जलमंडल

नमस्कार दोस्तों Sarkaripen.com में आप लोगो का स्वागत है क्या आप जलमंडल की जानकारी पाना चाहते है , आज के समय किसी भी नौकरी की प्रतियोगिता की दृष्टि से यह एक महत्वपूर्ण विषय है तथा Jalmandal in hindi की जानकारी होना बहुत आवश्यक है , इसलिए आज हम Jalmandal विषय के बारे में बात करेंगे । निचे Hydrosphere की जानकारी निम्नवत है ।

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Hydrosphere

⦿ सम्पूर्ण पृथ्वी का 3/4 भाग ( लगभग 71% ) पर जलमंडल का विस्तार है । उत्तरी गोलार्द्ध का 60.7% और दक्षिणी गोलार्द्ध का 80.9% भाग महासागरों से ढँका है । पृथ्वी पर उपस्थित जल की कुल मात्रा का 97.5% जल महासागरों में है, जो खारा है । जल राशि का मात्र 2.5% भाग ही स्वच्छ जल या मीठा जल है । धरातल पर गिरने वाले जल का लगभग 59% भाग महासागरों एवं अन्य स्थानों से वाष्पीकरण के द्वारा वायुमंडल में चला जाता है । शेष भाग धरातल पर बहता है कुछ भूमि में रिस जाता है और कुछ भाग हिमनदी का रूप ले लेता है ।

⦿ महासागरीय जल के दो महत्वपूर्ण गुण हैं- तापमान एवं लवणता

⦿ जलमंडल ( Hydrosphere ) का वह बड़ा भाग जिसकी कोई निश्चित सीमा न हो- महासागर ( Ocean ) कहलाता है । भूगोलविदों ने पृथ्वी के महासागरीय भाग को चार महानगरों में विभाजित किया है । उनके नाम हैं- प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर, हिन्द महासागर एवं आर्कटिक महासागर

⦿ सबसे बड़ा महासागर प्रशांत महासागर है ।

⦿ महासागरों की औसत गहराई 3,800 मीटर तथा स्थल की औसत ऊँचाई 840 मीटर होती है । स्थल की ऊँचाई तथा महासागरों की गहराई को उच्चतामितीय वक्र ( Hypsographic/metric curve ) द्वारा प्रदर्शित किया जाता है ।

⦿ समुद्र: जलमंडल का वह बड़ा भाग, जो तीन तरफ जल से घिरा हो और एक तरफ महासागर से मिला हो, समुद्र कहलाता है ।

⦿ खाड़ी ( Gulf ): समुद्र का स्थलीय भाग में प्रवेश कर जाने पर जो जल का क्षेत्र बनता है, उसे खाड़ी कहते हैं ।

⦿ Bay : इसका दो किनारा स्थल से घिरा होता है, एक तरफ टापुओं का समूह होता है और दूसरी तरफ का मुहाना समुद्र से मिला होता है ।

⦿ सामान्यतः महासागरीय जल का तापमान लगभग 5°C से 33°C के बीच रहता है ।

⦿ महासागरीय जल की सतह का औसत दैनिक तापान्तर नगण्य होता है (लगभग 1°C) ।

⦿ महासागरीय जल का उच्चतम वार्षिक तापक्रम अगस्त में एवं न्यूनतम वार्षिक तापक्रम फरवरी में अंकित किया जाता है ।

⦿ आकार में अन्तर के कारण अटलांटिक महासागर में वार्षिक तापांतर प्रशांत महासागर की अपेक्षा अधिक होता है ।

⦿ उत्तरी गोलार्द्ध में दक्षिणी गोलार्द्ध की तुलना में तापान्तर अधिक होता है ।

⦿ विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीपीय शेल्फ़ आर्कटिक महासागर का साइबेरियन शेल्फ़ है ।

नोट: महाद्वीपीय शेल्फ प्रत्येक महाद्वीप का विस्तृत सीमांत होता है जो अपेक्षाकृत उथले समुद्रों तथा खाड़ियों से घिरा होता है । शेल्फ अत्यंत तीव्र ढ़ाल पर समाप्त होता है । इसकी औसत प्रवणता 1 डिग्री या उससे कम होती है ।

