भारत में कृषि

नमस्कार दोस्तों Sarkaripen.com में आप लोगो का स्वागत है क्या आप भारत में कृषि की जानकारी पाना चाहते है , आज के समय किसी भी नौकरी की प्रतियोगिता की दृष्टि से यह एक महत्वपूर्ण विषय है तथा Bharat me krishi in hindi की जानकारी होना बहुत आवश्यक है इसलिए आज हम Bharat me krishi विषय के बारे में बात करेंगे । निचे Agriculture in india की जानकारी निम्नवत है ।

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Agriculture in india

⦿ भारत के कुल क्षेत्रफल का लगभग 51% भाग पर कृषि, 4% भू-भाग पर चारागाह, लगभग 21% भूमि पर वन एवं 24% भूमि बंजर तथा बिना उपयोग की है ।

⦿ कृषि राज्य का विषय है, जिसका उल्लेख संविधान की VIIवीं अनुसूची के प्रविष्टि-14 में है ।

नोट: राष्ट्रीय कृषक आयोग ( NFC ) ने 4 अक्टूबर, 2006 ई. को सिफारिश प्रस्तुत किया कि कृषि को राज्य सूची से हटाकर समवर्ती सूची में लाये जायें ।

विभिन्न प्रकार की कृषि विधियाँ
विधियाँ कृषि
सेरीकल्चर रेशमकीट पालन
एपिकल्चर मधुमक्खी पालन
सिपीकल्चर मत्स्य पालन
फ्लोरीकल्चर फूलों का उत्पादन
विटीकल्चर अंगूर की खेती
वर्मीकल्चर केंचुआ पालन
पोमोकल्चर फलों उत्पादन
ओलेरीकल्चर सब्जियों का उत्पादन
हॉर्टिकल्चर बागवानी
एरोपोर्टिक हवा में पौधो को उगाना
हाइड्रोपोनिक जल में बिना मिट्टी के पौधे उगाना

⦿ भारत के अंतरिम मंत्रिमंडल 1946 ई. एवं स्वतंत्र भारत के पहले मंत्रिमंडल 1947 ई. में कृषि और खाद्य मंत्री डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को बनाया गया ।

⦿ देश की कुल श्रम शक्ति का लगभग 48.9% भाग कृषि एवं इससे संबंधित उद्योग-धन्धों से अपनी आजीविका चलाता है । 2013-14 ई. में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का योगदान 13.9% है ।

⦿ भारत में खाद्यान्नों के अन्तर्गत आने वाले कुल क्षेत्र के 47% भाग पर चावल की खेती की जाती है । भारत में मुख्य खाद्य फसल चावल है । भारत विश्व का 21.7% चावल उत्पादन करता है ।

⦿ चावल उत्पादन में भारत का विश्व में दूसरा स्थान हैं ( चीन प्रथम ) ।

नोट: भारत में खाद्य फसलों में सबसे अधिक चावल का उत्पादन होता है । IR-20 चावल की अधिक पैदावार देने वाली किस्म हैं ।

⦿ विश्व में गेहूँ उत्पादन में चीन के बाद भारत का दूसरा स्थान है । भारत विश्व का 12% गेहूँ उत्पादन करता है । देश की कुल कृषि योग्य भूमि के लगभग 14% भाग पर गेहूँ की खेती की जाती है ।

⦿ देश में गेहूँ के उत्पादन में उत्तर प्रदेश का प्रथम स्थान है, जबकि प्रति हेक्टेयर उत्पादन में पंजाब का स्थान प्रथम है ।

⦿ हरित क्रांति का सबसे अधिक प्रभाव गेहूँ और चावल की कृषि पर पड़ा है, परन्तु चावल की तुलना में गेहूँ के उत्पादन में अधिक वृद्धि हुई ।

