कम्प्यूटर की सामान्य जानकारी

नमस्कार दोस्तों Sarkaripen.com में आप लोगो का स्वागत है क्या आप कम्प्यूटर की सामान्य जानकारी पाना चाहते है , आज के समय किसी भी नौकरी की प्रतियोगिता की दृष्टि से यह एक महत्वपूर्ण विषय है तथा Computer ki samanya jankari in hindi की जानकारी होना बहुत आवश्यक है , इसलिए आज हम Computer ki samanya jankari के बारे में बात करेंगे । निचे General computer information निम्नवत है ।

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Computer ki samanya jankari

"आज का युग कम्प्यूटर का युग है । आज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में कम्प्यूटर का समावेश है । वृहत् पैमाने पर गणना करने वाले इलेक्ट्रॉनिक संयंत्र को संगणक अथवा कम्प्यूटर कहते हैं , अर्थात् कम्प्यूटर वह युक्ति है जिसके द्वारा स्वचालित रूप से विविध प्रकार के आंकड़ों को संसाधित एवं संचयित किया जाता है । वर्तमान स्वरूप का पहला कम्प्यूटर मार्क -1 था , जो 1937 ई . में बना था ।''

कम्प्यूटर के कार्य

⦿ कम्प्यूटर के प्रमुख तकनीकी कार्य चार प्रकार के होते हैं -
1 . आंकड़ों का संकलन या निवेशन
2 . आंकड़ों का संचयन
3 . आंकड़ों का संसाधन
4 . आंकड़ों या प्राप्त जानकारी का निर्गमन या पुनर्निर्गमन । आंकड़े लिखित , मुद्रित , श्रव्य , दृश्य रेखांकित या यांत्रिक चेष्टाओं के रूप में हो सकते हैं ।

हार्डवेयर ( Hardware )

कम्प्यूटर और उससे संलग्न सभी यंत्रों और उपकरणों को हार्डवेयर कहा जाता है । इसके अन्तर्गत केन्द्रीय संसाधन एकक , आंतरिक स्मृति , बाह्य स्मृति , निवेश एवं निर्गम एकक आदि आते हैं ।

सॉफ्टवेयर ( Software )

कम्प्यूटर के संचालन के लिए निर्मित प्रोग्रामों को सॉफ्टवेयर कहा जाता है ।

कम्प्यूटर की भाषाएँ ( Language of Computer )

कम्प्यूटर की भाषा को निम्न तीन वर्गों में बाँटा जा सकता है -
1 . मशीनी कूट भाषा ( Machine Code Language )
2 . एसेम्बली कूट भाषा ( Assembly Code Language )
3 . उच्च स्तरीय भाषाएँ ( High Level Languages )

⦿ मशीनी कूट भाषा ( Machine Code Language ) : इस भाषा में प्रत्येक आदेश के दो भाग होते हैं — आदेश कोड ( Operation Code ) तथा स्थिति कोड ( Location Code ) । इन दोनों को 0 व 1 के क्रम में समूहित कर व्यक्त किया जाता है । कम्प्यूटर के आरंभिक दिनों में प्रोग्रामर द्वारा कम्प्यूटर को आदेश देने के लिए 0 तथा 1 के विभिन्न क्रमों का ही प्रयोग किया जाता था । यह भाषा समयग्राही थी , जिसके कारण एसेम्बली व उच्च स्तरीय भाषाओं का प्रयोग किया जाने लगा ।

⦿ एसेम्बली भाषा ( Assembly Language ) : इस भाषा में याद रखे जाने लायक कोड का प्रयोग किया गया , जिसे नेमोनिक कोड कहा गया । जैसे ADDITION के लिए ADD , SUBTRACTION के लिए SUB एवं JUMP के लिए JMP लिखा गया । परन्तु इस भाषा का प्रयोग एक निश्चित संरचना वाले कम्प्यूटर तक ही सीमित था , अतः इन भाषाओं को निम्न स्तरीय भाषा कहा गया ।

