भारत की नदियाँ
नमस्कार दोस्तों Sarkaripen.com में आप लोगो का स्वागत है क्या आप भारत की नदियाँ की जानकारी पाना चाहते है , आज के समय किसी भी नौकरी की प्रतियोगिता की दृष्टि से यह एक महत्वपूर्ण विषय है तथा Bharat ki nadiya hindi की जानकारी होना बहुत आवश्यक है इसलिए आज हम Bharat ki nadiya विषय के बारे में बात करेंगे । निचे Rivers of india की जानकारी निम्नवत है ।
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Rivers of india |
भारत की नदियाँ , उद्गम , संगम/मुहाना
नदी | उद्गम | संगम / मुहाना |
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सतलज | तिब्बत में मानसरोवर झील के समीप स्थित राकस ताल ( ऊँचाई समुद्र तल से 4,555 मी . ) | चिनाब नदी |
सिन्धु | तिब्बत में मानसरोवर झील के पास सानोख्याबाब हिमनद से | अरब सागर |
रावी | हिमाचल प्रदेश में काँगड़ा जिले में रोहतांग दर्रे के समीप | चिनाब नदी |
व्यास | हिमाचल प्रदेश में रोहतांग दर्रे के समीप व्यास कुंड से 4,330 मी . की ऊँचाई पर | हरिके ( कपूरथला ) के समीप सतलज नदी |
झेलम | बेरीनाग ( कश्मीर ) के समीप शेषनाग झील | चिनाब नदी |
गंगा | गंगोत्री के पास गोमुख हिमानी ( समुद्र तल से 3,900 मी . से भी अधिक ऊँचाई पर ) | बंगाल की खाड़ी |
यमुना | बन्दरपूँछ के पश्चिमी ढाल पर स्थित यमुनोत्री हिमानी ( ऊँचाई समुद्र तल से 6,316 मीटर ) | प्रयाग ( इलाहाबाद ) में गंगा नदी |
चम्बल | मध्य प्रदेश में मऊ के समीप स्थित जाना पाव पहाड़ी सिंगार चौरी चोटी ( ऊँचाई समुद्र तल से 843 मीटर ) | इटावा ( उ. प्र . ) से 38 किमी . दूर यमुना नदी |
रामगंगा | नैनीताल के समीप मुख्य हिमालय श्रेणी का दक्षिणी भाग | कन्नौज के निकट गंगा नदी |
शारदा ( काली गंगा ) | कुमायूँ - हिमालय का मिलाम ( Milam ) हिमनद | बहरामघाट के समीप घाघरा नदी |
घाघरा या करनाली या कौरियाला | नेपाल में तकलाकोट से 37 किमी . उत्तर पश्चिम में म्पसातुंग हिमानी | सारन तथा बलिया जिले की सीमा पर गंगा नदी |
गण्डक ( नेपाल में शालीग्राम एवं मैदानी भाग में नारायणी ) | नेपाल | पटना के समीप गंगा नदी |
कोसी | गोसाईंथान चोटी के उत्तर में | कारागोला के दक्षिण पश्चिम में गंगा नदी |
बेतवा या वेत्रवती | मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में कुमरागाँव के समीप विन्ध्याचल पर्वत | हमीरपुर के समीप यमुना नदी |
सोन | अमरकण्टक की पहाड़ियाँ | पटना के समीप गंगा नदी |
ब्रम्हपुत्र ( तिब्बत में सांपू तथा असं में दिहांग ) | तिब्बत में मानसरोवर झील से 80 किमी . की दूरी पर स्थित चेम युन्ग हुँग हिमानी ( ऊँचाई समुद्र तल से 5,150 मीटर ) | बंगाल की खाड़ी |
नर्मदा ( विंध्य व सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला के मध्य से होकर बहती है ) | विन्ध्याचल पर्वत श्रेणियों में स्थित अमरकण्टक नामक स्थान ( ऊँचाई समुद्र य तल से 1,057 मीटर ) | खम्भात की खाड़ी |
ताप्ती | वैतूल जिले ( म.प्र . ) के मुल्ताई ( मूल ताप्ती ) नगर के पास 722 मी . की ऊँचाई से | सूरत के निकट खम्भात की खाड़ी |
