भारत की प्रमुख जनजातियाँ
नमस्कार दोस्तों Sarkaripen.com में आप लोगो का स्वागत है क्या आप भारतीय जनजातियाँ की जानकारी पाना चाहते है , आज के समय किसी भी नौकरी की प्रतियोगिता की दृष्टि से यह एक महत्वपूर्ण विषय है तथा Bharat ki pramukh janjatiya in hindi की जानकारी होना बहुत आवश्यक है इसलिए आज हम Bharatiya janjatiya विषय के बारे में बात करेंगे । निचे Indian tribes की जानकारी निम्नवत है।
⦿ भारतीय संविधान के अनु. - 366 (25) के अनुसार जनजाति से तात्पर्य उन जनजातीय समुदायों के अंशों या समूहों से है जो संविधान के अनु. - 342 के तहत अनुसूचित जनजातियों के रूप में माने गये हैं।
⦿ जनजातीय विकास विभाग भारत सरकार के अनुसार भारत में जनजातीय समुदायों की संख्या 550 है।
⦿ 2011 ई. के जनगणना के अनुसार जनजातियों की जनसंख्या सम्पूर्ण भारत की जनसंख्या के 8.6% है।
⦿ जनसंख्या की दृष्टि से मध्यप्रदेश (1,53,16,784) सबसे अधिक जनजातीय जनसंख्या वाला राज्य है। वहीं मिजोरम (94.4%) प्रतिशतता की दृष्टि से बड़ा जनजातीय जनसंख्या वाला राज्य है।
⦿ संविधान के 89वाँ संशोधन (2003 ई.) के द्वारा एक राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (अनु. 338-क) की स्थापना की व्यवस्था की गई है। इस आयोग के प्रथम अध्यक्ष यू. एस. ढेबर को बनाया गया।
⦿ ठक्करबापा को आदिवासियों के मसीहा के उपनाम से जाना जाता है।
⦿ भारत की सर्वाधिक आद्य जनजाति (Primitive tribe) गोंड है, जो भारत की सर्वाधिक बड़ी जनजाति है।
⦿ शोम्पेन जनजाति निकोबार द्वीप समूह में पायी जाती है।
⦿ टोडा जनजाति नीलगिरि की पहाड़ियों पर निवास करती है।
⦿ थारू जनजाति दीपावली को शोक त्योहार के रूप में मानती है।
⦿ मिथुन त्योहार नागा जनजाति का है।
⦿ नायर जनजाति में परिदर्शक पति (visiting husband) की आवधारणा पाया जाता है।
⦿ टोडा जनजाति पशुपालक है तथा भैंस पालने का काम करती है।
⦿ संथाली लोग पुजारी को नायक कहते हैं।
⦿ हो, ऊराँव एवं मुण्डा जनजातियों में धार्मिक पुरुष को पाहन कहते हैं, जबकि छत्तीसगढ़ के गोंड उन्हें बैगा और केरल के कन्निकर एवं यूराली उन्हें प्लाथी कहते हैं।
⦿ जनजातियों की शैक्षणिक संस्था को युवा गृह कहा जाता है।
⦿ नाच-गाकर अपनी जीविका कमाने वाली दक्षिणी राजस्थान की जनजाति गरासिया है।
⦿ चांग्पा या चंपा समुदाय मुख्य रूप से लद्दाख जम्मू-कश्मीर में पाया जाने वाला एक अर्द्ध खानाबदोश तिब्बती लोगों का समुदाय है। भारत सरकार ने इन्हें अनुसूचित जनजाति के रूप में सूचीबद्ध किया है। ये घुमन्तु लोग जीवन यापन के लिए अच्छे किस्म का ऊन देने वाले पश्मीना बकरे-बकरियों को पालते हैं।
⦿ आदिवासियों का प्रमुख पर्व सरहूल चैत्र शुक्ल तृतीया को मनाया जाता है।
⦿ अरुणाचल हिमालय क्षेत्र में परिचम से पूर्व में बसी कुछ जनजातियाँ इस प्रकार हैं—मोनपा, डफ्फला अबोर, मिशमी, निशी और नागा।
