विदेशी व्यापार एवं भुगतान संतुलन
नमस्कार दोस्तों Sarkaripen.com में आप लोगो का स्वागत है क्या आप विदेशी व्यापार एवं भुगतान संतुलन जानकारी पाना चाहते है , आज के समय किसी भी नौकरी की प्रतियोगिता की दृष्टि से यह एक महत्वपूर्ण विषय है तथा Bhugtan santulan ewamVideshi vyapar in hindi की जानकारी होना बहुत आवश्यक है , इसलिए आज हम Videshi vyapar ewam bhugtan santulan के बारे में बात करेंगे । निचे Foreign trade and balance of payments की जानकारी निम्नवत है ।
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Videshi vyapar ewam bhugtan santulan |
⦿ भारत के विदेश व्यापार के अंतर्गत भारत से होने वाले सभी निर्यात एवं विदेशों से भारत में आयातित सभी समानों से है । विदेश व्यापार भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की देख रेख में होता है ।
⦿ विगत दस वर्ष से भारतीय व्यापारिक माल व्यापार ( सीमा शुल्क आधार पर ) 2004-05 में 195.1 बिलियन अमरीकी डॉलर से 2017-18 में बढ़कर 768.956 बिलियन अमरीकी डॉलर होकर लगभग 4 गुना बढ़ गया है ।
⦿ विश्व व्यापार संगठन के अनुसार , वैश्विक निर्यात और आयात में भारत का हिस्सा वर्ष 2004 में क्रमशः 0.8 % और 1% से 2017 में बढ़कर क्रमशः 1.68 प्रतिशत और 2.48 % हो गया है ।
⦿ प्रमुख निर्यातकों और आयातकों की दृष्टि से भारत का स्थान वर्ष 2004 में क्रमश : 30 और 23 से सुधरकर 2017 में क्रमशः 20 और 11 हो गया है ।
⦿ भारत के कुल माल व्यापार से G.D.P. अनुपात में भी वर्ष 2004-05 के 29.0 % से 2017-18 में 29.54 % पर आ गया ।
⦿ वर्ष 2016-17 में देश के निर्यात 275.82 बिलियन डॉलर के रहे , जो वर्ष 2015-16 की इसी अवधि की तुलना में 5.3 % की वृद्धि दशति हैं । वर्ष 2016-17 में देश के आयात 384.36 बिलियन के रहे , जो वर्ष 2015 -16 की तुलना में 0.9 % की ऋणात्मक वृद्धि दर्शाते हैं । वर्ष 2016-17 में देश का व्यापार घाटा 108.5 अरब डॉलर रहा , जबकि वर्ष 2015-16 में यह घाटा 118.716 बिलियन डॉलर था ।
2017 - 18 में भारत के विदेश व्यापार के आँकड़े
⦿ वाणिज्य मंत्रालय के आँकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2017-18 में भारत के वस्तुगत निर्यात ( डॉलर मूल्य में ) 303.526 अरब डॉलर व आयात 465.580 अरब डॉलर के रहे हैं , जबकि पूर्व वर्ष 2016-17 में यह क्रमशः 275.82 अरब डॉलर व 384.36 अरब डॉलर के रहे थे । इस प्रकार 2017-18 में डॉलर मूल्य में वस्तुगत निर्यातों में 10.03 % की एवं वस्तुगत आयातों में 21.13 % की वृद्धि दर्ज की गई ।
⦿ 2017-18 में डॉलर मूल्य में वस्तुगत व्यापार घाटा 162.20 अरब डॉलर का रहा ।
⦿ 2017-18 के दौरान रुपए मूल्य में भारत के निर्यात रु. 1956514.5 करोड़ के व आयात रु. 3001015.7 करोड़ के रहे हैं । पूर्व वित्तीय वर्ष 2016-17 में रुपए मूल्य में भारत के निर्यात व आयात क्रमशः रु. 1849429 करोड़ व रु. 2577666 करोड़ थे । इस प्रकार 2017-18 के दौरान रुपए मूल्य में निर्यातों में 5.79 % व आयातों में 16.42 % की वृद्धि दर्ज की गई ।
⦿ विश्व व्यापार संगठन के अनुसार 2017 में वस्तुओं और सेवाओं के वैश्विक वस्तुगत निर्यातों में भारत का अंश 1.68 % और वाणिज्यिक सेवाओं के वैश्विक निर्यातों में भारत का अंश 3.47 % दर्ज की गई ।
व्यापार की दिशा
⦿ विदेशी व्यापार की दिशा से आशय निर्यात के गंतव्य स्थल तथा आयात के स्रोत से है । भारत की विदेशी व्यापार की दिशा में लगातार परिवर्तन परिलक्षित हो रहा है ।
⦿ भारत के व्यापार की दिशा में चीन को होने वाले निर्यात तथा चीन से होने वाले आयातों में महत्वपूर्ण अन्तराल है । भारत के आयातों में चीन की हिस्सेदारी 16.5 % है जबकि भारत के निर्यातों में चीन की हिस्सेदारी मात्र 3.3 % है ।
