संविधान के महत्वपूर्ण अनुच्छेद
नमस्कार दोस्तों Sarkaripen.com में आप लोगो का स्वागत है क्या आप संविधान के महत्वपूर्ण अनुच्छेद की जानकारी पाना चाहते है , आज के समय किसी भी नौकरी की प्रतियोगिता की दृष्टि से यह एक महत्वपूर्ण विषय है तथा Samvidhan ke pramukh anuchhed in hindi की जानकारी होना बहुत आवश्यक है , इसलिए आज हम Samvidhan ke pramukh anuchhed के बारे में बात करेंगे । निचे Important Article of the Constitution की जानकारी निम्नवत है ।
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Samvidhan ke pramukh anuchhed, |
अनुच्छेद - 1
⦿ यह घोषणा करता है कि भारत ‘ राज्यों का संघ ' है ।
अनुच्छेद - 2
⦿ नए राज्य के प्रवेश या स्थापना का प्रावधान ।
अनुच्छेद - 3
⦿ संसद विधि द्वारा नये राज्य बना सकती है तथा पहले से अवस्थित राज्यों के क्षेत्रों , सीमाओं एवं नामों में परिवर्तन कर सकती है ।
अनुच्छेद - 5
⦿ संविधान के प्रारंभ होने के समय भारत में रहने वाले वे सभी व्यक्ति यहाँ के नागरिक होंगे , जिनका जन्म भारत में हुआ हो , जिनके पिता या माता भारत के नागरिक हों या संविधान के प्रारंभ के समय से भारत में रह रहे हों ।
अनुच्छेद - 53
⦿ संघ की कार्यपालिका संबंधी शक्ति राष्ट्रपति में निहित रहेगी ।
अनुच्छेद - 64
⦿ उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन अध्यक्ष होगा ।
अनुच्छेद - 74
⦿ एक मंत्रिपरिषद् होगी , जिसके शीर्ष पर प्रधानमंत्री रहेगा , जिसकी सहायता एवं सुझाव के आधार पर राष्ट्रपति अपने कार्य संपन्न करेगा । राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद् के लिए किसी सलाह के पुनर्विचार को आवश्यक समझ सकता है , पर पुनर्विचार के पश्चात् दी गई सलाह के अनुसार वह कार्य करेगा । इससे संबंधित किसी विवाद की परीक्षा किसी न्यायालय में नहीं की जायेगी ।
अनुच्छेद - 76
⦿ राष्ट्रपति द्वारा महान्यायवादी की नियुक्ति की जायेगी ।
अनुच्छेद - 78
⦿ प्रधानमंत्री का यह कर्तव्य होगा कि वह देश के प्रशासनिक एवं विधायी मामलों तथा मंत्रिपरिषद् के निर्णयों के संबंध में राष्ट्रपति को सूचना दे , यदि राष्ट्रपति इस प्रकार की सूचना प्राप्त करना आवश्यक समझे ।
अनुच्छेद - 86
⦿ इसके अंतर्गत राष्ट्रपति द्वारा संसद को संबोधित करने तथा संदेश भेजने के अधिकार का उल्लेख है ।
अनुच्छेद - 89
⦿ राज्य सभा के सभापति एवं उपसभापति ।
अनुच्छेद - 108
⦿ यदि किसी विधेयक के संबंध में दोनों सदनों में गतिरोध उत्पन्न हो गया हो तो संयुक्त अधिवेशन का प्रावधान है ।
अनुच्छेद - 110
⦿ धन विधेयक को इसमें परिभाषित किया गया है ।
अनुच्छेद - 111
⦿ संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित विधेयक राष्ट्रपति के पास जाता है । राष्ट्रपति उस विधेयक को सम्मति प्रदान कर सकता है या अस्वीकृत कर सकता है । वह संदेश के साथ या बिना संदेश के संसद को उस पर पुनर्विचार के लिए भेज सकता है , पर यदि दुबारा विधेयक को संसद द्वारा राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है तो वह इसे अस्वीकृत नहीं करेगा ।
अनुच्छेद - 112
⦿ प्रत्येक वित्तीय वर्ष हेतु राष्ट्रपति द्वारा संसद के समक्ष बजट पेश किया जायेगा ।
अनुच्छेद - 123
⦿ संसद के अवकाश ( सत्र नहीं चलने की स्थिति ) में राष्ट्रपति को अध्यादेश जारी करने का अधिकार ।
अनुच्छेद - 124
⦿ इसके अंतर्गत सर्वोच्च न्यायालय के गठन का वर्णन है ।
अनुच्छेद - 129
⦿ सर्वोच्च न्यायालय एक अभिलेख न्यायालय है ।
अनुच्छेद - 148
⦿ नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की नियक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जायेगी ।
अनुच्छेद - 163
⦿ राज्यपाल के कार्यों में सहायता एवं सुझाव देने के लिए राज्यों में एक मंत्रिपरिषद् एवं इसके शीर्ष पर मुख्यमंत्री होगा , पर राज्यपाल के स्वविवेक संबंधी कार्यों में वह मंत्रिपरिषद् के सुझाव लेने के लिए बाध्य नहीं होगा ।