विभिन्न कृषि क्रांतियाँ
क्रांति उत्पादन
हरित क्रांति खाद्यान उत्पादन
श्वेत क्रांति दुग्ध उत्पादन
नीली क्रांति मत्स्य उत्पादन
भूरी क्रांति उर्वरक उत्पादन
रजत क्रांति अंडा उत्पादन
पिली क्रांति तिलहन उत्पादन
कृष्ण क्रांति बायोडीजल उत्पादन
लाल क्रांति टमाटर / मांस उत्पादन
गुलाबी क्रांति झींगा मछली उत्पादन
बादामी क्रांति मसाला उत्पादन
सुनहरी क्रांति फल उत्पादन
अमृत क्रांति नदी जोड़ो परियोजना
गोल क्रांति आलू उत्पादन
स्वर्ण क्रांति बागवानी

नोट: मैक्सिको तथा फिलीपींस में क्रमशः गेहूँ एवं चावल की अधिक उत्पादकता की किस्में विकसित की गई थी ।

⦿ भारत में हरित क्रांति ( Green revolution ) लाने का श्रेय डॉ. एम. एस. स्वामीनाथन को जाता है । भारत में हरित क्रांति की शुरुआत 1967-68 ई. में हुई ।

⦿ प्रथम हरित क्रांति के बाद 1983-84 ई. में द्वितीय हरित क्रांति की शुरुआत हुई, जिसमें अधिक अनाज उत्पादन, निवेश एवं कृषकों को दी जाने वाली सेवाओं का विस्तार हुआ ।

नोट: भारत में श्वेत क्रांति के जनक डा. वी. कुरियन को माना जाता है ।

⦿ तेलहन प्रौद्योगिकी मिशन की स्थापना 1986 ई. में हुई ।

⦿ भारत उर्वरक उत्पादन एवं उपभोग में विश्व में तीसरे स्थान पर है जबकि चीन एवं अमेरिका क्रमशः पहले व दूसरे स्थान पर हैं ।

⦿ भारत नाइट्रोजनी उर्वरकों की अपनी खपत का 94% व फॉस्फेटी उर्वरकों की खपत का 82% ही उत्पादन करता है ।

⦿ पोटाशियम उर्वरक का पूरी तरह आयात किया जाता है ।

⦿ आम, केला, चीकू, खट्टे नींबू, काजू, काली मिर्च, नारियल, अदरक, हल्दी के उत्पादन में भारत का स्थान विश्व में पहला है ।

⦿ फलों एवं सब्जियों के उत्पादन में भारत का स्थान विश्व में दूसरा है । ( प्रथम—चीन )

⦿ विश्व में तम्बाकू का सबसे बड़ा उत्पादक एवं उपभोक्ता चीन है । उत्पादन में भारत का स्थान तीसरा है ।

⦿ तम्बाकू की पत्तियों को सूखाने की प्रक्रिया को क्यूरिंग कहते हैं, जिससे पत्तियों में वांछित रंग, गंध आदि गुणों का विकास होता है।

⦿ भारत में चाय की खेती 1840 में असम की ब्रह्मपुत्र घाटी में प्रारंभ हुई । चाय की पत्तियों में कैफिन तथा टैनिन की प्रचुरता पाई जाती है । भारत में सर्वोत्तम चाय दार्जिलिंग में पैदा की जाती है। विश्व प्रसिद्ध उलंग किस्म की चाय ताइवान में पैदा होती है ।

⦿ सबसे उच्च कोटि का कहवा अरेबिका होता है । कहवा की अन्य दो किस्में हैं—रोबस्तालिबेरिका

नोट: मोचा कहवा यमन में उगायी जाती है ।

⦿ मक्का में ह्वाइट बड ( white bud ) एवं धान में खैरा रोग जस्ता की कमी के कारण होता है ।