⦿ निर्यातों में अमरीका भारतीय वस्तुओं का सबसे बड़ा खरीददार देश है , जिसकी भारत के कुल निर्यातों में 16 % से अधिक की हिस्सेदारी है ।
⦿ चीन के बाद अमरीका , सऊदी अरब तथा यू . ए. ई. भारत के अन्य प्रमुख आयात के स्रोत वाले देश हैं ।
⦿ 2017-18 में से सं.रा. अमरीका , संयुक्त अरब अमीरात , बांग्लादेश , नेपाल तथा यूके ऐसे शीर्ष पाँच देश हैं , जिनके साथ भारत का व्यापार अधिशेष भारत के पक्ष में है ( क्रमशः 21.3 अरब डॉलर , 6.4 अरब डॉलर , 8.1 अरब डॉलर , 6.1 अरब डॉलर तथा 4.9 अरब डॉलर ) ।
⦿ 2017-18 में भारत के आयात साझीदारों में से पाँच शीर्ष देश हैं चीन , स्विट्जरलैंड , सऊदी अरब , ईराक तथा द . कोरिया । इनके साथ भारत का व्यापार घाटा है क्रमशः 63.0 अरब डॉलर , 17.8 अरब डॉलर , 16.7 अरब डॉलर , 16.1 अरब डॉलर एवं 11.9 अरब डॉलर ।
⦿ भुगतान संतुलन : भुगतान संतुलन का तात्पर्य किसी देश का अन्य देश के निवासियों के साथ एक वर्ष की अवधि में समस्त लेन - देन होता है । भुगतान संतुलन खाते के दो भाग होते हैं — चालू खाता ( Current Account ) व पूँजी खाता ( Capital Account ) ।
⦿ चालू खाते के अन्तर्गत वस्तुगत व्यापार ( आयात + निर्यात ) के साथ - साथ अदृश्य मदों ( बीमा , परिवहन , पर्यटन , उपहार आदि ) की लेनदारियों व देनदारियों को सम्मिलित किया जाता है ।
⦿ पूँजी खाते में पूँजीगत लेन-देन ( ऋणों की प्राप्तियाँ व अदायगियाँ , करेन्सी लदान , स्वर्ण हस्तान्तरण आदि ) की प्रविष्टियाँ की जाती हैं ।
⦿ अर्थव्यवस्था की सुदृढ़ता की स्थिति जानने के लिए चालू खाते का संतुलन अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है । भारत का व्यापार संतुलन निरन्तर प्रतिकूल बने रहने के कारण चालू खाते में घाटे की स्थिति निरन्तर बनी हुई है ।
⦿ चालू खाते के घाटे से तात्पर्य भुगतान संतुलन के चालू खाते में विदेशों से कुल प्राप्तियों पर विदेशों के लिए कुल देयताओं के आधिक्य से है । विदेशों से प्राप्तियाँ देयताओं की तुलना में अधिक रहने से चालू खाते में आधिक्य की स्थिति मानी जाती है ।
⦿ चालू खाते में घाटा रहने पर उसकी भरपाई पूँजी खाते में आधिक्य प्राप्त कर की जाती है । पूँजी खाते की प्राप्तियों में विदेशी निवेश की प्राप्तियाँ व विदेशी ऋणों की प्राप्तियाँ आदि पूँजीगत प्राप्तियाँ शामिल रहती है ।
⦿ रिजर्व बैंक की हालियाँ रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय वर्ष 2018-19 के पहले 6 महीनों ( अप्रैल - सितंबर ) में भारत के चालू खाते में घाटा जीडीपी के 2.7 % के स्तर पर रहा है जबकि 2017-18 की इसी अवधि में यह 1.8 % था ।
नोट : भुगतान संतुलन में सुधार हेतु रिजर्व बैंक द्वारा 19 अगस्त , 1994 को रुपये को चालू खाते में पूर्ण परिवर्तनीय घोषित कर दिया गया । पूँजी खाते में रुपए की पूर्ण परिवर्तनीयता से सम्बद्ध विभिन्न पहलुओं पर विचार हेतु RBI के पूर्व डिप्टी गवर्नर एस . एस . तारापोर की अध्यक्षता में एक समिति का गठन 20 मार्च , 2006 को किया था । |
व्यापार नीति
⦿ 2015-16 के केन्द्रीय बजट में निर्यातों को बढ़ावा देने के लिए 2015-2020 की अवधि के लिए नई विदेश व्यापार नीति ( F. T . P. ) की जिक्र की गई ।
⦿ 2015-2020 की अवधि के लिए नई विदेश व्यापार नीति की घोषणा 1 अप्रैल , 2015 को की गई । इसमें विनिर्माण और सेवा निर्यात दोनों में सहायता प्रदान करना तथा व्यापार को अधिक सुलभ बनाने पर जोर दिया गया है ।
⦿ नई विदेश व्यापार नीति का लक्ष्य 2019-20 तक भारत के निर्यात को 900 बिलियन अमरीकी डॉलर तक बढ़ाना है , इससे विश्व व्यापार में भारत की हिस्सेदारी 2% से बढ़कर 3.5 % तक हो सकेगी ।
विदेशी मुद्रा भंडार
