अर्थशास्त्र और अर्थव्यवस्था
नमस्कार दोस्तों Sarkaripen.com में आप लोगो का स्वागत है क्या आप अर्थशास्त्र और अर्थव्यवस्था जानकारी पाना चाहते है , आज के समय किसी भी नौकरी की प्रतियोगिता की दृष्टि से यह एक महत्वपूर्ण विषय है तथा Arthshastra aur arthvyavastha in hindi की जानकारी होना बहुत आवश्यक है , इसलिए आज हम Arthvyavastha aur arthshastra के बारे में बात करेंगे । निचे Economics and Economy की जानकारी निम्नवत है ।
अर्थशास्त्र मानव की आर्थिक गतिविधियों का अध्ययन करता है । मानव द्वारा सम्पन्न वैसी सारी गतिविधियाँ जिनमें आर्थिक लाभ या हानि का तत्व विद्यमान हो , आर्थिक गतिविधियाँ कही जाती हैं । अर्थव्यवस्था एक अधूरा शब्द है अगर इसके पूर्व किसी देश या किसी क्षेत्र - विशेष का नाम न जोड़ा जाए । वास्तव में जब हम किसी देश को उसकी समस्त आर्थिक क्रियाओं के संदर्भ में परिभाषित करते हैं , तो उसे अर्थव्यवस्था कहते हैं । आर्थिक क्रिया किसी देश के व्यापारिक क्षेत्र , घरेलू क्षेत्र तथा सरकार द्वारा दुर्लभ संसाधनों के प्रयोग , वस्तुओं तथा सेवाओं के उपभोग , उत्पादन तथा वितरण से संबंधित है ।
अर्थव्यवस्था की परिभाषा
न्यून , मध्य तथा उच्च आय विश्व बैंक के वर्गीकरण के अनुसार प्रतिव्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय के आधार पर विश्व की अर्थव्यवस्थाओं को निम्न चार वर्गों में बाँटा गया है -
अर्थव्यवस्था का प्रकार | प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय |
---|---|
नीची आय वाली | US $ 995 या इससे कम |
नीची मध्य आय वाली | US $ 996 - 3895 |
उच्च मध्य आय वाली | US $ 3896 - 12055 |
उच्च आय वाली | US $ 12055 या इससे अधिक |
नोट : यह वर्गीकरण विश्व बैंक के वित्तीय वर्ष ( 1 जुलाई - 30 जून ) के प्रारंभ में किया जाता है । उपरोक्त वर्गीकरण 1 जुलाई 2018 का है । |
विश्व की दस शीर्ष अर्थव्यवस्थाएँ
देश | नोमीनल जीडीपी ( 2017 ) ( ट्रिलियन $ में ) |
---|---|
यूएसए | 19.39 |
चीन | 12.01 |
जापान | 4.87 |
जर्मनी | 3.68 |
इंग्लैंड | 2.62 |
भारत | 2.61 |
फ्रांस | 2.58 |
ब्राजील | 2.05 |
इटली | 1.94 |
कनाडा | 1.65 |
निजी क्षेत्र और बाजार के सापेक्ष राज्य व सरकार की भूमिका के आधार पर अर्थव्यवस्थाओं का वर्गीकरण तीन श्रेणियों में किया जाता है जो निम्नवत हैं -
पूँजीवादी अर्थव्यवस्था
इस अर्थ व्यवस्था में क्या उत्पादन करना है , कितना उत्पादन करना है और उसे किस कीमत पर बेचना है , ये सब बाजार तय करता है , इसमें सरकार की कोई आर्थिक भूमिका नहीं होती है ।
नोट : 1776 ई . में प्रकाशित एड्म स्मिथ की किताब ' द वेल्थ ऑफ नेशंस ' को पूँजीवादी अर्थव्यवस्था का उद्गम स्रोत माना जाता है । |
राज्य अर्थव्यवस्था