अनुच्छेद - 169
⦿ राज्यों में विधान परिषदों की रचना या उनकी समाप्ति विधानसभा द्वारा बहुमत से पारित प्रस्ताव तथा संसद द्वारा इसकी स्वीकृति से संभव है ।
अनुच्छेद - 200
⦿ राज्यों की विधायिका द्वारा पारित विधेयक राज्यपाल के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा । वह इस पर अपनी सम्मति दे सकता है या इसे अस्वीकृत कर सकता है । वह इस विधेयक को संदेश के साथ या बिना संदेश के पुनर्विचार हेतु विधायिका को वापस भेज सकता है , पर पुनर्विचार के बाद दुबारा विधेयक आ जाने पर वह इसे अस्वीकृत नहीं कर सकता । इसके अतिरिक्त वह विधेयक को राष्ट्रपति के पास विचार के लिए भी भेज सकता है ।
अनुच्छेद - 213
⦿ राज्य विधायिका के सत्र में नहीं रहने पर राज्यपाल अध्यादेश जारी कर सकता है ।
अनुच्छेद - 214
⦿ सभी राज्यों के लिए उच्च न्यायालय की व्यवस्था होगी ।
अनुच्छेद - 226
⦿ मूल अधिकारों के प्रवर्तन के लिए उच्च न्यायालय को लेख जारी करने की शक्तियाँ ।
अनुच्छेद - 233
⦿ जिला न्यायाधीशों की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा उच्च न्यायालय के परामर्श से की जायेगी ।
अनुच्छेद - 235
⦿ उच्च न्यायालय का नियंत्रण अधीनस्थ न्यायालयों पर रहेगा ।
अनुच्छेद - 239
⦿ केन्द्रशासित प्रदेशों का प्रशासन राष्ट्रपति द्वारा होगा । वह यदि उचित समझे तो बगल के किसी राज्य के राज्यपाल को इसके प्रशासन का दायित्व सौंप सकता है या एक प्रशासक की नियुक्ति कर सकता है ।
अनुच्छेद - 243
⦿ इसमें पंचायत एवं नगरपालिका के गठन , संरचना , आरक्षण , शक्तियाँ , प्राधिकार एवं उत्तरदायित्व से संबंधित प्रावधान दिया गया है ।
अनुच्छेद - 245
⦿ संसद संपूर्ण देश या इसके किसी हिस्से के लिए तथा राज्य विधानपालिका अपने राज्य या इसके किसी हिस्से के लिए कानून बना सकती है ।
अनुच्छेद - 248
⦿ विधि निर्माण संबंधी अवशिष्ट शक्तियाँ संसद में निहित हैं ।
अनुच्छेद - 249
⦿ राज्यसभा विशेष बहुमत द्वारा राज्य सूची के किसी विषय पर लोकसभा को एक वर्ष के लिए कानून बनाने के लिए अधिकृत कर सकती है , यदि वह इसे राष्ट्रहित में आवश्यक समझे ।
अनुच्छेद - 262
⦿ अंतरराज्यीय नदियों या नदी - घाटियों के जल के वितरण एवं नियंत्रण से संबंधित विवादों के लिए संसद विधि द्वारा निर्णय कर सकती है ।
अनुच्छेद - 263
⦿ केन्द्र - राज्य संबंधों में विवादों का समाधान करने एवं परस्पर सहयोग के क्षेत्रों के विकास के उद्देश्य से राष्ट्रपति एक अंतरराज्यीय परिषद् की स्थापना कर सकता है ।
अनुच्छेद - 266
⦿ भारत की संचित निधि , जिसमें सरकार की सभी मौद्रिक अविष्टियाँ एकत्र रहेंगी , विधि - सम्मत प्रक्रिया के बिना इससे कोई भी राशि नहीं निकाली जा सकती है ।
अनुच्छेद - 267
⦿ संसद विधि द्वारा एक आकस्मिक निधि स्थापित कर सकती है , जिसमें अकस्मात उत्पन्न परिस्थितियों के लिए राशि एकत्र की जायेगी ।
अनुच्छेद - 275
⦿ केन्द्र द्वारा राज्यों को सहायक अनुदान दिये जाने का प्रावधान ।
अनुच्छेद - 280
⦿ राष्ट्रपति हर पाँचवें वर्ष एक वित्त आयोग की स्थापना करेगा , जिसमें अध्यक्ष के अतिरिक्त चार अन्य सदस्य होंगे तथा जो राष्ट्रपति के पास केंद्र एवं राज्यों के बीच करों के वितरण के संबंध में अनुशंसा करेगा ।
अनुच्छेद - 300 क
⦿ राज्य किसी भी व्यक्ति को उसकी संपत्ति से वंचित नहीं करेगा । पहले यह प्रावधान मूल अधिकारों के अंतर्गत था , पर संविधान के 44वें संशोधन , 1978 द्वारा इसे अनुच्छेद 300 ( क ) में एक सामान्य वैधानिक ( कानूनी ) अधिकार के रूप में अवस्थित किया गया ।
अनुच्छेद - 312
⦿ राज्यसभा विशेष बहुमत द्वारा नई अखिल भारतीय सेवाओं की स्थापना की अनुशंसा कर सकती है ।
अनुच्छेद - 315