राज्य/केंद्र शासित प्रदेश एवं वहाँ पाये जाने वाली प्रजाति
राज्य/प्रदेश | जनजातियाँ |
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गुजरात | भील, बंजारा, कोली, पटेलिया, डाफर, टोड़िया आदि |
हिमाचल प्रदेश | गड्डी अथवा गुड्डी, कनोरा, लाहौली आदि |
जम्मू-कश्मीर | बक्करवाल, गद्दी, लद्दाखी, गुज्जर, चांग्पा या चंपा आदि |
केरल | कादर, उराली, मोपला, इरूला, पनियान आदि |
मध्य प्रदेश | भील, लमबाडी, बंजारा, गोंड, अबूझमारिया, मुरिया, बिशनहार्न, गोंड खेरवार असुर, वैगा, कोल, मुण्डा आदि |
महाराष्ट्र | बारली, बंजारा, कोली, चितपावन, गोंड, अबुम्फामड़िया |
मणिपुर | कुकी, मैटी या मैठी, नागा, अंगामी आदि |
मेघालय | गारो, खासी, जयन्तिया, मिकिर आदि |
मिजोरम | लाखर, पावो, मीजो, चकमा, लुशाई, कुकी आदि |
नागालैंड | नागा, नबुई नागा, अंगामी, मिकिर आदि |
उड़ीसा | जुआंग, खरिया, भुइआ, संथाल, हो, कोल, ओराँव, चेंचू, गोंड, सोंड डोंगरिया, कोंध, बोण्डो (रमो) आदि |
राजस्थान | मीणा, सहरिया, सांसी, गरासिया, भील, बंजारा, कोली |
सिक्किम | लेपचा, लिम्बू |
तमिलनाडु | बड़गा, टोडकोटा, कोटा, टोडा ( नीलगिरि की मूल जनजाति ) |
त्रिपुरा | रियांग अथवा त्रिपुरी आदि |
उत्तराखण्ड | थारू, कोय, मारा, निति, भोट अथवा भोटिया (गढ़वाल और कुमायूँ क्षेत्र), खास (जौनसर बाबर क्षेत्र में) आदि में |
पश्चिम बंगाल | लोघा, भूमिज, संथाल, लेपचा, लिम्बू (दार्जिलिंग क्षेत्र में) आदि |
असम | राभा, दिमारा, कोछारी वोडो, अबोर, आवो, मिकिर, कार्बो, नागा, लुसाई आदि |
आंध्र प्रदेश | चेन्चुस, कौढ़स सवारा, गदवा, गोंड आदि |
अरुणाचल प्रदेश | मोंपा, डबला, सुलुंग, मिश्मी, मिनयोंग, मिरिगेलोंग, अपतनी, मेजी आदि |
झारखण्ड | संथाल, मुंडा, हो, ओराँव, बिरहोर, कोरबा, असुर, भूइया, गोंड, सौरिया, भूमिज आदि |
लक्षद्वीप | वासी |
अंडमान-निकोबार | औजें, जारवा, जरना, सेंटलीज, अण्डमानी, निकोबारी |
अन्य जानकारी
⦿ जीवन की उत्पति आदि सागर में आर्कियोजोइक ईरा में हुई। ⦿ भारत आने वाला सबसे पहला प्रजाति समूह नीग्रो था। नार्डिक प्रजाति भारत में सबसे अन्त में आई। ⦿ हड़प्पा सभ्यता की शुरुआत प्रोटो-ऑस्ट्रेलायड एवं भूमध्य सागरीय प्रजाति ने किया। ⦿ नीग्रिटो, प्रोटोऑस्ट्रोलॉयड व मंगोलॉयड प्रजातियों के लोग भारत में आदिवासी जनजातियों में सम्मलित किये जाते हैं। ⦿ नीग्रिटो: अंडमान-निकोबार एवं त्रावणकोर व कोचीन की पहाड़ियों में पायी जाती है। ⦿ मंगोलॉयड: मंगोलॉयड लोग उत्तरी-पूर्वी और दक्षिणी-पूर्वी एशिया में रहते हैं जो अमेरिका के मूल निवासी थे। भारत में ये असम, हिमालय क्षेत्र लेह एवं लद्दाख में पाये जाते हैं। ⦿ नार्डिक: उत्तर-पश्चिम भारत के लोग। ⦿ प्राच्य: सिंध, पंजाब, राजस्थान, गुजरात एवं महाराष्ट्र आदि के लोग। ⦿ भूमध्यसागरीय: ये उत्तर भारत की उच्च जातियाँ हैं। यह भी देखें
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