भारत की प्रमुख योजनाएँ

नमस्कार दोस्तों Sarkaripen.com में आप लोगो का स्वागत है क्या आप भारत की प्रमुख योजनाएँ की जानकारी पाना चाहते है , आज के समय किसी भी नौकरी की प्रतियोगिता की दृष्टि से यह एक महत्वपूर्ण विषय है तथा Bharat ki pramukh yojnaye in hindi की जानकारी होना बहुत आवश्यक है , इसलिए आज हम Bharat ki pramukh yojnaye के बारे में बात करेंगे । निचे Major plans of India की जानकारी निम्नवत है ।

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Bharat ki pramukh yojnayen

अन्नपूर्णा योजना

⦿ इस योजना का प्रारंभ 2 अक्टूबर 2000 को गाजियाबाद के सिखोड़ा ग्राम से हुआ । इस योजना का उद्देश्य देश के अत्यन्त निर्धन वृद्धों के लिए रोटी की व्यवस्था करनी है ।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013

यह अधिनियम 12 सितम्बर , 2013 से प्रभावी हुआ । इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को पर्याप्त मात्रा में गुणवत्तापूर्ण खाद्य को ऊचित मूल्य पर आपूर्ति के द्वारा खाद्य तथा पोषक सुरक्षा मुहैया करना है । इसकी कुछ प्रमुख व्यवस्थाएँ निम्न हैं -

⦿ यह अधिनियम कुल जनसंख्या का लगभग 67 % , ग्रामीण जनसंख्या के 75 % एवं शहरी जनसंख्या के 50 % लोगों को अनुदानित दर पर खाद्यान्न प्राप्त करने का कानूनी अधिकार प्रदान करता है ।

⦿ इसके अंतर्गत लाभ प्राप्तकर्ता को 5 kg चावल , गेहूँ या मोटे अनाज क्रमशः 3 , 2 तथा 1 रुपए प्रति किलोग्राम प्राप्त करने का कानूनी अधिकार प्राप्त है ।

⦿ प्रत्येक गर्भवती एवं दूध पिलाने वाली माँ को गर्भाधारण की अवस्था तथा प्रसव के 6 महीना बाद तक आंगनवाड़ी के माध्यम से भोजन मुहैया करना है ।

⦿ इसके अंतर्गत प्राप्त लाभकर्ता को संबंधित राज्य सरकार से खाद्य सुरक्षा भत्ता प्राप्त करने का अधिकार होगा , यदि उसे उतनी मात्रा में खाद्यान्न नहीं प्राप्त होता है या भोजन नहीं मुहैया हो पाता जितना उसे प्राप्त होना चाहिए ।

गरीबी तथा बेरोजगारी उन्मूलन से संबंधित योजनाएँ तथा उनके प्रारंभ वर्ष
योजनाएँ प्रारंभ वर्ष
मरुभूमि विकास कार्यक्रम 1977 - 78
काम के बदले अनाज कार्यक्रम 1977 - 78
अन्त्योदय योजना कार्यक्रम 1977 - 78
ट्रायसेम ( TRYSEM ) 1979
एकीकृत ग्रामीण विकास कार्यक्रम 1980
ड्वक्रा ( DWCRA ) 1982
जवाहर रोजगार योजना 1989
नेहरू रोजगार योजना 1989
दस लाख कुआँ योजना 1988 - 89
इंदिरा आवास योजना 1985 - 86
प्रधानमंत्री रोजगार योजना 1993
रोजगार आश्वासन योजना 1993
स्वर्णजयंती शहरी रोजगार योजना 1997
स्वर्णजयंती ग्राम स्वरोजगार योजना 1999
जवाहर ग्राम समृद्धि योजना 1999
प्रधानमंत्री ग्रामोदय योजना 2000 - 01
अन्नपूर्णा योजना 2000
जनश्री बीमा योजना 2000-01
अन्त्योदय अन्न योजना 2000
आश्रय बीमा योजना 2001-02
जे . पी . रोजगार गारंटी योजना 2002-03
भारत निर्माण कार्यक्रम 2005-06
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम 2006

राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम ( नरेगा )