⦿ भारत के विदेश विनिमय रिजर्व में विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति ( एफसीए ) , स्वर्ण , विशेष आहरण अधिकार पत्र ( एसडीआर ) और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ( आईएमएफ ) में रिजर्व ट्रांस पोजिशन ( आरटीपी ) आते हैं । विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों को प्रमुख करेंसियों जैसे अमेरिकी डॉलर , यूरो , पाउंड स्टर्लिंग , कनेडियन डॉलर , आस्ट्रेलियाई डॉलर और जापानी येन आदि में रखा जाता है । अमेरिकी डॉलर और यूरो , दोनों हस्तक्षेप करेंसियाँ हैं यद्यपि मुद्रा भंडार को केवल अमेरिकी डॉलर में अभिव्यक्त किया जाता है । जो इस प्रयोजन हेतु अन्तर्राष्ट्रीय मूल्यमान है ।
⦿ 25 जनवरी , 2019 को भारत के पास कुल विदेशी विनियम कोष 398.178 बिलियन डॉलर का था ।
⦿ सितंबर , 2018 के अंत में भारत पर कुल विदेशी ऋण 510.4 अरब डॉलर का था जो मार्च 2018 के अंत में 529.7 अरब डॉलर था । इस प्रकार कुल विदेशी ऋण में 19.3 अरब डॉलर की कमी दर्ज की गई ।
⦿ मार्च 2018 के अंत में भारत पर कुल विदेशी ऋण जीडीपी का 20.5 % था , जो सितंबर 2018 को 20.8 % हो गया ।
व्यापारिक संगठन
⦿ अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ( IMF ) की स्थापना 27 दिसम्बर , 1945 ई . में ब्रेटनवुड सम्मेलन के निर्णय के आधार पर किया गया तथा इसका कार्य 1 मार्च , 1947 ई . से शुरू हुआ । अप्रैल , 2017 तक इसके सदस्य देशों की संख्या 189 है ( 189वाँ सदस्य नौरू ) ।
⦿ IMF का कार्य सदस्य राष्ट्रों के मध्य वित्तीय और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना तथा विश्व व्यापार का संतुलित विस्तार करना है ।
⦿ IBRD अर्थात् ' पुनर्निर्माण एवं विकास के लिए अंतर्राष्ट्रीय बैंक ' की स्थापना सन् 1945 ई . में हुई । अप्रैल , 2017 तक इसके सदस्य देशों की संख्या 189 है ।
⦿ IBRD को ही अन्य संस्थाओं के साथ मिलाकर विश्व बैंक ( World Rank ) के नाम से पुकारा जाता है । इन संस्थाओं में अन्तर्राष्ट्रीय वित्त निगम , अन्तर्राष्ट्रीय विकास संघ तथा बहुपक्षीय विनियोग गारण्टी अभिकरण है ।
⦿ इसका उद्देश्य विश्वयुद्ध से जर्जर हुई अर्थव्यवस्था का प्रारंभिक पुनर्निर्माण तथा अल्प विकसित देशों के विकास में योगदान देना है ।
⦿ इस समय यह सदस्य देशों में पूँजी निवेश में सहायता तथा अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के दीर्घकालीन संतुलित विकास को प्रोत्साहित करने में लगा है ।
⦿ GATT अर्थात् ' प्रशुल्क और व्यापार पर सामान्य समझौता ' 30 अक्टूबर , 1947 को हुआ तथा 1 जनवरी , 1948 से लागू हुआ ।
⦿ GATT के मूल सिद्धांत थे — समान प्रशुल्क की नीति , परिमाणात्मक प्रतिबंधों को हटाना तथा व्यापारिक वाद - विवाद का लोकतांत्रिक तरीके से निपटारा करना ।
⦿ 12 दिसम्बर , 1995 ई . को GATT का अस्तित्व समाप्त कर दिया गया तथा 1 जनवरी , 1995 ई . को इसका स्थान WTO अर्थात विश्व व्यापार संगठन ने ले लिया ।
⦿ WTO का मुख्यालय जेनेवा में है तथा इसके सदस्य देशों की संख्या 164 है । 29 जुलाई , 2016 को अफगानिस्तान WTO का 164वाँ सदस्य बना ।
⦿ मंत्रीस्तरीय सम्मेलन WTO की सर्वोच्च संस्था है । सभी सदस्य देशों के मंत्री इसके सदस्य हैं । इस संस्था की प्रत्येक दो वर्ष में कम - से - कम एक बैठक अवश्य होगी ।
⦿ आयात - निर्यात के लिए वित्त व्यवस्था हेतु भारत में शिखर संस्था निर्यात - आयात बैंक ( Exim Bank ) है । इसकी स्थापना 1 जनवरी . 1982 को की गई थी ।
यह भी देखें
LATEST JOB श्रोत- अमर उजाला अखबार | |
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पुस्तके ( BOOKS ) | |
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