⦿ संघ एवं राज्यों के लिए एक लोक सेवा आयोग की स्थापना की जायेगी ।
अनुच्छेद - 324
⦿ चुनावों के पर्यवेक्षण , निर्देशन एवं नियंत्रण संबंधी समस्त शक्तियाँ चुनाव आयोग में निहित रहेंगी ।
अनुच्छेद - 326
⦿ लोकसभा तथा विधान सभाओं में चुनाव वयस्क मताधिकार के आधार पर होगा ।
अनुच्छेद - 330
⦿ लोकसभा में अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों के लिए आरक्षण ।
अनुच्छेद - 331
⦿ आंग्ल - भारतीय समुदाय के लोगों का राष्ट्रपति द्वारा लोकसभा में मनोनयन संभव है , यदि वह समझे कि उनका उचित प्रतिनिधित्व नहीं है ।
अनुच्छेद - 332
⦿ अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों का विधानसभाओं में आरक्षण का प्रावधान ।
अनुच्छेद - 333
⦿ आंग्ल - भारतीय समुदाय के लोगों का विधानसभाओं में मनोनयन ।
अनुच्छेद - 335
⦿ अनुसूचित जातियों , जनजातियों एवं पिछड़े वर्गों के लिए विभिन्न सेवाओं में पदों पर आरक्षण का प्रावधान ।
अनुच्छेद 338
⦿ राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ।
अनुच्छेद - 338 ( क )
⦿ राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ।
अनुच्छेद - 340
⦿ पिछड़े वर्गों की दशाओं के अन्वेषण के लिए आयोग की नियुक्ति ।
अनुच्छेद - 343
⦿ संघ की आधिकारिक भाषा देवनागरी लिपि में लिखी गई ‘ हिन्दी ' होगी ।
अनुच्छेद - 347
⦿ यदि किसी राज्य में पर्याप्त संख्या में लोग किसी भाषा को बोलते हों और उनकी आकांक्षा हो कि उनके द्वारा बोली जाने वाली भाषा को मान्यता दी जाए तो इसकी अनुमति राष्ट्रपति दे सकता है ।
अनुच्छेद - 351
⦿ यह संघ का कर्तव्य होगा कि वह हिन्दी भाषा का प्रसार एवं उत्थान करे ताकि वह भारत की मिश्रित संस्कृति के सभी अंगों के लिए अभिव्यक्ति का माध्यम बने ।
अनुच्छेद - 352
⦿ राष्ट्रपति द्वारा आपात स्थिति की घोषणा , यदि वह समझता हो कि भारत या उसके किसी भाग की सुरक्षा युद्ध , बाह्य आक्रमण या सैन्य विद्रोह के फलस्वरूप खतरे में है ।
अनुच्छेद - 355
⦿ इसमें बाह्य आक्रमण और आंतरिक अशांति से राज्य की रक्षा करने का संघ का कर्तव्य का उल्लेख है ।
अनुच्छेद - 356
⦿ यदि किसी राज्य के राज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति को यह रिपोर्ट दी जाए कि उस राज्य में संवैधानिक तंत्र असफल हो गया है तो वहाँ राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है ।
अनुच्छेद - 360
⦿ यदि राष्ट्रपति यह समझता है कि भारत या इसके किसी भाग की वित्तीय स्थिरता एवं साख खतरे में है तो वह वित्तीय आपात स्थिति की घोषणा कर सकता है ।
अनुच्छेद - 365
⦿ यदि कोई राज्य केन्द्र द्वारा भेजे गये किसी कार्यकारी निर्देश का पालन करने में असफल रहता है तो राष्ट्रपति द्वारा यह समझा जाना विधि - सम्मत होगा कि उस राज्य में संविधान तंत्र के अनुरूप प्रशासन चलने की स्थिति नहीं है और वहाँ राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है ।
अनुच्छेद - 368
⦿ संसद को संविधान के किसी भी भाग का संशोधन करने का अधिकार है ।
अनुच्छेद - 370
⦿ इसके अंतर्गत जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति का वर्णन है । [ केवल 5 अगस्त 2019 तक ]
अनुच्छेद - 371
⦿ कुछ राज्यों के विशेष क्षेत्रों के विकास के लिए राष्ट्रपति बोर्ड स्थापित कर सकता है , जैसे — महाराष्ट्र , गुजरात , नगालैंड , मणिपुर इत्यादि ।
अनुच्छेद - 394 क
⦿ राष्ट्रपति अपने अधिकार के अंतर्गत इस संविधान का हिन्दी भाषा में अनुवाद करायेगा ।
अनुच्छेद - 395
⦿ भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम , 1947 , भारत सरकार अधिनियम , 1953 तथा इनके अन्य पूरक अधिनियमों को , जिसमें प्रिवी कौंसिल क्षेत्राधिकार अधिनियम शामिल नहीं है , यहाँ रद्द किया जाता है ।
यह भी देखें
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