⦿ इसकी शुरुआत 2 फरवरी , 2006 को आन्ध्रप्रदेश के बान्दावाली जिले के अनन्तपुर गाँव से हुआ । इसका नाम 2 अक्टूबर , 2009 को परिवर्तित करके मनरेगा महात्मा गाँधी रोजगार गारंटी योजना कर दिया गया है । इसके नीति निर्माता ज्या द्रेज़ ( बेल्जियम के अर्थशास्त्री ) हैं । इसका क्रियान्वयन ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा किया जाता है । शुरू में यह योजना 27 राज्यों के 200 जिलों में लागू हुआ था , अप्रैल , 2008 से यह 614 जिलों में लागू है । इसके तहत सभी ग्राम रोजगार योजना एवं काम के लिए अनाज योजना का विलय कर दिया गया । इस योजना के तहत केन्द्र तथा राज्य सरकारों के मध्य 90 : 10 के अनुपात में वित्तीय सहयोग दी जाती है । इस योजना में प्रत्येक परिवार को एक वित्तीय वर्ष में 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराना है , जिसमें महिलाओं की भागीदारी 33 % होगी । 15 दिन तक रोजगार उपलब्ध नहीं कराने पर बेरोजगारी भत्ता देना होगा । इस योजना के तहत कार्य की अवधि 7 घंटे होगी तथा सप्ताह में 6 दिन ही काम करना होगा । कार्य स्थल पर मृत्यु होने या स्थायी अपंगता की स्थिति में 25 हजार रुपये की राशि दी जायेगी । कार्य स्थल घर से 5 किलोमीटर से अधिक दूर होने पर 10 % अतिरिक्त मजदूरी मिलेगी । इसका कार्यान्वयन नेशनल रूरल इम्पलायमेंट गारंटी अधिनियम सितम्बर , 2005 के द्वारा होता है । काम पाने का अधिकार एक कानूनी अधिकार है ।

नोट : मनरेगा ग्रामीण गरीबों को संरक्षित करने की दिशा में प्रायोजित त्रिविधा - मनरेगा , खाद्य सुरक्षा तथा ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में से एक है ।

प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना

⦿ इसकी शुरुआत 9 मई , 2015 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की । इस योजना के अंतर्गत बीमा धारक को दुर्घटना से मृत्यु की स्थिति में 2 लाख रुपया प्राप्त होगा जिसमें वार्षिक प्रीमियम रु. 12 होगा जिसे जनधन खाते से ही हस्तान्तरित लाभ से ही ले लिया जायेगा ।

नोट : जनधन जमा धारक को 1 लाख रुपए की दुर्घटना बीमा तथा 30,000 रुपया सामान्य मृत्यु बीमा अनुमान्य है ।

अटल पेंशन योजना

⦿ इसकी शुरुआत भी 9 मई , 2015 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की गई । इस योजना के अंतर्गत पेंशन की मात्रा तथा इसकी अवधि का निर्धारण इसके अंतर्गत दी जाने वाली अंशदान पर निर्भर करेगी । 31 दिसम्बर , 2015 से पूर्व इसके अंतर्गत खोले जाने वाले खाते पर सरकार 5 वर्ष तक प्रीमियम का 50 % जो अधिक से अधिक रु. 1,000 वार्षिक होगा अंशदान करेगी ।

प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना

⦿ इसकी भी शुरुआत 9 मई , 2015 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की गई । यह योजना स्वाभाविक एवं दुर्घटना मृत्यु दोनों ही के संबंध में लागू होगी । इसके अंतर्गत प्राप्त राशि 2 लाख रुपया होगी । इसके अंतर्गत अंशदान रु. 330 वार्षिक होगी तथा यह 18 से 50 वर्ष की आयु वर्ग के संबंध में लागू होगी ।

बच्चों को निःशुल्क शिक्षा तथा अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009

86 वें संवैधानिक संशोधन के परिणामस्वरूप संविधान के भाग - 3 में अनुच्छेद 21-क समाविष्ट किया गया जिसके फलस्वरूप 6 से 14 वर्ष के बीच की आयु के सभी बच्चो के लिए निःशुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा को मूल अधिकार बना दिया गया । बच्चों को निःशल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 , 1 अप्रैल , 2010 से प्रभावी हो गया है । इस अधिनियम की कुछ प्रमुख व्यवस्थाएँ निम्न हैं -