⦿ उच्च स्तरीय भाषाएँ ( High Level Languages ) : उच्च स्तरीय भाषाओं के विकास का श्रेय IBM कम्पनी को जाता है । फॉरट्रान ( FORTRAN ) नामक पहली उच्च स्तरीय भाषा का विकास इसी कम्पनी के प्रयास से हुआ । इसके बाद सैकड़ों उच्च स्तरीय भाषाओं का विकास हुआ । ये भाषाएँ मनुष्य के बोलचाल और लिखने में प्रयुक्त होने वाली भाषाओं के काफी करीब है । कुछ उच्चस्तरीय भाषाएँ निम्न हैं -

( a ) फॉरट्रान ( FORTRAN ) : कम्प्यूटर की इस भाषा का विकास IBM के सौजन्य से जे. डब्ल्यू. बेकस ने 1957 ई . में किया था । इस भाषा का विकास गणितीय सूत्रों को आसानी से और कम समय में हल करने के लिए किया गया था ।

( b ) कोबोल ( COBOL ) : कोबोल वास्तव में कॉमन बिजनेस ओरिएंटेड लैंग्वेज का संक्षिप्त रूप है । इस भाषा का विकास व्यावसायिक हितों के लिए किया गया । इस भाषा की संक्रिया के लिए लिखे गये वाक्यों के समूह को पैराग्राफ कहते हैं । सभी पैराग्राफ मिलकर एक सेक्शन बनाते हैं और सभी सेक्शन से मिलकर डिविजन बनता है ।

( c ) बेसिक ( BASIC ) : यह अंग्रेजी के शब्दों बिगनर्स ऑल पर्पस सिम्बॉलिक इंस्ट्रक्शन कोड का संक्षिप्त रूपान्तर है । इस भाषा में प्रोग्राम में निहित आदेश के किसी निश्चित भाग को निष्पादित किया जा सकता है , जबकि इससे पहले की भाषाओं में पूरे प्रोग्राम को कम्प्यूटर में डालना होता था और प्रोग्राम के ठीक होने पर आगे के कार्य निष्पादित होते थे ।

( d ) अल्गोल ( ALGOL ) : यह अंग्रेजी के अल्गोरिथमिक लैंग्वेज का संक्षिप्त रूप है । इसका निर्माण जटिल बीजगणितीय गणनाओं में प्रयोग हेतु बनाया गया था ।

( e ) पास्कल ( PASCAL ) : यह अल्गोल का परिवधित रूप है । इसमें सभी चरों को परिभाषित किया गया है , जिसके कारण यह अल्गोल एवं बेसिक से भिन्न है ।

( f ) कोमाल ( COMAL ) : यह Common Algorithmic Language का संक्षिप्त रूप है । इस भाषा का प्रयोग माध्यमिक स्तर के छात्रों के लिए किया जाता है ।

( g ) लोगो ( LOGO ) : इस भाषा का प्रयोग छोटी उम्र के बच्चों को ग्राफिक रेखानुकृतियों की शिक्षा देने के लिए किया जाता है ।

( h ) प्रोलॉग ( PROLOG ) : यह अंग्रेजी शब्द प्रोग्रामिंग इन लॉजिक का संक्षिप्त रूप है । इस भाषा का विकास 1973 ई . में फ्रांस में किया गया था । इसका विकास कृत्रिम बुद्धि के कार्यों के लिए किया गया है , जो तार्किक प्रोग्रामिंग में सक्षम है ।

( i ) फोर्थ ( FORTH ) : इस भाषा का आविष्कार चार्ल्स मूरे ने किया था । इसका उपयोग कम्प्यूटर के सभी प्रकार के कार्यों में होता है । इन सभी उच्च स्तरीय भाषाओं में एक समानता है कि लगभग सभी में अंग्रेजी के वर्णों ( A , B , C , D , . . . आदि ) एवं इण्डो - अरेबियन अंकों ( 0 , 1 , 2 , 3 , . . . आदि ) का प्रयोग किया जाता है ।

नोट : PILOT , C , C++ , LISP , UNIX , एवं SNOBOL कुछ अन्य उच्च स्तरीय भाषा है ।

यह भी देखें
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