भारतीय नागरिकता

नमस्कार दोस्तों Sarkaripen.com में आप लोगो का स्वागत है क्या आप भारतीय नागरिकता की जानकारी पाना चाहते है , आज के समय किसी भी नौकरी की प्रतियोगिता की दृष्टि से यह एक महत्वपूर्ण विषय है तथा Bhartiya Nagrikata in hindi की जानकारी होना बहुत आवश्यक है , इसलिए आज हम Bhartiya Nagrikata के बारे में बात करेंगे । निचे Indian citizenship  की जानकारी  निम्नवत है ।

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Bhartiya Nagrikata

⦿ भारत में एकल नागरिकता का प्रावधान है ।

⦿ भारतीय नागरिकता अधिनियम , 1955 ई . के अनुसार निम्न में से किसी एक आधार पर नागरिकता प्राप्त की जा सकती है -

जन्म से

⦿ प्रत्येक व्यक्ति जिसका जन्म संविधान लागू होने अर्थात 26 जनवरी , 1950 ई . को या उसके पश्चात् भारत में हुआ हो , वह जन्म से भारत का नागरिक होगा । अपवाद – राजनयिकों के बच्चे , विदेशियों के बच्चे ।

वंश - परम्परा द्वारा नागरिकता

⦿ भारत के बाहर अन्य देश में 26 जनवरी , 1950 ई . के पश्चात् जन्म लेनेवाला व्यक्ति भारत का नागरिक माना जायेगा , यदि उसके जन्म के समय उसके माता-पिता में से कोई भारत का नागरिक हो ।

नोट : माता की नागरिकता के आधार पर विदेश में जन्म लेने वाले को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान नागरिकता संशोधन अधिनियम 1992 द्वारा किया गया है ।

देशीयकरण द्वारा नागरिकता

⦿ भारत सरकार से देशीयकरण का प्रमाण-पत्र प्राप्त कर भारत की नागरिकता प्राप्त की जा सकती है ।

पंजीकरण द्वारा नागरिकता

निम्नलिखित वर्गों में आने वाले लोग पंजीकरण के द्वारा भारत की नागरिकता प्राप्त कर सकते है -

( a ) वे व्यक्ति जो पंजीकरण प्रार्थना पत्र देने की तिथि से छह माह पूर्व से भारत में रह रहे हों ।

( b ) वे भारतीय , जो अविभाज्य भारत से बाहर किसी देश में निवास कर रहे हों ।

( c ) वे स्त्रियाँ , जो भारतीयों से विवाह कर चुकी हैं या भविष्य में विवाह करेंगी ।

( d ) भारतीय नागरिकों के नाबालिग बच्चे ।

( e ) राष्ट्रमंडलीय देशों के नागरिक , जो भारत में रहते हों या भारत सरकार की नौकरी कर रहे हों , आवेदन - पत्र देकर भारत की नागरिकता प्राप्त कर सकते हैं ।

भूमि - विस्तार द्वारा

⦿ यदि किसी नये भू-भाग को भारत में शामिल किया जाता है , तो उस क्षेत्र में निवास करने वाले व्यक्तियों को स्वतः भारत की नागरिकता प्राप्त हो जाती है ।

भारतीय नागरिकता संशोधन अधिनियम , 1986

इस अधिनियम के आधार पर भारतीय नागरिकता संशोधन अधिनियम , 1955 ई . में निम्न संशोधन किये गये हैं -

1 . अब भारत में जन्मे केवल उस व्यक्ति को ही नागरिकता प्रदान की जायेगी , जिसके माता-पिता में से एक भारत का नागरिक हो ।

2 . जो व्यक्ति पंजीकरण के माध्यम से भारतीय नागरिकता प्राप्त करना चाहते हैं , उन्हें अब भारत में कम - से - कम पाँच वर्षों तक निवास करना होगा । पहले यह अवधि छह माह थी ।

3 . देशीयकरण द्वारा नागरिकता तभी प्रदान की जायेगी , जबकि संबंधित व्यक्ति कम - से - कम 10 वर्षों तक भारत में रह चुका हो । पहले यह अवधि 5 वर्ष थी । नागरिकता संशोधन अधिनियम , 1986 ई . जम्मू - कश्मीर व असम सहित भारत के सभी राज्यों पर लागू होगा ।

भारतीय नागरिकता का अन्त

भारतीय नागरिकता का अन्त निम्न प्रकार से हो सकता है -

1 . नागरिकता का परित्याग करने से ।

2 . किसी अन्य देश की नागरिकता स्वीकार कर लेने पर ।

3 . सरकार द्वारा नागरिकता छीनने पर ।

⦿ जम्मू - कश्मीर राज्य के विधान - मंडल को निम्न विषयों के संबंध में राज्य में स्थायी रूप से निवास करने वाले व्यक्तियों को अधिकार तथा विशेषाधिकार प्रदान करने की शक्ति प्रदान की गयी है ( 5 अगस्त 2019 से पहले लागु )

1 . राज्य के अधीन नियोजन के संबंध में ।

2 . राज्य में अचल सम्पत्ति के अर्जन के संबंध में ।

3 . राज्य में स्थायी रूप से बस जाने के संबंध में ।

4 . छात्रवृत्तियाँ अथवा इसी प्रकार की सहायता , जो राज्य सरकार प्रदान करे ।

यह भी देखें
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