⦿ 6-14 वर्ष के प्रत्येक बच्चे को प्रारंभिक शिक्षा पूरी होनेतक अपने पड़ोस के विद्यालय में निःशुल्क व अनिवार्य शिक्षा का अधिकार होगा ।

⦿ तीन वर्ष के भीतर जहाँ पास में विद्यालय नहीं है तो सरकार या स्थानीय प्रशासन विद्यालय की स्थापना करेगा ।

⦿ अधिनियम के पालन के लिए वित्त की व्यवस्था करना केन्द्र एवं राज्य सकार की जिम्मेदारी होगी ।

⦿ पड़ोस के विद्यालय में प्रवेश दिलाने की जिम्मेदारी माता - पिता या अभिभावक की होगी ।

⦿ प्रवेश के लिए न ही किसी प्रकार की फीस ली जाएगी न ही जाँच परीक्षा ली जाएगी ।

⦿ कोई अध्यापक कोई निजी ट्यूशन नहीं करेगा ।

⦿ अधिनियम को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने के लिए बाल शिक्षा विशेषज्ञों की राष्ट्रीय परामर्शी परिषद की केन्द्र सरकार द्वारा स्थापना की जाएगी ।

सर्वशिक्षा अभियान

⦿ गरीबी - निवारण में अशिक्षा को सबसे प्रमुख अवरोधक तत्व होने के कारण तथा साथ ही शिक्षा के प्रबल अग्रगामी तथा पश्चगामी कड़ियों को दृष्टि में रखते हुए भारत सरकार ने 2001 में सर्वशिक्षा अभियान को लागू किया । वर्तमान ( 2015-16 ) में इस योजना के लिए वित्तीय व्यवस्था केन्द्र एवं राज्य सरकार 60 : 40 ( पूर्वोत्तर के राज्यों में 90 : 10 ) के अनुपात में करती है । सर्वशिक्षा अभियान के हस्तक्षेप के कारण विद्यालय छोड़ने वाले बच्चों की संख्या में अत्यधिक कमी आई है ।

राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान

⦿ यह योजना केन्द्र सरकार द्वारा 2009 में शुरू की गई । इसका प्रमुख उद्देश्य 12वीं पंचवर्षीय योजना की समाप्ति अर्थात् 2017 तक माध्यमिक स्तर की शिक्षा तक सार्वभौम पहुँच और 2020 तक सार्वभौम उपस्थिति बनाए रखना है । इस योजना का वित्त पोषण केन्द्र एवं राज्य सरकारों द्वारा पूर्वोत्तर राज्यों में 90 : 10 तथा अन्य राज्यों में 75 : 25 के अनुपात में है ।

विद्यालय में राष्ट्रीय मध्याहार कार्यक्रम

⦿ इसकी शुरुआत 15 अगस्त , 1995 को हुई । यह केन्द्र द्वारा प्रायोजित योजना है । शुरुआत में इसे प्राइमरी स्तर पर लागू किया गया था परन्तु 1 अक्टूबर , 2007 से इसमें अपर प्राइमरी के बच्चों को भी शामिल कर लिया गया । इस प्रकार यह योजना अब वर्ग 1 से 8 तक के बच्चों के संबंध में लागू है । इस योजना के अंतर्गत प्राइमरी स्कूल के बच्चों के लिए 450 कैलोरी तथा 12 ग्राम प्रोटीन तथा अपर प्राइमरी के बच्चों के लिए 700 कैलोरी तथा 20 ग्राम प्रोटीन की व्यवस्था है ।

साक्षर भारत

⦿ राष्ट्रीय साक्षरता मिशन को पुनर्संरक्षित करके नयी योजना सितम्बर , 2009 में शुरू की गयी । इसमें 7 करोड़ प्रौढ़ों ( जिसमें 6 करोड़ स्त्रियाँ होंगी ) को साक्षर बनाने का लक्ष्य है । इसमें 15 वर्ष या 15 वर्ष से ऊपर आयु के लोगों को साक्षर बनाया जाएगा ।

राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन ( National Rural Health Mission - NRHM )

⦿ यह योजना 12 अप्रैल , 2005 को शुरू की गयी । यह ग्रामीण क्षेत्रों में सरलता से पहँच वाली , वहनीय और जवाबदेही वाली स्वास्थ्य सेवाएँ मुहैया कराने से संबंधित है । यह योजना विशेष रूप से ग्रामीण गरीबों तथा कमजोर वर्ग के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएँ सुनिश्चित कराने से संबंधित है । इस दिशा में इस सेवा में लगी प्रशिक्षित आशा ( ASHA - Accredited Social Health Activists ) की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है । लगभग 1,000 ग्रामीण जनसंख्या पर 1 आशा कार्य करती है ।

केन्द्र सरकार द्वारा घोषित कुछ योजनाएँ
योजना घोषणा की तिथि
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम 21 अगस्त , 2014
प्रधानमंत्री जन - धन योजना 28 अगस्त , 2014
दीन दयाल उपाध्याय अन्त्योदय योजना 25 सितम्बर , 2014
स्वच्छ भारत मिशन 2 अक्टूबर , 2014
सांसद आदर्श ग्राम योजना 11 अक्टूबर , 2014
श्रमेव जयते 16 अक्टूबर , 2014
जीवन प्रमाण ( पेंशन भोगियों के लिए ) 10 नवम्बर , 2014
मिशन इन्द्रधनुष ( टीकाकरण ) 25 दिसम्बर , 2014
नीति आयोग 1 जनवरी , 2015
हृदय ( समृद्ध सांस्कृतिक संरक्षण व कायाकल्प ) 21 जनवरी , 2015
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ 22 जनवरी , 2015
सुकन्या समृद्धि योजना 22 जनवरी , 2015
मृदा स्वास्थ्य कार्ड 19 फरवरी , 2015
प्रधानमंत्री कौसल विकास 20 फरवरी , 2015
जननी सुरक्षा योजना 12 अप्रैल , 2015
प्रधानमंत्री जीवनज्योति बीमा योजना 9 मई , 2015
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना 9 मई , 2015
अटल पेंशन योजना 9 मई , 2015
उस्ताद ( अल्पसंख्यक कारीगर ) 14 मई , 2015
कायाकल्प ( जनस्वास्थ्य ) 15 मई , 2015
डी . डी . किसान चैनल 26 मई , 2015
हाउसिंग फॉर ऑल स्कीम 25 जून , 2015
अटल मिशन फॉर रीजुवेनेशन एण्ड अरबन ट्रांसफॉर्मेशन 25 जून , 2015
स्मार्ट सिटी परियोजना 25 जून , 2015
डिजिटल इंडिया 1 जुलाई , 2015
इन्द्रधनुष ( सार्वजनिक बैंक की सुदृढ़ता के लिए सात सूत्रीय मिशन ) अगस्त 2015
स्वर्ण मौद्रीकरण योजना 5 नवम्बर , 2015
स्वर्ण बांड योजना 5 नवम्बर , 2015
स्वर्ण बुलियन योजना 5 नवम्बर , 2015
उदय ( UDAY - Ujwal Discom Yojna ) 2015
स्टार्ट अप इंडिया 16 जनवरी , 2016
श्यामा प्रसाद मुखर्जी नेशनल रूर्बन मिशन 21 फरवरी , 2016
सेतु भारतम् योजना 4 मार्च , 2016
स्टैण्ड अप इंडिया 5 अप्रैल , 2016
ग्रामोदय से भारत उदय 14 - 24 अप्रैल , 2016
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना 1 मई , 2016
नमामि गंगे 7 जुलाई , 2016

सुकन्या समृद्धि खाता बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम का एक भाग है । इसमें 10 वर्ष से कम उम्र की लड़की के नाम जमा खाता खोला जा सकता है जिसमें न्यूनतम जमा राशि 1000 रुपए तथा अधिकतम 1 . 5 लाख रुपए होगा । इसपर 9 . 1 % वार्षिक व्याज अनुमान्य होगा ।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ( NHM )