⦿ महाद्वीपीय शेल्फ़ों पर लंबे समय तक प्राप्त स्थूल तलछटी अवसाद जीवाश्मी ईंधनों के स्रोत बनते हैं ।

⦿ महाद्वीपीय ढ़ाल की औसत गहराई है 200 मी. से 3000 मी. के बीच होती है ।

नोट: वर्तमान में लगभग 57 गर्तों को खोजा गया है, जिनमें 32 प्रशांत महासागर में, 19 अटलांटिक महासागर में एवं 6 हिन्द महासागर में है ।

⦿ लवणता को प्रति हजार में व्यक्त करते हैं, समुद्री जल की औसत लवणता लगभग 35 प्रति हजार होती है ।

नोट: 24.7% की लवणता को खारे जल को सीमांकित करने का उच्च सीमा माना गया है ।

⦿ समान खारेपन वाले स्थानों को मिलाकर खींची गयी रेखा को समलवण रेखा ( Isohaline ) कहते हैं ।

⦿ 20°- 40° उत्तरी अक्षांश और 10°-30° दक्षिणी अंक्षाशों के मध्य सबसे अधिक लवणता पायी जाती है ।

⦿ तुर्की की वान झील की लवणता सबसे अधिक ( 330% ) है । ( दूसरा- मृत सागर - 238% )

⦿ लवणता साधारणतः गहराई के साथ बढ़ती है तथा एक स्पष्ट क्षेत्र, जिसे हैलोक्लाईन कहा जाता है, में यह तीव्रता से बढ़ती है । समुद्री जल की बढ़ती लवणता उसके घनत्व को बढ़ाती है । उच्च लवणता वाला समुद्री जल, प्रायः कम लवणता वाले जल के नीचे बैठ जाता है ।

⦿ भूमध्य सागर की लवणता उच्च वाष्पीकरण के कारण अधिक होती है ।

⦿ गाई ऑट: सपाट शीर्ष वाले समुद्री पर्वतों को गाई ऑट कहते हैं ।

⦿ प्रशांत महासागर में गुआम द्वीप के समीप स्थित मेरियाना गर्त सबसे गहरा गर्त है । इसकी गहराई लगभग 11 किमी. ( 11,022 मीटर ) है ।  इसे चैलेंजर गर्त भी कहते हैं ।

⦿ शोल: जलमग्न उत्थान का वह भाग जहाँ जल की गहराई छिछली होती है, शोल कहलाता है । यह प्रवाल से बना नहीं होता है ।

⦿ ग्रेट बेरियर रीफ : यह आस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड के समीप संसार की सबसे बड़ी प्रवाल -भित्ति है । यह प्रशान्त महासागर में है ।

⦿ प्रशान्त महासागर : यह अपने संलग्न समुद्रों के साथ धरातल का 1/3 भाग ढँकता है । इसका क्षेत्रफल 16,57,23,740 वर्ग किमी. है । इसकी आकृति त्रिभुजाकार एवं क्षेत्रफल सम्पूर्ण स्थल के क्षेत्रफल से अधिक है । इसके शीर्ष बेरिंग जलडमरूमध्य पर व आधार अण्टार्कटिका महाद्वीप पर है । भूमध्य रेखा पर इसकी लम्बाई 16,000 किमी से भी अधिक है । इसके पश्चिम में एशिया तथा ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप, पूरब में उत्तरी एवं दक्षिणी अमेरिका तथा दक्षिण में अंटार्कटिका महाद्वीप है । प्रवाल भित्तियाँ प्रशान्त महासागर की प्रमुख विशेषता है । इस विशाल महासागर में कुल मिलाकर 2,000 से भी अधिक द्वीप हैं । प्रशान्त महासागर का अधिकांश तटवर्ती सागर पश्चिमी भाग में है । इनमें बेरिंग सागर, आखोटस्क सागर, जापान सागर, पीत सागर एवं पूर्वी चीन सागर आदि महत्वपूर्ण है । पूर्व की ओर केवल कैलीफोर्निया की खाड़ी ही प्रसिद्ध है । इसके बेसिन की औसत गहराई 7,300 मी. है ।