⦿ भारत में फूलों की खेती का 9% ऑर्किड से प्राप्त होता है । ऑर्किड एक रंगीन एवं मनमोहक पुष्पीय पौधा है । इसका प्रयोग मुख्य रूप से इत्र निर्माण में, सजावट के रूप में, खाद्य के रूप में एवं परम्परागत दवाइयों के निर्माण में किया जाता है । भारत में इसकी खेती उत्तरी-पूर्वी जलवायु क्षेत्रों में की जाती है । अरुणाचल प्रदेश, सिक्कम व हिमाचल प्रदेश ऑर्किड की कृषि के लिए उपयुक्त क्षेत्र है । अरुणाचल प्रदेश को ऑर्किड स्टेट के रूप में भी जाना जाता है ।

⦿ ग्वार अथवा कलस्टर बीन एक लेग्यूमिनस फसल है । ग्वार के बीज ग्वार गोंद को उत्पन्न करने के लिए कच्चे पदार्थ के रूप में प्रयुक्त होते हैं । वैश्विक स्तर पर तेल और गैस उद्योग द्वारा इसका प्रयोग हाइड्रॉलिक फ्रेक्चरिंग तकनीक में किया जाता है । वर्तमान में शेल गैस के निष्कर्षण के लिए ग्वार गोंद की उच्च माँग है । भारत विश्व में ग्वार गोंद का सबसे बड़ा उत्पादक है । राजस्थान ग्वार गोंद का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है ।

⦿ कर्नाटक सुपारी एवं कॉफी का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है ।

⦿ नासिक अंगूरों के पैदावार के लिए प्रसिद्ध है ।

⦿ भारत में प्राकृतिक रबड़ का सबसे अधिक उत्पादन केरल में होता है ।

⦿ आंध्र प्रदेश भारत में सबसे बड़ा मसाला उत्पादक राज्य है ।

⦿ सबसे अधिक मात्रा में केसर जम्मू-कश्मीर से प्राप्त होता है ।

⦿ सिक्किम को जैविक खेती करने वाला भारत का प्रथम राज्य घोषित किया गया ।

⦿ अरहर ( तूर ) को लाल चना तथा पिजन पी ( Pigeon pea ) के नाम से भी जाना जाता है ।

⦿ लंबे रेशे वाली अमेरिकन कपास को देश के उत्तर-पश्चिमी भाग में नरमा कहा जाता है । कपास पर फूल आने के समय आकाश बादल रहित होना चाहिए ।

कुल फसलों राज्यों का क्रम
फसल प्रथम स्थान द्वितीय स्थान तृतीया स्थान
कुल खाद्यान उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश पंजाब
कुल दलहन मध्य प्रदेश महाराष्ट्र राजस्थान
कुल तेलहन मध्य प्रदेश राजस्थान महाराष्ट्र
कुल मोटा अनाज राजस्थान महाराष्ट्र कर्नाटक

अलग-अलग फसलों में राज्यों का क्रम
फसल प्रथम स्थान द्वितीय स्थान तृतीय स्थान
चावल पश्चिम बंगाल उत्तर प्रदेश पंजाब
गेंहू उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश पंजाब
बाजरा राजस्थान उत्तर प्रदेश गुजरात
मक्का महाराष्ट्र कर्नाटक मध्य प्रदेश
चना मध्य प्रदेश महाराष्ट्र राजस्थान
अरहर महाराष्ट्र कर्नाटक मध्य प्रदेश
मसूर उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश बिहार
मूंगफली गुजरात राजस्थान आंध्र प्रदेश
सरसों राजस्थान हरियाणा मध्य प्रदेश
सोयाबीन मध्य प्रदेश महाराष्ट्र राजस्थान
सूरजमुखी कर्नाटक ओडिशा आंध्र प्रदेश
कपास महाराष्ट्र गुजरात तेलंगाना
जूट पश्चिम बंगाल बिहार असम
आलू उत्तर प्रदेश पश्चिम बंगाल बिहार
प्याज महाराष्ट्र गुजरात कर्नाटक
गन्ना उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र कर्नाटक

नोट: विश्व में लंबे रेशे के कपास का सबसे बड़ा उत्पादक एवं निर्यातक देश यू.एस.ए. हैं ।

⦿ अन्न भण्डारण करते समय दानों में नमी 10% से नीचे होनी चाहिए अन्यथा कीट प्रकोप का भय रहता है ।

