जाली मतदान और कुछ मतदाताओं पर नियंत्रण के लिए मतदाता के फोटो युक्त पहचान - पत्र का उपयोग किया गया । पंजीकृत मतदाताओं को फोटो युक्त पहचान पत्र जारी करने का आधार मतदाता सूची है । सामान्य रूप से प्रतिवर्ष इस मतदाता सूची में संशोधन किया जाता है और नवंबर की पहली तारीख पात्रता तिथि मानी जाती है । इस तिथि को 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले या इससे अधिक आयु का प्रत्येक भारतीय नागरिक मतदाता सूची में शामिल होने का पात्र होता है और वह इसके लिए आवेदन कर सकता है । एक बार सूची में पंजीकृत हो जाने के बाद वह फोटो युक्त पहचान - पत्र प्राप्त करने का पात्र हो जाता है ।

यह भी देखें
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