वायुमंडल का सामान्य परिसचरण और उसका महासागरों पर प्रभाव

वायुमंडल के सामान्य परिसचरण के संदर्भ में प्रशांत महासागर का गर्म या ठंडा होना अत्यधिक महत्वपूर्ण है । मध्य प्रशांत महासागर की गर्म जलधाराएं दक्षिणी अमेरिका के तट की ओर प्रवाहित होती हैं और पीरू की ठंडी धाराओं का स्थान ले लेती हैं । पीरू के तट पर इन गर्म धाराओं की उपस्थिति एल-निनो कहलाता है । एल-निनो घटना का मध्यप्रशांत महासागर और ऑस्ट्रेलिया के वायुदाब परिवर्तन से गहरा संबंध है । प्रशांत महासागर पर वायुदाब में यह परिवर्तन दक्षिणी दोलन कहलाता है । इन दोनों ( दक्षिणी दोलन/बदलाव व एल निनो ) की संयुक्त घटना को ईएनएसओ ( ENSO ) के नाम से जाना जाता है । जिन वर्षों में ईएनएसओ ( ENSO ) शक्तिशाली होता है, विश्व में वृहत् मौसम संबंधी भिन्नताएँ देखी जाती हैं । दक्षिण अमेरिका के पश्चिमी शुष्क तट पर भारी वर्षा होती है, ऑस्ट्रेलिया और कभी-कभी भारत अकालग्रस्त होते हैं तथा चीन में बाढ़ आती है । इन घटनाओं के ध्यानपूर्वक आकलन से संसार के अन्य भागों की मौसम संबंधी भविष्यवाणी के रूप में इनका प्रयोग किया जाता है ।

⦿ अटलांटिक महासागर: यह सम्पूर्ण संसार का छठा भाग है । इसका क्षेत्रफल 8,29,63,800 `km^{2}` है, जो प्रशांत महासागर के लगभग आधा है और संसार के क्षेत्रफल का लगभग 16% है । इसकी आकृति अंग्रेजी के S-आकार से मिलती-जुलती है । इसके पश्चिम में दोनों अमेरिका महाद्वीप तथा पूरब में यूरोप और अफ्रीका, दक्षिण में अंटार्कटिका है । उत्तर में ग्रीनलैंड, हडसन की खाड़ी, बाल्टिक सागर, उत्तरी सागर मग्नतट पर स्थित है । इस महासागर की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता मध्य अटलांटिक कटक ( Mid-Atlantic Ridge ) है । यह उत्तर में आइसलैंड से दक्षिण में बोवेट द्वीप ( Bouvet Island ) तक लगभग 14,000 किमी लम्बा तथा 4,000 मीटर ऊँचा है । यह एक जलमग्न कटक है, तो भी इसकी अनेक चोटियाँ जल से ऊपर उठकर छोटे-छोटे द्वीपों का रूप धारण कर गई है । अजोर्स ( Azores ) का पाइको द्वीप ( Pico Island ) तथा केप बर्दे द्वीप ( Cape Verde Island ) इसके प्रमुख उदाहरण हैं । सबसे तीखी चोटी भू-मध्य रेखा के निकट सेंट पॉल नामक द्वीप समूह है । दक्षिणी अटलांटिक महासागर में बरमूडा प्रवाल द्वीप एवं असेंसन, ट्रिस्ता दी कान्हा, सेंट हेलेना, गुआ तथा बोवेट द्वीप ज्वालामुखी द्वीप है । यह महासागर 55° उत्तरी अक्षांश के पास अधिक चौड़ा हो जाता है । जहाँ इसे टेलीग्राफिक पठार के नाम से पुकारा जाता है । भूमध्य रेखा के निकट रोमांश गम्भीर ( Romanche Deep ) इसे दो भागों में बाँटता है । उत्तरी भाग डॉलफिन श्रेणी तथा दक्षिणी भाग का नाम चैलंजर कटक है । अटलांटिक महासागर के तटों के साथ बेफिन की खाड़ी, हडसन की खाड़ी, उत्तरी सागर, बाल्टिक सागर, मैक्सिको की खाड़ी, भूमध्य सागर तथा कैरीबियन सागर महत्वपूर्ण सागर हैं ।