महानदी | छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में सिहावा के समीप | बंगाल की खाड़ी ( कटक के समीप ) |
क्षिप्रा | इन्दौर जिले की काकरी बरडी नामक पहाड़ी | चम्बल नदी |
माही | धार जिला ( मध्य प्रदेश ) के अमझोरा में मेहद झील | खम्भात की खाड़ी |
लूनी | अजमेर जिले में स्थित नाग पहाड़ ( अरावली पर्वत ) यह पुष्कर के समीप दो धाराओं सरस्वती और सागरमती के रूप में उत्पन्न होती है , जो गोबिंदगढ़ के निकट आपस में मिल जाती है | कच्छ की रन |
सोम | उदयपुर जिले के बीछा मेंड़ा नामक स्थान पर | वेणेश्वर के समीप माही नदी |
साबरमती | उदयपुर जिले में अरावली पर्वत पर स्थित जयसमुद्र झील | खम्भात की खाड़ी |
बनास ( अर्थात वन की आशा ) | खमनोर की पहाड़ी ( राजसमंद जिला- राजस्थान ) | चंबल ( रामेश्वरम् के नजदीक ) |
बाणगंगा | बैराठ की पहाड़ी जयपुर | यमुना [ फतेहाबाद ( आगरा ) के समीप ] |
कृष्णा | महाबलेश्वर के समीप पश्चिमी घाट पहाड़ ( ऊँचाई समुद्र तल से 1,337 मीटर ) | बंगाल की खाड़ी |
गोदावरी | नासिक जिले ( महाराष्ट्र ) के त्र्यंबक गाँव की एक पहाड़ी ( प्रायद्वीपीय भारत की सबसे बड़ी व लंबी नदी ) | बंगाल की खाड़ी |
कावेरी | कर्नाटक के कुर्ग जिले में स्थित ब्रह्मगिरि पहाड़ी ( ऊँचाई समुद्र तल से 1,341 मी . ) | बंगाल की खाड़ी |
तुंगभद्रा | कर्नाटक में पश्चिमी घाट पहाड़ की गंगामूल चोटी से तुंगा तथा समीप में ही काडूर से भद्रा नदी का उद्गम | कृष्णा नदी |
पेन्नार | नन्दीदुर्ग श्रेणी की चेन्ना केसावा पहाड़ी ( कर्नाटक ) | बंगाल की खाड़ी |
दक्षिणी टोंस | कैमूर पहाड़ियों में स्थित तमसाकुण्ड जलाशय | सिरसा के समीप गंगा नदी |
पेरियार | पेरियार झील | अरब सागर |
उमियम | उमियम झील ( मेघालय ) | कोपल्ली नदी |
हुगली | यह गंगा की एक शाखा है , जो धुलिया ( प . बंगाल ) के द . गंगा से अलग होती है | बंगाल की खाड़ी |
बैगाई | कण्डन मणिकन्यूर ( प . घाट ) में मदुरै के समीप ( तमिलनाडु ) | बंगाल की खाड़ी |
भारत की नदियाँ , उनकी लम्बाई एवं विशेषता
नदी | लम्बाई ( किमी. ) | विशेष |
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सतलज | लगभग 1,500 ( भारत में 1050 ) | शिवालिक पर्वत श्रृंखला को काटती हुई पंजाब में प्रवेश करती है |
सिन्धु | 2,880 ( भारत में 1,114 ) | इसकी सहायक नदियाँ हैं सतलज , चिनाब , रावी , व्यास तथा झेलम |
रावी | 727 | रावी उत्तरी भारत में बहनेवाली एक नदी है। इसका ऋग्वैदिक कालीन नाम परुष्णी है। तथा इसे लहौर नदी भी कहा जाता है। यह अमृतसर और गुरदासपुर की सीमा बनाती है। |
व्यास | 470 | कुल्लू घाटी से बहती हुई धौलाधर पर्वत को पार कर पंजाब के मैदान में पहुँचती है |
झेलम | 724 ( भारत में 400 ) | श्रीनगर में शिकारा या बजरे चलाये जाते हैं |
गंगा | 2525 ( भारत में ) | गंगा , भागीरथी एवं अलकनन्दा नदियों का सम्मिलित नाम है |
यमुना | 1375 | इसकी सहायक नदियाँ हैं चम्बल , बेतवा तथा केन तथा ये तीनों ही नदियाँ दक्षिण से यमुना में मिलती है |
