भारत में खनिज

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Minerals in india

⦿ भारत में खनिजों के सर्वेक्षण, पूर्वेक्षण एवं अन्वेषण के कार्य जिओलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ( मुख्यालय- कोलकाता ), भारतीय खान ब्यूरो ( मुख्यालय- नागपुर ) तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग ( मुख्यालय-देहरादून ), खनिज अन्वेषण निगम लि. ( मुख्यालय- नागपुर ), राष्ट्रीय खनिज विकास निगम ( मुख्यालय- हैदराबाद ), राष्ट्रीय एल्युमिनियम कं लि. और विभिन्न राज्यों के खदान एवं भूविज्ञान विभाग करते हैं ।

⦿ धारवाड़ क्षेत्र धात्विक खनिजों में सर्वाधिक सम्पन्न है ।

⦿ भारत के शीर्ष पाँच खनिज उत्पादक राज्य क्रमशः ओडिशा, राजस्थान, आन्ध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं झारखंड हैं ।

⦿ अपरिष्कृत पेट्रोलियम टरश्यरी युग की अवसादी शैलों में पाया जाता है ।

⦿ व्यवस्थित ढंग से तेल अन्वेषण और उत्पादन 1956 में तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग की स्थापना के बाद प्रारंभ हुआ ।

⦿ भारत में शेल गैस के संसाधन कैम्बे बेसिन, कृष्णा गोदावरी बेसिन, कावेरी बेसिन एवं विध्यन बेसिन में पाए गए हैं ।

