भारत की आन्तरिक सुरक्षा व्यवस्था
नमस्कार दोस्तों Sarkaripen.com में आप लोगो का स्वागत है क्या आप भारत की आन्तरिक सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी पाना चाहते है , आज के समय किसी भी नौकरी की प्रतियोगिता की दृष्टि से यह एक महत्वपूर्ण विषय है तथा Bharat ki antrik suraksha vyavstha in hindi की जानकारी होना बहुत आवश्यक है , इसलिए आज हम Bharat ki antrik suraksha vyavstha के बारे में बात करेंगे । निचे India's internal security system की जानकारी निम्नवत है ।
नेशनल कैडेट कोर ( NCC )
⦿ इसकी स्थापना 1948 ई . में की गई थी । इसका मुख्य उद्देश्य था — भारत की रक्षा के प्रति युवकों तथा युवतियों को जागरूक करना तथा उन्हें अंतिम रक्षापंक्ति के लिए तैयार रखना । इसका आदर्श वाक्य ' एकता और अनुशासन ' है ।
प्रादेशिक सेना
⦿ इसका गठन रक्षा की द्वितीय पंक्ति के रूप में किया गया है । इसमें 18 से 35 वर्ष की आयु के नौजवान नागरिक भर्ती किये जाते हैं । इन्हें पार्ट टाइम में सैनिक प्रशिक्षण दिया जाता है और आपात स्थिति में इस सेना को बुलाया जाता है ।
सीमा सुरक्षा बल
⦿ इसकी स्थापना 1965 ई . में की गई । इसका प्रमुख कार्य शत्रु - सेना की घुसपैठ तथा सीमा उल्लंघन से अपने देश की सीमा को सुरक्षित बनाना है ( मुख्यालय - दिल्ली ) ।
असम राइफल्स
⦿ पूर्वोत्तर में भारत - म्यांमार सीमा और भारत चीन सीमा की सुरक्षा असम राइफल्स द्वारा की जाती है । देश के इस प्राचीनतम अर्द्धसैनिक बल की स्थापना 1835 ई . में कछार लेवी के नाम से किया गया था । यह केंद्रीय सशस्त्र बल है जिसकी 46 बटालियन हैं । इसका मुख्यालय शिलांग में है । इस बल को प्यार से ' पूर्वोत्तर का प्रहरी ' और ' पर्वतीय लोगों का मित्र ' कहा जाता है ।
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड्स ( NSG )
⦿ देश में आतंकवाद की चुनौती का सामना करने के लिए 1984 में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड्स की स्थापना की गई । एनएसजी यूके के एसएएस और जर्मनी के जीएसजी - 9 कमांडो बलों के पैटर्न पर आधारित है । इसके दो समूह हैं — स्पेशल एक्शन ग्रुप ( SAG ) जिसमें सैन्य कर्मचारी होते हैं और स्पेशल रिजर्व ग्रुप ( SRG ) जिसमें राज्य पुलिस बलों के कर्मचारी होते हैं । एनएसजी कमांडो को आमतौर पर ब्लैक कैट कमांडो के नाम से जाना जाता है । इनकी ट्रेनिंग मानेसर , हरियाणा में होती है ।
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ( CISF )
⦿ इसकी स्थापना 1969 ई . में की गई । इस बल पर केंद्रीय सरकार के औद्योगिक परिसरों में काम करने वाले कारीगरों और वहाँ की संपत्ति को सुरक्षा प्रदान करने की जिम्मेदारी है । इस बल के अधिकारियों को हकीमपेट ( हैदराबाद ) में स्थित राष्ट्रीय औद्योगिक सुरक्षा अकादमी में प्रशिक्षण दिया जाता है ।
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ( CRPF )
⦿ इसकी स्थापना 27 जुलाई , 1939 में क्राउन रिप्रेजेंटेटिव्स पुलिस के रूप में नीमच में की गई । इसका मुख्यालय दिल्ली में है । 28 दिसंबर , 1949 के बाद से इसे सीआरपीएफ कहा जाने लगा । राजस्थान के माउंट आबू में सीआरपीएफ अकेडमी स्थित हैं । यहाँ इस बल के अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जाती है । इसके अलावा , नीमच ( म . प्र . ) , कोयंबटूर ( तमिलनाडु ) और नांदेड़ ( महाराष्ट्र ) में सी . आर . पी . एफ . के तीन प्रशिक्षण कॉलेज हैं जहाँ अधीनस्थ अधिकारियों के लिए पाठ्यक्रम चलाये जाते हैं । केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की 1939 में एक बटालियन थी जो बढ़कर