चम्बल | 995 | देश के सबसे गहरे खड्डों का निर्माण एवं इसकी सहायक नदियाँ हैं - काली सिन्ध , पार्वती , सिप्ता , बनास , कुरल , बामनी व मेज |
रामगंगा | 696 | खोन इसकी प्रमुख सहायक नदी है |
शारदा ( काली गंगा ) | 602 | इसकी सहायक नदियाँ हैं - सर्मा , लिसार , सरयू या पूर्वी रामगंगा , चौकिया |
घाघरा या करनाली या कौरियाला | 1,080 | शिवालिक को पार करते समय शीशपानी नामक 180 मी . गहरे खड्ड का निर्माण , चौकिया तथा छोटी गंगा इसकी सहायक नदियाँ हैं |
गण्डक ( नेपाल में शालीग्राम एवं मैदानी भाग में नारायणी ) | 425 ( भारत में ) | सहायक नदियाँ काली गण्डक तथा त्रिशूली गंगा हैं तथा इसमें मिलने वाले गोल - गोल पत्थरों को शालीग्राम कहा जाता है |
कोसी | 730 | इसकी मुख्य धारा अरुण नदी ( तिब्बत में पंगचू ) है तथा इसकी सहायक नदियाँ हैं - यारू , सूनकोसी , तामूर कोसी , इन्द्रावती , लीखू , दूधकोसी , भोटकोसी , ताम्बाकोसी आदि |
बेतवा या वेत्रवती | 480 | ऊपरी मार्ग में कई झरनों का निर्माण |
सोन | 780 | नर्मदा के समीप उद्गम |
ब्रम्हपुत्र ( तिब्बत में सांपू तथा असं में दिहांग ) | 2,900 ( भारत में 916 ) | प्रमुख सहायक नदियाँ हैं- दिबांग , लोहित ,कामेंग , सुबनसिरी , मानस , पुथीमारी , धन सिटी , पगलडिया , तीस्ता ( बांग्लादेश में ) |
नर्मदा ( विंध्य व सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला के मध्य से होकर बहती है ) | 1,312 | जबलपुर में भेड़ाघाट के समीप कपिलधारा ( धुआँधार ) जलप्रपात का निर्माण एवं डेल्टा के बजाय एश्चुअरी बनाती हैं । यह विभ्रंश घाटी ( Rift valley ) से होकर बहती है |
ताप्ती | 724 | डेल्टा के बजाय एश्चुअरी बनाती है एवं पूरणा प्रमुख सहायक नदी है |
महानदी | 815 | ब्राह्मणी तथा वैतरणी सहायक नदियाँ हैं |
क्षिप्रा | 560 | इसके किनारे उज्जैन का विख्यात महाकालेश्वर मंदिर है , जहाँ प्रति 12 वें वर्ष कुम्भ मेला लगता है |
माही | 585 | इस पर बजाज सागर बाँध ( बासवाड़ा ) बनाया गया है |
लूनी | 320 | यह भारत की एकमात्र अन्तर्वाही नदी है एवं जोवाई , सूकरी एवं जोजारी इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ हैं |
सोम | 780 | जोखम , गोमती तथा सारनी इसकी सहायक नदियाँ हैं |
साबरमती | 371 | नदी की लम्बाई राजस्थान में 48 किलोमीटर, और गुजरात में 323 किलोमीटर है , साबरमती गुजरात की प्रमुख नदी है इसके तट पर राज्य के अहमदाबाद और गांधीनगर जैसे प्रमुख नगर बसे हैं और धरोई बाँध योजना द्वारा साबरमती नदी के जल का प्रयोग गुजरात में सिंचाई और विद्युत् उत्पादन के लिए होता है |
बनास ( अर्थात वन की आशा ) | 480 | यह एक मात्र ऐसी नदी है जो संपूर्ण चक्र राजस्थान में ही पूरा करती है तथा इसकी सहायक नदियों में बेड़च , कोठारी , मानसी खारी , मोरेल है |
बाणगंगा | 378 | इस पर जमवारामगढ़ के पास बांध बनाकर जयपुर को पेयजल की आपूर्ति की जाती है |
कृष्णा | 1 ,401 | इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ हैं भीमा , तुंगभद्रा , मूसी , अमरावती , कोयना , पंचगंगा , दूधगंगा , घाटप्रभा , मालप्रभा आदि |