खनिज-पदार्थ प्राप्ति-स्थल विशेष-बिंदु
पेट्रोलियम असम ( डिग्बोई, सूरमा घाटी ), गुजरात ( खम्भात, अंकलेश्वर ), महाराष्ट्र ( बॉम्बे हाई ) भारत में खनिज तेल के भंडार मुख्यतः अवसादी चट्टानों में पाये जाते हैं । भारत में खनिज तेल का उत्पादन सर्वप्रथम डिग्बोई में प्रारंभ किया गया । नोट: अंकलेश्वर में 1960 ई. में खोदे गए पहले कुएँ का नाम वसुधारा रखा गया था । मुम्बई हाई की खोज 1973 ई. में हुई और यहाँ से तेल उत्पादन की शुरुआत ONGC के द्वारा 1976 ई. में हुई । यह मुम्बई से लगभग 176 किमी उत्तर-पश्चिम में खम्भात की खाड़ी में स्थित है । यहाँ तेल निकालने के लिए बने प्लेटफार्म का नाम सागर सम्राट है जो एक जलयान है, जिसे जापान से मंगाया गया है । इस समय देश में 21 परिष्करणशालाएँ यानी तेलशोधक कारखाना कार्य कर रही हैं, जिनमें से 17 सार्वजनिक क्षेत्र, 3 निजी क्षेत्र में तथा 1 संयुक्त क्षेत्र में है ।
लौह-अयस्क ओडिशा ( सोनाई, क्योंझर, मयूरभंज ), झारखंड ( सिंहभूम, हजारीबाग, पलामू, धनबाद ), छत्तीसगढ़ ( बस्तर, दुर्ग, रायपुर, रायगढ़, बिलासपुर ), मध्य प्रदेश ( जबलपुर ), कर्नाटक ( बेलारी, चिकमंगलुर, चीतल दुर्ग ), महाराष्ट्र ( रत्नागिरि, चांदा ), तमिलनाडु ( सलेम, तिरुचिरापल्ली ), गोवा । विश्व में लौह-अयस्क के उत्पादन में भारत का चौथा स्थान है । प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर क्रमशः चीन, ऑस्ट्रेलिया एवं ब्राजील है । कुल संचित भंडार की दृष्टि से भारत का विश्व में प्रथम स्थान है । भारत में लौह अयस्क के उत्पादन में पहले, दूसरे एवं तीसरे स्थान पर क्रमशः कर्नाटक, छत्तीसगढ़ एवं ओडिशा है । (चौथा-गोवा, पाँचवाँ-झारखंड )
मैंगनीज ओडिशा ( सुन्दरगढ़, सम्बलपुर, बोलंगीर, क्योंझर, कालाहांडी, कोरापुट ), महाराष्ट्र ( नागपुर और भंडारा ), मध्य प्रदेश के ( बालाघाट, छिंदवाड़ा ), कर्नाटक ( शिमोगा, बेलारी, चित्रदुर्ग, बीजापुर ), आन्ध्र प्रदेश ( श्रीकाकुलम ), गुजरात ( पंचमहल, बड़ौदा ), झारखंड ( सिंहभूम ) एवं राजस्थान ( बांसवाड़ा ) मैंगनीज के प्रमाणित भंडारों की दृष्टि से भारत का विश्व में जिम्बाब्वे के बाद दूसरा स्थान है । उत्पादन की दृष्टि से भारत का विश्व में पाँचवाँ स्थान है । ओडिशा भारत का ( 34% ) मैंगनीज पैदा करके प्रथम स्थान पर है । द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर क्रमशः महाराष्ट्र ( 25% ) एवं मध्य प्रदेश ( 21% ) का है ।
कोयला झारखंड ( धनबाद, सिंहभूम, गिरिडीह ), पश्चिम बंगाल ( रानीगंज, आसनसोल ), छत्तीसगढ़ ( रायगढ़ ), ओडिशा ( दसगढ़ तथा तलचर ), असम ( माकूम, लखीमपुर ), महाराष्ट्र ( चांदा ), तेलंगाना ( सिंगरेनी ) , मेघालय, जम्मू-कश्मीर, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश ( नामचिक, नामफुक ) कोयले के उत्पादन में भारत का स्थान विश्व में तीसरा है । भारत में कोयले के उत्पादन में प्रथम तीन राज्य क्रमशः हैं- झारखंड ( 40% ), छत्तीसगढ़, ओडिशाएंथ्रासाइट सबसे उत्तम श्रेणी का कोयला है । कोयले को उद्योग की रोटी तथा काला सोना भी कहा जाता है । लिग्नाइट को भूरा कोयला कहा जाता है।
ताँबा झारखंड ( सिंहभूम, हजारीबाग ), राजस्थान ( खेतड़ी, झुंझुनू, भीलवाड़ा, अलवर एवं सिरोही ), महाराष्ट्र ( कोल्हापुर ), कर्नाटक ( चीतल दुर्ग, हासन, रायचूर ), मध्य प्रदेश ( बालाघाट ), आन्ध्रप्रदेश ( अग्नि गुण्डल ) भारत में ताँबा के उत्पादन में प्रथम तीन राज्य क्रमशः हैं- मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड । राजस्थान के जवारखान से जस्ते के साथ ताँबा भी निकाला जाता है । राजस्थान में ताँबा खनिज का सबसे बड़ा भंडार है ।
बॉक्साइट ओडिशा, झारखंड ( कोडरमा, हजारीबाग ), बिहार ( गया एव मुंगेर ), महाराष्ट्र ( नागपुर, भण्डारा तथा रत्नागिरि ), राजस्थान ( अजमेर, शाहपुर ), आन्ध्र प्रदेश ( नेल्लोर ) भारत बॉक्साइट में आत्मनिर्भर है । भारत में बॉक्साइट का उत्पादन सबसे अधिक ओडिशा ( कुल उत्पादन का 42% ) में होता है । ( दूसरा स्थान- गुजरात एवं तीसरा स्थान झारखंड )
अभ्रक आन्ध्र प्रदेश ( नेल्लोर जिला ), झारखंड ( पलामू ), गुजरात ( खेड़ा ), मध्य प्रदेश ( कटनी, बालाघाट, जबलपुर ), छत्तीसगढ़ ( बिलासपुर ), राजस्थान वर्तमान में आन्ध्र प्रदेश भारत का 72% से भी अधिक अभ्रक पैदा करता है । उत्पादन में दूसरा स्थान राजस्थान का है ।
सोना कर्नाटक ( कोलार, उटी तथा हट्टी की खान ), आन्ध्र प्रदेश ( रामगिरि खान, अनन्तपुर ), तेलंगाना ( वारंगल ), तमिलनाडु ( नीलगिरि एवं सलेम ), झारखंड ( हीराबुदनी खान सिंहभूम )
देश की कुल स्वर्ण उत्पादन का 98% भाग अकेले कर्नाटक राज्य से प्राप्त किया जाता है । ( दूसरा स्थान-आन्ध्र प्रदेश )
हीरा मध्यप्रदेश ( मझगावाँ खान, पन्ना जिला )
मझगावाँ ( पन्ना जिला ) खान 80 किमी. लंबाई में फैली है, जो उत्तर-पूर्व में पहारीखेरा से शुरू होकर दक्षिण-पश्चिम में मझगांव तक जाती है । यहां हीरा उत्खनन का कार्य भारत सरकार के सार्वजनिक उपक्रम राष्ट्रीय खनिज विकास निगम ( National Mineral Development Corporation-NMDC ) द्वारा किया जा रहा है ।
जस्ता राजस्थान ( उदयपुर ), ओडिशा, जम्मू-कश्मीर ( उत्पादन में द्वितीय स्थान ) राजस्थान ( उत्पादन में प्रथम ) के जवारखान जस्ता उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है ।
यूरेनियम झारखंड ( राँची, हजारीबाग, सिंहभूम ) झारखंड प्रथम स्थान पर है । भारत की सबसे महत्वपूर्ण यूरेनियम खान जादूगोड़ा है ।
मैग्नेजाइट उत्तराखण्ड, राजस्थान, तमिलनाडु, आन्ध्र प्रदेश इसका सर्वाधिक भंडार 68% उत्तराखण्ड में है ।
चाँदी राजस्थान ( जवार खान ), कर्नाटक ( चित्रदुर्ग, बेलारी ), आंध्र-प्रदेश ( कुडप्पा, गुण्टूर ), झारखंड ( संथालपरगना, सिंहभूम ) चाँदी उत्पादन में राजस्थान प्रथम स्थान पर है ।
थोरियम पाइराइट्स राजस्थान ( पाली, भीलवाड़ा ), केट्ल विश्व का सबसे बड़ा थोरियम निर्माता देश भारत है । विश्व का सबसे बड़ा थोरियम का भंडार केरल में है ।
क्रोमाइट झारखंड एवं ओडिशा इसके उत्पादन में ओडिशा प्रथम स्थान पर है ।
टंगस्टन राजस्थान, तमिलनाडु, कर्नाटक इसके मुख्य भंडार देगाना ( राजस्थान ) में है ।
सीसा झारखंड, राजस्थान सीसा एवं जस्ता को जुड़वा खनिज भी कहा जाता है क्योंकि ये साथ-साथ ही पाए जाते हैं । सीसे का 50% भण्डार अकेले राजस्थान में पाया जाता है ।
लिग्नाइट तमिलनाडु, राजस्थान इसका सर्वाधिक भंडार तमिलनाडु में है ।
टिन छत्तीसगढ़ इसका लगभग सम्पूर्ण भंडार व उत्पादन छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में होता है ।

यह भी देखें
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