चार जोनों , 20 प्रशासनिक क्षेत्रों , 2 संचालन क्षेत्रों , 36 प्रशासनिक रेंजरों , 7 संचालन रेंजरों , 228बटालियनों , 41 ग्रुप केन्द्रों , 15 प्रशिक्षण संस्थानों और 4 संयुक्त अस्पतालों तक पहुँच गयी है । यह देश का एकमात्र केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल है जिसमें तीन महिला बटालियनें हैं । सीआरपीएफ को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर कोसोवो , हैती और श्री लंका में तैनात किया गया । श्री लंका में सीआरपीएफ की दो बटालियनें और महिला बटालियन की एक कम्पनी भारतीय शांति सेना की हिस्सा थी ।
नोट : त्वरित कार्य बल ( Rapid Action Force - RAF ) सीआरपीएफ का ही भाग है जिसकी स्थापना दंगों जैसी स्थितियों में निपटने के लिए 1992 में की गई थी । |
सशस्त्र सीमा बल ( SSB )
⦿ 15 दिसंबर , 2003 से पहले तक इसका नाम स्पेशल सर्विस ब्यूरो था । इसका गठन 1963 में किया गया था । इसके गठन का मुख्य उद्देश्य 1962 के भारत - चीन युद्ध के बाद सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों में विश्वास पैदा करना और देशभक्ति की भावना का विकास करना था । एसएसबी 15 जनवरी , 2001 से गृह मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में है । वर्तमान में भारत - नेपाल और भारत - भूटान सीमाओं पर कार्यरत एसएसबी इससे पहले भारत - चीन के सीमावर्ती क्षेत्रों के अलावा राजस्थान , गुजरात , मिजोरम , नगालैंड , मणिपुर , मेघालय और सिक्किम की सीमाओं पर अपनी सेवा दे चुका है ।
भारत तिब्बत सीमा पुलिस ( ITBP )
⦿ भारत - तिब्बत सीमा पुलिस का गठन चीन आक्रमण के बाद अक्टूबर , 1962 को किया गया था । इसका गठन खुफिया / सिग्नल / पायनियर / इंजीनियरिंग / चिकित्सा और छापामार की एकीकृत इकाई के रूप में किया गया था और नियंत्रण प्रारंभ में खुफिया ब्यूरो के हाथों में दिया गया था । वर्ष 1975 में इसके कार्यक्षेत्र की पुनः व्याख्या की गई , जिसके तहत इन पर सीमा पार से घुसपैठ और अपराध को रोकने का उत्तरदायित्व सौंपा गया । भारत - तिब्बत सीमा पुलिस का मुख्यालय नई दिल्ली में है और इसका अध्यक्ष महानिदेशक होता है । आईटीबीपी का आदर्श वाक्य ' शौर्य - दृढ़ता - कर्म - निष्ठा ' है । यह बल वर्तमान में मध्य और पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में आपदा प्रबंधन की नोडल एजेंसी का दायित्व संभालने के साथ - साथ कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को सुरक्षा - संचार और स्वास्थ्य सुविधाएँ भी उपलब्ध करवाता है । वर्तमान में भारत - तिब्बत सीमा पुलिस में कुल 68 ( जनवरी , 2017 तक ) बटालियन हैं ।
संगठन | स्थापना-वर्ष | मुख्यालय |
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असम राइफल्स ( AR ) | 1835 | शिलांग |
केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल ( CRPF ) | 1939 | नई दिल्ली |
होम गार्ड्स ( HG ) | 1946 | विभिन्न राज्यों में |
राष्ट्रीय कैडेट कोर ( NCC ) | 1948 | नई दिल्ली |
प्रादेशिक सेना ( TA ) | 1949 | विभिन्न राज्यों में |
भारत - तिब्बत सीमा पुलिस ( ITBP ) | 1962 | नई दिल्ली |
सीमा सुरक्षा बल ( BSF ) | 1965 | नई दिल्ली |
केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ( CISF ) | 1969 | नई दिल्ली |
तटरक्षा बल ( Coast Guards ) | 1978 | नई दिल्ली |
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड ( NSG ) | 1984 | नई दिल्ली |
त्वरित कार्य बल ( RAF ) | 1992 | ----- |
राज्य पुलिस | ----- | विभिन्न राज्यों में |
यह भी देखें
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