गोदावरी | 1,465 | इसे वृद्धगंगा या दक्षिणी गंगा भी कहा जाता है एवं गोदावरी की प्रमुख सहायक नदियाँ हैं- पेनगंगा , इंद्रावती , प्राणहिता , मंजीरा , सबरी , पुरना , वैनगंगा , प्रवदा एवं वर्धा |
कावेरी | 800 | इसे दक्षिण भारत की गंगा के रूप में भी जाना जाता है , शिवसमुद्रम जलप्रपात तथा श्रीरंगपट्टम एवं शिवसमुद्रम द्वीपों की उपस्थिति इसका महत्व बढ़ा देती है तथा इसकी सहायक नदी है - बाएँ , हेमावती , शिम्सा , अर्कावती , दाएँ-काबिनी भवानी , नोय्यल , अमरावती |
तुंगभद्रा | 331 | इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ हैं — कुमुदवती , वर्धा , मगारी तथा हिन्द |
पेन्नार | 597 | इसकी सहायक नदियाँ हैं — पापहनी तथा चित्रावती |
दक्षिणी टोंस | 265 | इस पर बिहार प्रपात स्थित है |
पेरियार | 244 | यह नदी केरल में प्रवाहित होती है |
उमियम | --- | यह एक छोटी नदी है |
हुगली | 360 | इसकी प्रमुख सहायक नदी जलांगी है एवं यह भारत में सबसे ऊँची ज्वारीय ज्वारभित्ति वाली नदी है तथा इसका नदी मुख भारत की नदियों में सबसे बड़ा है |
बैगाई | 288 | इसकी सहायक नदियाँ हैं कुमम , वर्षानाड , सरिलियार , तेवियार , बराह तथा मंगलार |
अन्य जानकारी
⦿ उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी जिले में 3,900 मीटर की ऊँचाई पर गोमुख के निकट गंगोत्री हिमानी गंगा का उद्गम स्रोत है । यहाँ इसे भागीरथी कहते हैं ।
⦿ अलकनंदा का उद्गम स्रोत बद्रीनाथ के ऊपर सतोपथ हिमानी ( अलकापुरी हिमनद ) में है । अलकनंदा धौली और विष्णु गंगा की धाराओं से मिलकर बनती है , जो जोशीमठ या विष्णु प्रयाग में मिलती है । अलकनंदा की एक अन्य सहायक नदी पिंडार है , जो इससे कर्ण प्रयाग में मिलती है । अलकनंदा में माहसीर नाम की मछली होती है इसका निवास नदी के निचले हिस्से में होता है किन्तु अंडा देने के लिए यह ऊपर आ जाती है ।
⦿ अलकनंदा एवं मंदाकिनी ( या कालीगंगा ) के संगम पर रूद्रप्रयाग स्थित है ।
नदियाँ | संगम स्थान का नाम |
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धौली और विष्णु गंगा का संगम | विष्णु प्रयाग ( उत्तराखंड ) |
अलकनंदा और पिंडार का संगम | कर्ण प्रयाग ( उत्तराखंड ) |
अलकनंदा और मंदाकिनी का संगम | रूद्र प्रयाग ( उत्तराखंड ) |
अलकनंदा और नंदाकिनी का संगम | नन्द प्रयाग ( उत्तराखंड ) |
अलकनंदा और भागीरथी का संगम | देव प्रयाग ( उत्तराखंड ) |
⦿ गंगा नदी का नाम गंगा देवप्रयाग के बाद पड़ता है , जहाँ अलकनंदा एवं भागीरथी आपस में मिलती है । गंगा हरिद्वार के निकट मैदानी भाग में प्रवेश करती है । यहाँ से पहले दक्षिण की ओर फिर दक्षिण - पूर्व की ओर फिर पूर्व की ओर बहती है ।
⦿ गंगा नदी बांग्लादेश में पद्मा के नाम से बहती है । ब्रह्मपुत्र नदी बांग्लादेश में जमुना के नाम से बहती है और पाबना के पूर्व गोलुंडोघाट के पास पद्मा से मिलती है और इसकी सम्मिलित धारा को पद्मा कहते हैं । आगे बहती हुई जब यह नदी चाँदपुर के उत्तर पहुँचती है तो मेघना इससे आकर मिलती है तब यह मेघना के नाम से बहती हुई कई जल - वितरिकाओं में बँटती हुई समुद्र में मिल जाती है । मेघना की सहायक बराक नदी ( उद्गम मणिपुर की माऊंट जानपो पहाड़ी ) है ।