इस अर्थव्यवस्था की उत्पत्ति पूँजीवादी अर्थव्यवस्था की लोकप्रियता के विरोध स्वरूप हुआ । इसमें उत्पादन , आपूर्ति और कीमत सबका फैसला सरकार द्वारा लिया जाता है । ऐसी अर्थव्यवस्थाओं को केंद्रीकृत नियोजित अर्थव्यवस्था कहते हैं जो गैर - बाजारी अर्थव्यवस्था होती है । राज्य अर्थव्यवस्था की दो अलग - अलग शैली नजर आती है , सोवियत संघ की अर्थव्यवस्था को समाजवादी अर्थव्यवस्था कहते हैं जबकि 1985 ई . से पहले चीन की अर्थव्यवस्था को साम्यवादी अर्थव्यवस्था कहते हैं । समाजवादी अर्थव्यवस्था में उत्पादन के साधनों पर सामूहिक नियत्रंण की बात शामिल थी और अर्थव्यवस्था को चलाने में सरकार की बड़ी भूमिका थी वहीं साम्यवादी अर्थव्यवस्था में सभी सम्पत्तियों पर सरकार का नियंत्रण था और श्रमसंसाधन भी सरकार के अधीन थे ।
नोट : पहली बार राज्य अर्थव्यवस्था सिद्धांत जर्मन दार्शनिक कार्ल मार्क्स ( 1818 - 1883 ई . ) ने दिया था , जो एक व्यवस्था के तौर पर पहली बार 1917 ई . की बोलशेविक क्रांति के बाद सोवियत संघ में नजर आई और इसका आदर्श रूप चीन ( 1949 ई . ) में सामने आया ।
इस अर्थव्यवस्था की उत्पत्ति पूँजीवादी अर्थव्यवस्था की लोकप्रियता के विरोध स्वरूप हुआ । इसमें उत्पादन , आपूर्ति और कीमत सबका फैसला सरकार द्वारा लिया जाता है । ऐसी अर्थव्यवस्थाओं को केंद्रीकृत नियोजित अर्थव्यवस्था कहते हैं जो गैर - बाजारी अर्थव्यवस्था होती है । राज्य अर्थव्यवस्था की दो अलग - अलग शैली नजर आती है , सोवियत संघ की अर्थव्यवस्था को समाजवादी अर्थव्यवस्था कहते हैं जबकि 1985 ई . से पहले चीन की अर्थव्यवस्था को साम्यवादी अर्थव्यवस्था कहते हैं । समाजवादी अर्थव्यवस्था में उत्पादन के साधनों पर सामूहिक नियत्रंण की बात शामिल थी और अर्थव्यवस्था को चलाने में सरकार की बड़ी भूमिका थी वहीं साम्यवादी अर्थव्यवस्था में सभी सम्पत्तियों पर सरकार का नियंत्रण था और श्रमसंसाधन भी सरकार के अधीन थे ।
नोट : पहली बार राज्य अर्थव्यवस्था सिद्धांत जर्मन दार्शनिक कार्ल मार्क्स ( 1818 - 1883 ई . ) ने दिया था , जो एक व्यवस्था के तौर पर पहली बार 1917 ई . की बोलशेविक क्रांति के बाद सोवियत संघ में नजर आई और इसका आदर्श रूप चीन ( 1949 ई . ) में सामने आया । |
मिश्रित अर्थव्यवस्था
⦿ इसमें कुछ लक्षण राज्य अर्थव्यवस्था के मौजूद होते हैं , तो कुछ लक्षण पूँजीवादी अर्थव्यवस्था के । यानी सरकारी एवं निजी क्षेत्र का सहअस्तित्व । द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद उपनिवेशवाद के चंगुल से निकले दुनिया के कई देशों ने मिश्रित अर्थव्यवस्था को अपनाया । इनमें भारत , मलेशिया एवं इंडोनेशिया जैसे देश शामिल हैं ।
⦿ बंद अर्थव्यवस्था वह अर्थव्यवस्था है जिसमें न तो निर्यात और न ही आयात होता है यानी ऐसी अर्थव्यवस्था का शेष विश्व से कोई संबंध नहीं होता ।
नोट : केंस ने सुझाव दिया था कि पूँजीवादी अर्थव्यवस्था को समाजवादी अर्थव्यवस्था की ओर कुछ कदम बढ़ाना चाहिए जबकि प्रो. लांज ने कहा कि समाजवादी अर्थव्यवस्था को पूँजीवादी अर्थव्यवस्था की ओर कुछ कदम बढ़ाना चाहिए । |
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