राज्यों का पुनर्गठन

नमस्कार दोस्तों Sarkaripen.com में आप लोगो का स्वागत है क्या आप राज्यों का पुनर्गठन की जानकारी पाना चाहते है , आज के समय किसी भी नौकरी की प्रतियोगिता की दृष्टि से यह एक महत्वपूर्ण विषय है तथा Rajyon ka punargathan in hindi की जानकारी होना बहुत आवश्यक है , इसलिए आज हम Rajyon ka punargathan के बारे में बात करेंगे । निचे Reorganization of states  की जानकारी  निम्नवत है ।

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Rajyon ka punargathan

⦿ भाषा के आधार पर राज्यों का पुनर्गठन उचित है या नहीं , इसकी जाँच के लिए संविधान सभा के अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश एस . के . धर की अध्यक्षता में एक चार सदस्यीय आयोग की नियुक्ति की । इस आयोग ने भाषा के आधार पर राज्यों के पुनर्गठन का विरोध किया और प्रशासनिक सुविधा के आधार पर राज्यों के पुनर्गठन का समर्थन किया 

⦿ धर आयोग के निर्णयों की परीक्षा करने के लिए काँग्रेस कार्य समिति ने अपने जयपुर अधिवेशन में जवाहरलाल नेहरू , बल्लभ भाई पटेल और पट्टाभि सीतारमैय्या की एक समिति का गठन किया । इस समिति ने भाषायी आधार पर राज्यों के पुनर्गठन की माँग को खारिज कर दिया ।

⦿ नेहरू , पटेल एवं सीतारमैय्या ( j . V . P . समिति ) समिति की रिपोर्ट के बाद मद्रास राज्य के तेलुगू - भाषियों ने पोटी श्री रामुल्लू के नेतृत्व में आन्दोलन प्रारंभ हुआ ।

⦿ 58 दिन के आमरण अनशन के बाद 15 दिसम्बर , 1952 ई . को रामुल्लू की मृत्यु हो गयी । रामुल्लू की मृत्यु के बाद प्रधानमंत्री नेहरू ने तेलगू भाषियों के लिए पृथक् आन्ध्र प्रदेश के गठन की घोषणा कर दी । 1 अक्टूबर , 1953 ई . को आन्ध्र प्रदेश राज्य का गठन हो गया । यह राज्य स्वतंत्र भारत में भाषा के आधार पर गठित होने वाला पहला राज्य था । उस समय आन्ध्रप्रदेश की राजधानी कर्नूल थी ।

⦿ राज्य पुनर्गठन आयोग के अध्यक्ष फजल अली थे , इसके अन्य सदस्य पं . हृदयनाथ कुंजरू और सरदार के . एम . पणिक्कर थे ।

⦿ राज्य पुनर्गठन अधिनियम जुलाई , 1956 ई . में पास किया गया । इसके अनुसार भारत में 14 राज्य एवं 6 केन्द्रशासित प्रदेश स्थापित किये गये । ( राज्य पुनर्गठन आयोग 1953 में गठित हुआ था  )

⦿ नवम्बर , 1954 ई . को फ्रांस की सरकार ने अपनी सभी बस्तियाँ पांडिचेरी , यनाम , चन्द्रनगर और केरीकल को भारत को सौंप दिया , 28 मई , 1956 ई . को इस संबंध में संधि पर हस्ताक्षर हो गये । इसके बाद इन सभी को मिलाकर पांडिचेरी संघ राज्य क्षेत्र का गठन किया गया ।

⦿ भारत सरकार ने 18 दिसम्बर , 1961 ई . को गोवा , दमन व दीव की मुक्ति के लिए पुर्तगालियों के विरुद्ध कार्रवाई की और उन पर पूर्ण अधिकार कर लिया । बारहवें संविधान संशोधन द्वारा गोवा , दमन व दीव को प्रथम परिशिष्ट में शामिल करके भारत का अभिन्न अंग बना दिया गया ।

⦿ वर्तमान समय में भारत में 29 राज्य एवं 7 संघ राज्य क्षेत्र हैं । इन्हें ही संविधान की प्रथम अनुसूची में शामिल किया गया है ।