⦿ इसकी शुरुआत 2013 में हुई । इसका लक्ष्य साम्य , सस्ता और गुणवत्ता पूर्ण स्वास्थ्य देख - भाल सेवाओं की व्यापक सुलभता प्रदान करना है ।

स्वच्छ भारत मिशन

⦿ इसकी शुरुआत 2 अक्टूबर , 2014 को हुई । इसका लक्ष्य सभी ग्रामीण परिवारों को शौचालय की सुविधा प्रदान करना है साथ ही स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए सभी ग्राम पंचायतों ठोस और द्रवित अपशिष्ट प्रबंधन क्रिया कलापों के माध्यम से 2 अक्टूबर , 2019 तक खुले में शौच मुक्त भारत हासिल करना है ।

वाल्मीकि अम्बेडकर मलिन बस्ती आवास योजना ( VAMBAY )

⦿ इस योजना की शुरुआत दिसम्बर , 2001 में हुई । यह योजना गंदी बस्तियों में रहनेवालों के घरों के निर्माण और उन्नयन को सरल बनाती है तथा इस योजना के एक घटक निर्मल भारत अभियान के अंतर्गत सामुदायिक शौचालयों के माध्यम से एक स्वस्थ और समर्थकारी वातावरण उपलब्ध कराती है । केन्द्रीय सरकार 50 % अनुदान देती । है तथा 50 % की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की जाती है ।

मिशन इन्द्रधनुष

⦿ इसकी शुरुआत 25 दिसम्बर , 2014 को हुआ । इसका उद्देश्य उन सभी बच्चों को टीकाकरण में लाना है जो पूर्ण या आंशिक रूप से सात बीमारियों के विरुद्ध टीका नहीं लगाया गया है ।

एकीकृत बाल विकास तथा सेवा स्कीम ( Integrated Child Development Services Scheme - ICDS )

⦿ इसकी शुरुआत 1975 में हई । इस योजना का उद्देश्य 6 वर्ष तक के उम्र के बच्चा , गर्भवती महिलाओं , स्तनपान करानेवाली महिलाओं को स्वास्थ्य पोषण एवं शैक्षणिक सेवाओं का एकीकृत पैकेज प्रदान करना है तथा ऑगनवाड़ी भवनों , सीडीपीओ कार्यालयों एवं गोदामों के निर्माण के लिए ऋण प्रदान करना है ।

आंगनवाड़ी केन्द्र

⦿ इस केन्द्र की स्थापना ग्रामीण , शहरी तथा जनजाति बहुल क्षेत्रों में खोले गये हैं । इस केन्द्र का प्रमुख उद्देश्य 300 दिन के लिए पूरक पोषाहार , स्वास्थ्य , प्रतिरक्षण , शिक्षा उपलब्ध करना है । पूरक पोषाहार की व्यवस्था 6 वर्ष की आयु के बच्चे एवं गर्भवती स्त्रियों के लिए किया गया है । इन केन्द्रों को खोलने का आधार जनसंख्या होता है । शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 1000 जनसंख्या पर , जनजाति बहुल क्षेत्र में 700 जनसंख्या पर तथा रेगिस्तानी एवं पहाड़ी क्षेत्रों में 300 की जनसंख्या पर आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाते हैं । आंगनवाड़ी केन्द्र की कार्यकार्ताओं का चयन उसी क्षेत्र में रहने वाली महिलाओं में से किया जाता है । आंगनवाड़ी ICDS ( Integrated child development service ) से जुड़ी होती है ।

राष्ट्रीय बाल भवन

⦿ 1956 से चल रही यह एक स्वायत संस्था है जिसकी वित्तीय व्यवस्था मानव संसाधन विकास मंत्रालय तथा स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा होती है । यह 5-16 वर्ष के बच्चों में सृजनात्मकता विकसित करने के केन्द्र के रूप में कार्य करता है ।