⦿ ब्रह्मपुत्र नदी ( यरलूंग जंगबो नदी ) चेम युन्ग हुँग हिमानी से निकलती है । यह हिमानी मानसरोवर झील के दक्षिण पूर्व में लगभग 80 किमी . की दूरी पर है । तिब्बत में इसे सांग्पो ( Tsangpo ) , अरूणाचल प्रदेश में दिहांग एवं असम में ब्रह्मपुत्र कहते हैं । यह एक पूर्ववर्ती नदी है । इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ हैं — दिबांग , कामेंग , लोहित , सबनसिटी , भरेली , मानस , धनसिरो , रैदाक , पगलडिया , कोपिली ।
⦿ चम्बल राजस्थान की एक मात्र ऐसी नदी है जो सालभर बहती है । यह चौरासीगढ़ ( चित्तौड़ ) के पास राजस्थान में प्रवेश करती है । इस नदी पर भैंसरोड़गढ़ ( चित्तौड़ ) के पास प्रख्यात चूलिया जलप्रपात है ।
⦿ सिंधु नदी भारत में केवल जम्मू व कश्मीर राज्य से होकर बहती है । भारत व पाकिस्तान सिन्धु नदी जल समझौता संधि ( 1960 ) के अनुसार भारत इस नदी प्रक्रम यानी सिंधु नदी एवं उसके सहायक नदी झेलम एवं चिनाव के सम्पूर्ण जल का केवल 20 % जल उपयोग कर सकता है ।
⦿ रायगढ़ एवं रत्नागिरी के बीच सावित्री नदी बहती है जो इन दोनों स्थानों की सीमा रेखा का निर्धारण करती है ।
⦿ वंशधारा नदी ओडिशा के कालाहांडी जिले से निकलती है जो गोदावरी एवं रिषिकुल्या नदी के बीच से बहते हुए बंगाल की खाड़ी में गिरती है ।
⦿ गोदावरी नदी का जलग्रहण क्षेत्र ( Catchment Area ) भारत के सात राज्यों - महाराष्ट्र , तेलंगाना , छतीसगढ़ , मध्य प्रदेश , आन्ध्र प्रदेश , कर्नाटक एवं ओडिशा में विस्तृत है ।
⦿ बराक नदी मणिपुर हिल के माउंट जानपो से निकलती है । यह भारत के असम , मणिपुर तथा मिजोरम राज्यों से बहते हुए बांग्लादेश में प्रवाहित होती है । बराक नदी की प्रमुख सहायक नदियाँ हैं — जिरि धलेश्वरी , सिंगला , लोंगइ तथा सोनाई । बांग्लादेश में इसे सुरमा तथा मेघना के नाम से जाना जाता है । बराक नदी को राष्ट्रीय जलमार्ग-6 घोषित किया गया है । इस नदी पर तिहाइमुख बाँध अवस्थित है ।
⦿ प्रायद्वीपीय नदियों का उत्तर से दक्षिण की ओर क्रम - महानदी , गोदावरी , कृष्णा , पेन्नार , कावेरी एवं वैगाई ।
⦿ प्रायद्वीपीय नदियों का लम्बाई के अनुसार घटता क्रम - गोदावरी , कृष्णा , नर्मदा , महानदी , कावेरी एवं ताप्ती ।
⦿ 16 सितम्बर , 2015 को आन्ध्र प्रदेश सरकार द्वारा लिए गये महत्वपूर्ण निर्णय के अन्तर्गत दक्षिण भारत की दो बड़ी नदियों गोदावरी एवं कृष्णा को जोड़ने का कार्य किया गया । इसके अन्तर्गत परीक्षण के तौर पर आन्ध्र प्रदेश के गोदावरी जिले इब्राहिमपट्टनम नामक स्थान से पहली बार गोदावरी नदी के 600 क्यूसेक पानी को पोलावरम नहर द्वारा विजयवाड़ा जिले में कृष्णा नदी तक पहुँचाया गया । यह पोलावरम-विजयवाड़ा लिंक परियोजना आन्ध्र प्रदेश के कृष्णा व गुंटूर जिलों में पानी की कमी का सामना कर रहे किसानों के लिए लाभकारी मानी जा रही है ।
⦿ गोवा में दो महत्वपूर्ण नदियाँ हैं— मांडवी एवं जुआरी ।
यह भी देखें
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