नये राज्यों का गठन वर्ष

राज्य गठन वर्ष
आन्ध्र प्रदेश 1 अक्टूबर , 1953
महाराष्ट्र 1 मई , 1960
गुजरात 1 मई , 1960
नगालैंड 1 दिसम्बर , 1963
हरियाणा 1 नवम्बर , 1966
हिमाचल प्रदेश 25 जनवरी , 1971
मेघालय 21 जनवरी , 1972
मणिपुर 21 जनवरी , 1972
त्रिपुरा 21 जनवरी , 1972
सिक्किम 26 अप्रैल , 1975
मिजोरम 20 फरवरी , 1987
अरुणाचल प्रदेश 20 फरवरी , 1987
गोवा ( 25वाँ ) 30 मई , 1987
छत्तीसगढ़ ( 26वाँ ) 1 नवम्बर , 2000
उत्तराखंड ( 27वाँ ) 9 नवम्बर , 2000
झारखंड ( 28वौँ ) 15 नवम्बर , 2000
तेलंगाना ( 29वाँ ) 2 जून , 2014

क्षेत्रीय परिषद्

⦿ भारत में पाँच क्षेत्रीय परिषद् हैं । इनका गठन राष्ट्रपति के द्वारा किया जाता है और केन्द्रीय गृहमंत्री या राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत केन्द्रीय मंत्री क्षेत्रीय परिषद् का अध्यक्ष होता है । संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्री उपाध्यक्ष होते हैं , जो प्रतिवर्ष बदलते रहते हैं । यह केन्द्र - राज्य संबंधों को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है ।

⦿ क्षेत्रीय परिषद् को 1956 ई . के राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत स्थापित किया गया था , अतः ये सांविधिक निकाय है किंतु ये संवैधानिक निकाय नहीं है ।

⦿ उत्तरी क्षेत्रीय परिषद् : पंजाब , हरियाणा , हिमांचल प्रदेश ,राजस्थान , जम्मू - कश्मीर , चण्डीगढ़ एवं दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र ।

⦿ मध्य क्षेत्रीय परिषद् : उत्तर प्रदेश , मध्य प्रदेश , उत्तराखंड एवं छत्तीसगढ़ ।

⦿ पूर्वी क्षेत्रीय परिषद् : बिहार , पश्चिम बंगाल , उड़ीसा , झारखंड , असम , सिक्किम , मणिपुर , त्रिपुरा , मेघालय , नगालैंड , अरुणाचल प्रदेश तथा मिजोरम ।

⦿ पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद् : गुजरात , महाराष्ट्र , गोवा राज्य , दमन - दीव एवं दादर तथा नागर हवेली संघ राज्य क्षेत्र ।

⦿ दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद् : आन्ध्र प्रदेश , तेलंगाना , केरल , कर्नाटक एवं तमिलनाडु राज्य एवं पुदुचेरी संघ राज्य क्षेत्र ।

⦿ पूवोत्तर परिषद् : इसका गठन संसदीय अधिनियम - पूर्वोत्तर परिषद अधिनियम - 1971 द्वारा किया गया है । यह 8 अगस्त , 1972 में अस्तित्व में आया । इसके सदस्यों में असम , मणिपुर , मिजोरम , अरुणाचल प्रदेश , नगालैंड , मेघालय , त्रिपुरा तथा सिक्किम सम्मलित है । 1994 में सिक्किम पूर्वोत्तर परिषद का आठवाँ सदस्य बना । इसके कार्य कुछ अतिरिक्त कार्यों सहित वही हैं जो क्षेत्रीय परिषदों के हैं ।

भारत में गठित क्षेत्रीय परिषद्

क्षेत्रीय परिषद् मुख्यालय
उत्तरी क्षेत्रीय परिषद् नई दिल्ली
मध्यवर्ती क्षेत्रीय परिषद् इलाहाबाद
पूर्वी क्षेत्रीय परिषद् कोलकाता
पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद् मुम्बई
दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद् चेन्नई

यह भी देखें
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