कस्तूरबा गाँधी विद्यालयों की योजना

⦿ 20 जुलाई , 2004 को सरकार ने देश भर में SC , ST , OBC एवं मुस्लिम समुदाय की लड़कियों के लिए कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय खोलने की घोषणा की । यह आवासीय विद्यालय इस समय 27 राज्यों में चलायी जा रही है । इन विद्यालयों में 75 % स्थान अनुसूचित जाति , अनुसूचित जनजाति , अन्य पिछड़े वर्ग एवं अल्पसंख्यकों की बच्चियों के लिए आरक्षित होंगे , जबकि 25 % बालिकाएँ गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों की होगी ।

कुटीर ज्योति कार्यक्रम

⦿ हरिजन और आदिवासी परिवारों सहित गरीबी की रेखा से नीचे रहने वाले ग्रामीण परिवारों के जीवन स्तर में सुधार के लिए भारत सरकार ने 1988 - 89 में कुटीर ज्योति कार्यक्रम प्रारंभ किया । इसके अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में निर्धनता रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों को एक बत्ती विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए रु. 400 की सरकारी सहायता उपलब्ध करायी जाती है ।

अंत्योदय अन्न योजना

⦿ तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने 25 दिसंबर , 2000 को इस योजना की शुरुआत की । इस योजना के तहत देश के एक करोड़ निर्धनतम परिवारों को प्रतिमाह 35 किलोग्राम ( 13 अप्रैल 2002 से ) अनाज विशेष रियायती मूल्य पर उपलब्ध कराया जाता है । इस योजना के तहत जारी किए जाने वाले गेहूँ व चावल का केन्द्रीय निर्गम मूल्य क्रमशः रु. 2 व रु. 3 प्रति किग्रा है । यह योजना केन्द्रीय उपभोक्ता मामले , खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत प्रारंभ की गई है ।

प्रधानमंत्री उज्जवला योजना ( PMUY )

⦿ 1 मई , 2016 को केन्द्र सरकार ने गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले परिवारों की महिलाओं को निःशुल्क एलपीजी कनेक्शन प्रदान करने वाली ' प्रधानमंत्री उज्जवला योजना ' आरंभ की । इस योजना के तहत प्रत्येक बीपीएल परिवार को एलपीजी कनेक्शन के लिए रु. 1600 की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है । इसमें बीपीएल परिवारों को एक भरा हआ गैस सिलेंडर , रेगुलेटर व पाइप मुफ्त दिया जाता है । इस योजना के कार्यान्वयन के लिए ' Give it up ' अभियान के माध्यम से एलपीजी सब्सिडी में बचाए गए पैसे को उपयोग में लाया गया । इस योजना का कार्यान्वयन पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के द्वारा किया जा रहा है ।

नोट : 2018-19 के बजट में एलपीजी कनेक्शन 5 करोड़ परिवार से बढ़ाकर 8 करोड़ परिवार कर दिया गया है ।

दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना ( DDU - GKY )

⦿ 25 सितंबर , 2014 को भारत सरकार द्वारा गरीब परिवारों के 15 - 35 वर्षों के ग्रामीण युवाओं के कौशल विकास और उत्पादन क्षमता के विकास पर बल देने के लिए दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना की शुरुआत की गयी । इस योजना का क्रियान्वयन ' ग्रामीण विकास मंत्रालय ' द्वारा किया जा रहा है । इस योजना के माध्यम से 576 घंटे ( तीन माह ) से लेकर 2304 घंटे ( बारह माह ) की अवधि वाली प्रशिक्षण परियोजनाओं के लिए वित्त पोषण किया जाता है । फिलहाल यह योजना 33 राज्यों / केन्द्रशासित प्रदेशों के 610 जिलों में कार्यान्वित की गई है । सरकार के आदेशानुसार केवल मांग आधारित और कम - से - कम 75 प्रतिशत प्रशिक्षुओं को रोजगार देने का लक्ष्य तय किया गया है । इस योजना के तहत प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों में सामाजिक तौर पर वंचित समूहों ( अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के 50 % , अल्पसंख्यक वर्ग के 15 % विकलांग व्यक्तियों के 3 % तथा महिला वर्ग के 33 % ) को अनिवार्य रूप से शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है ।

यह भी देखें
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