⦿ अटलांटिक महासागर की तटरेखा बहुत कटी-फटी है । इसके कारण इसकी तटरेखा की लम्बाई प्रशांत एवं हिन्द महासागर की तट रेखा की कुल लम्बाई से अधिक है । कटी-फटी तट रेखा पर बहुत अच्छे बन्दरगाह होते हैं ।

⦿ व्यापार के दृष्टिकोण से अटलांटिक महासागर संसार का सबसे अधिक व्यस्त महासागर है ।

⦿ हिन्द महासागर: इसके उत्तर में एशिया महाद्वीप, दक्षिण में अंटार्कटिका महाद्वीप पूर्व में आस्ट्रेलिया महाद्वीप तथा पश्चिम में अफ्रीका महाद्वीप है । यह एक अर्द्धमहासागर है । इसका कुल क्षेत्रफल 7,34,25,500 वर्ग किमी है । यह एक तरफ प्रशांत महासागर और दूसरी तरफ अटलांटिक महासागर से मिला है । कर्क रेखा इस महासागर की उत्तरी सीमा है । इसमें भारत के दक्षिणी-पश्चिमी तट के समीप लक्षद्वीप तथा मालदीव प्रवाल-द्वीपों के उदाहरण हैं । मॉरीशस और रीयूनियन द्वीप ज्वालामुखी प्रक्रिया से उत्पन्न द्वीप हैं । इस महासागर का सबसे बड़ा द्वीप मेडागास्कर है । मेडागास्कर के पूर्व में मॉरीशस द्वीप है । इस महासागर में वास्तविक तटवर्ती सागर दो ही हैं, वे हैं- लाल सागर और फारस की खाड़ी । अरब सागर तथा बंगाल की खाड़ी की गणना भी सागरों में ही की जाती है, लेकिन ये हिन्द महासागर के उत्तरी विस्तार मात्र ही हैं । डियागो गार्शिया द्वीप इसी महासागर में है ।

⦿ आर्कटिक महासागर: यह उत्तरी ध्रुव के चारों ओर है । यह आर्कटिक वृत्त के अन्दर स्थित है । वास्तव में यह अटलांटिक महासागर का उत्तरी विस्तार ही है । यह बेरिंग जल-संधि नामक उथले समुद्र के संकरे भाग द्वारा प्रशांत महासागर से जुड़ा है । यह यूरोप, एशिया एवं उत्तरी अमेरिका के उत्तरी तटों से घिरा है । इसका अधिकांश भाग वर्ष भर हिम की मोटी परतों से ढका रहता है । सेलीबीज सागर इसी महासागर में है ।

नोट: महासागरों में सबसे बड़ा प्रशांत महासागर एवं सबसे छोटा आर्कटिक महासागर है ।

विश्व के कुछ बड़ी तटीय सीमा वाले देश

देश लम्बाई ( किमी )
कनाडा 202,080
नार्वे 58,133
इंडोनेशिया 54,720
रूस 37,653
फिलीपीन्स 36,289
जापान 29,751
आस्ट्रेलिया 25,760
यू.एस.ए. 19,924
अंटार्कटिक 17,968
न्यूजीलैंड 15,134
चीन 14,500

नोट: 7500 किमी. तटीय रेखा लंबाई के साथ भारत विश्व में 16 वें स्थान पर है ।

कुछ महत्वूर्ण गर्त 

गर्त गहराई ( मीटर ) स्थिति
मेरियाना 11,022 प्रशान्त महासागर
टोंगा 9,000 प्रशान्त महासागर
मिंडनाओ 10,500 प्रशान्त महासागर
प्यूरिटो रिको 8,392 अटलांटिक महासागर ( प. द्वीप समूह )
रोमशे 7,254 दक्षिणी अटलांटिक महासागर
सुण्डा 8,152 पूर्वी हिन्द महासागर (जावा द्वीप)

विश्व के 10 सबसे बड़े जल क्षेत्रफल वाले देश

देश जल क्षेत्रफल ( `km^{2}` )
कनाडा 891,163
रूस 720,580
यू. एस. ए. 470,131
भारत 314,070
चीन 137,060
ईरान 116,600
इथीयोपिया 104,300
कोलम्बिया 100,210
इण्डोनेशिया 93,000
कांगो 77,810

यह भी देखें
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