⦿ दलहनी फसलों के उत्पादन हेतु कोबाल्ट आवश्यक तत्व है ।

ऋतुओं के आधार पर फसलों का वर्गीकरण

1. रबी की फसल : यह अक्टूबर-नवम्बर में बोयी जाती है और मार्च-अप्रैल में काट ली जाती है । इसकी मुख्य फसलें हैं— गेहूँ, जौ, चना, मटर, सरसों, आलू, राई, अलसी आदि ।

2. खरीफ फसल ( दक्षिण-पश्चिम मानसून के तत्काल बाद बोई गई फसल ) : यह जून-जुलाई में बोयी जाती है और नवम्बर-दिसम्बर में काट ली जाती है । इसकी मुख्य फसलें हैं—धान, गन्ना, तिलहन, ज्वार, बाजरा, मक्का, अरहर, कपास, मूँगफली, मंडुआ, तिल, सोयाबीन आदि ।

3. गरमा फसल : यह मई-जून में बोयी जाती है और जुलाई-अगस्त में काट ली जाती है। इसकी मुख्य फसलें हैं—राई, मक्का, ज्वार, जूट और मडुआ ।

प्रमुख फसलों का जन्म-स्थान
फसल जन्म-स्थान
धान भारत-इंडोनेशिया
मक्का मध्य अमेरिका
गेंहू मध्य एशिया
तम्बाकू दक्षिणी अमेरिका
रबर दक्षिणी अमेरिका ( ब्राजील )
उरद भारत
मसूर चीन
अमरुद अमेरिका
टमाटर मेक्सिको
बाजरा अफ्रीका
जौ चीन
अरहर अफ्रीका
सोयाबीन चीन
मूंग भारत
ज्वार भारत
चाय चीन
कहवा ब्राजील
आलू पेरू
गन्ना गन्ना

भारत के कुछ प्रमुख कृषि अनुसंधान केंद्र
संस्थान मुख्यालय
केंद्रीय चावल अनुसंधान केंद्र कटक
केंद्रीय कपास अनुसंधान केंद्र नागपुर
राष्ट्रीय गन्ना प्रजनन संस्थान कोयम्बटूर
भारतीय गन्ना अनुसंधान केंद्र लखनऊ
केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान शिमला
राष्ट्रीय चाय अनुसंधान केंद्र जोरहट
राष्ट्रीय कॉफी अनुसंधान केंद्र चिकमंलूर
राष्ट्रीय रबर अनुसंधान केंद्र कोट्टायम
केंद्रीय रेशम अनुसंधान केंद्र मैसूर
राष्ट्रीय जूट अनुसंधान केंद्र बैरकपुर
केंद्रीय तम्बाकू अनुसंधान केंद्र राजमुद्री
केंद्रीय नारियल अनुसंधान संस्थान काशरगोड
भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान कानपूर
भारतीय तिलहन अनुसंधान संस्थान हैदराबाद
केंद्रीय उपोष्ण बगवानी संस्थान बंगलुरु
केंद्रीय कृषि मौसम विज्ञान केंद्र पूना
केंद्रीय मिट्टी एवं जल संरक्षण अनुसंधान केंद्र देहरादून

नोट: भारतीय कृषि अनुसंधान ( LARI ) की स्थापना लार्ड कर्जन के काल में 1905 में पूसा ( बिहार ) में हुई थी । 1936 ई. में इसे नई दिल्ली में स्थानान्तरित कर दिया गया । यह पूसा संस्थान के नाम से लोक प्रिय है । भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् ( ICAR ) की स्थापना 23 मई 1929 को की गई । इसका मुख्यालय भी नई दिल्ली में है ।

यह भी देखें
LATEST JOB श्रोत- अमर उजाला अखबार
New Vacancy श्रोत- अमर उजाला अखबार ( आज की नौकरी ) CLICK HERE

पुस्तके ( BOOKS )
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