तरंग
नमस्कार दोस्तों Sarkaripen.com में आप लोगो का स्वागत है क्या आप तरंग की जानकारी पाना चाहते है , आज के समय किसी भी नौकरी की प्रतियोगिता की दृष्टि से यह एक महत्वपूर्ण विषय है तथा Tarang in hindi की जानकारी होना बहुत आवश्यक है इसलिए आज हम Tarang विषय के बारे में बात करेंगे। निचे Wave की जानकारी निम्नवत है।
⦿ तरंगों को मुख्यतः दो भागों में बाँटा जा सकता है—
1. यांत्रिक तरंग (Mechanical Wave)
2. अयांत्रिक तरंग (Non-mechanical Wave)
यांत्रिक तरंग
⦿ वे तरंगें जो किसी पदार्थिक माध्यम (ठोस, द्रव अथवा गैस) में संचरित होती हैं— "यांत्रिक तरंगें कहलाती हैं।"
⦿ यांत्रिक तरंगों को मुख्यतः दो भागों में बाँटा गया है—
1. अनुदैर्घ्य तरंग (Longitudinal Waves)
2. अनुप्रस्थ तरंग (Transverse Waves)
अनुदैर्घ्य तरंग
⦿ जब तरंग गति की दिशा माध्यम के कणों के कम्पन करने की दिशा के अनुदिश (या समांतर) होती है, तो ऐसी तरंग को अनुदैर्घ्य तरंग कहते हैं। ध्वनि अनुदैर्घ्य तरंग का उदाहरण है। अनुदैर्घ्य तरंगों का ध्रुवण नहीं होता है।
अनुप्रस्थ तरंग
⦿ जब तरंग गति की दिशा माध्यम के कणों के कम्पन करने की दिशा के लम्बवत् होती है, तो इस प्रकार की तरंगों को 'अनुप्रस्थ तरंग' कहते हैं।
अयांत्रिक तरंग या विद्युत् चुम्बकीय तरंग (Electromagnetic Waves)
⦿ वैसी तरंगें जिसके संचरण के लिए किसी माध्यम की आवश्यकता नहीं होती है, अर्थात् तरंगें निर्वात में भी संचरित हो सकती हैं, उन्हें विद्युत् चुम्बकीय या अयांत्रिक तरंग कहते हैं— सभी विद्युत् चुम्बकीय तरंगें एक ही चाल से चलती हैं, जो प्रकाश की चाल के बराबर होती है।
⦿ सभी विद्युत् चुम्बकीय तरंगें फोटॉन की बनी होती हैं।
⦿ विद्युत् चुम्बकीय तरंगों का तरंगदैर्घ्य परिसर `10^{14}` मीटर से लेकर `10^{4}` मीटर तक होता है।
⦿ विद्युत् चुम्बकीय तरंगों के गुण— 1. यह उदासीन होती है, 2. यह अनुप्रस्थ होती है, 3. यह प्रकाश के वेग से गमन करती है, 4. इसके पास ऊर्जा एवं संवेग होती है, 5. इसकी अवधारणा मैक्सवेल (Maxwell) के द्वारा प्रतिपादित किया गया।
तरंग-गति (Wave-Motion)
⦿ किसी कारक द्वारा उत्पन्न विक्षोभ के आगे बढ़ने की प्रक्रिया को तरंग-गति कहते हैं।
⦿ कम्पन की कला (Phase of Vibration): आवर्त गति में कम्पन करते हुए किसी कण की किसी क्षण पर स्थिति तथा गति की दिशा को जिस राशि द्वारा निरूपित किया जाता है उसे उस क्षण पर के कम्पन की कला कहते हैं।
⦿ निम्न तरंगें विद्युत् चुम्बकीय नहीं हैं— 1. कैथोड किरणें 2. कैनाल किरणें 3. α-किरणें 4. β-किरणें 5. ध्वनि तरंगें 6. पराश्रव्य तरंगें।
⦿ आयाम (Amplitude): दोलन करने वाली वस्तु अपनी साम्य स्थिति की किसी भी ओर जितनी अधिक-से-अधिक दूरी तक जाती है, उस दूरी को दोलन का आयाम कहते हैं।
⦿ तरंगदैर्ध्य (Wave-Length): तरंग गति में समान कला में कम्पन करने वाले दो क्रमागत कणों के बीच की दूरी को तरंगदैर्ध्य कहते हैं। इसे ग्रीक अक्षर λ (लैम्डा) से व्यक्त किया जाता है। अनुप्रस्थ तरंगों में दो पास-पास के श्रृंगों अथवा गर्तों के बीच की दूरी तथा अनुदैर्ध्य तरंगों में क्रमागत दो संपीडनों या विरलनों के बीच की दूरी तरंगदैर्ध्य कहलाती है।
⦿ सभी प्रकार की तरंगों में तरंग की चाल, तरंगदैर्ध्य एवं आवृत्ति के बीच निम्न संबंध होता है—
तरंग-चाल आवृत्ति × तरंगदैर्घ्य या, v = nλ
प्रमुख विद्युत चुम्बकीय तरंगों के खोजकर्ता एवं तरंगदैर्ध्य परिसर
विद्युत् चुम्बकीय तरंगें | खोजकर्ता | तरंगदैर्ध्य परिसर |
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गामा-किरणें | पॉल विलार्ड | `10^{-14}`m से `10^{-10}`m तक |
एक्स किरणें | रॉन्जन | `10^{-10}`m से `10^{-8}`m तक |
पराबैंगनी किरणें | रिटर | `10^{-8}`m से `10^{-7}`m तक |
दृश्य-विकिरण | न्यूटन | 3.9X`10^{-7}`m से 7.8X`10^{-7}`m तक |
अवरक्त विकिरण | हर्शेल | 7.8X`10^{-7}`m से `10^{-3}`m तक |
लघु रेडियो तरंगें या हर्ट्जियन तरंगें | हेनरिक हर्ट्ज | `10^{-3}`m से 1 m तक |
दीर्घ रेडियो तरंगें | मार्कोनी | 1 m से `10^{4}`m तक |
⦿ गामा-किरण का नामकरण रदरफोर्ड ने किया था।
⦿ `10^{-3}`m से `10^{-2}`m की तरंगे सूक्ष्म तरंगे कहलाती है।
प्रमुख विद्युत चुम्बकीय तरंगों के आवृत्ति परिसर एवं उपयोग
विद्युत् चुम्बकीय तरंगें | आवृत्ति परिसर | उपयोग |
---|---|---|
गामा-किरणें* | `10^{20}` से `10^{18}` तक | इसकी वेधन क्षमता अत्यधिक होती है, इसका उपयोग नाभिकीय अभिक्रिया तथा कृत्रिम रेडियोधर्मिता में की जाती है। |
एक्स किरणें | `10^{18}` से `10^{16}` तक | चिकित्सा एवं औद्योगिक क्षेत्र में इसका उपयोग किया जाता है। |
पराबैंगनी किरणें | `10^{16}` से `10^{14}` तक | सिकाई करने, प्रकाशविद्युत् प्रभाव को उत्पन्न करने, बैक्टीरिया को नष्ट करने में किया जाता है । |
दृश्य-विकिरण | `10^{14}` से `10^{12}` तक | इससे हमें वस्तुएँ दिखलाई पड़ती हैं। |
अवरक्त विकिरण | `10^{12}` से `10^{10}` तक | ये किरणें ऊष्मीय विकिरण हैं। ये जिस वस्तु पर पड़ती है, उसका ताप बढ़ जाता है। इसका उपयोग कुहरे में फोटोग्राफी करने एवं रोगियों की सेंकाई करने में किया जाता है। |
लघु रेडियो तरंगें या हर्ट्जियन तरंगें | `10^{10}` से `10^{8}` तक | रेडियो, टेलीविजन एवं टेलीफोन में इसका उपयोग होता है। |
दीर्घ रेडियो तरंगें | `10^{6}` से `10^{4}` तक | रेडियो एवं टेलीविजन में उपयोग होता है। |
यह भी देखें
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